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कोरोना पर ईटीवी भारत की पड़ताल: जानिए दूसरों को सुरक्षा देने वाले खुद कितने सुरक्षित

कोरोना वायरस को लेकर पूरे भारत में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस लॉकडाउन को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका पुलिस निभा रही है. दूसरों को सुरक्षा देने वाली पुलिस आखिर खुद कितनी सुरक्षित है. इस चीज की पड़ताल की ईटीवी भारत की टीम ने.

How is the police protecting against the corona virus in ranchi
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Published : Apr 4, 2020, 8:12 PM IST

रांची: कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है. हमारा देश भारत भी महामारी से अछूता नहीं है यही वजह है कि 14 अप्रैल तक पूरे भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है. लॉकडाउन में कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकले इसकी जिम्मेवारी कानून के रक्षक ही निभा रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम रांची में कानून के रक्षक अपने आपको कोरोना जैसे घातक वायरस से किस तरह बचा कर रख रहे हैं, इसकी रियलिटी चेक भी की.

देखिए स्पेशल खबर

राजधानी रांची में लॉकडाउन की वजह से भले ही अपराध के आंकड़ों में भारी गिरावट हुई है, लेकिन इसके बावजूद छोटे-मोटे वारदातों से संबंधित मामले थाने में आते रहते हैं. चूंकि कोरोना वायरस एक दूसरे को छूने से फैलने वाला बीमारी है. ऐसे में हाथों को बेहतर ढंग से धोना, मास्क पहनना और सेनेटाइजर का यूज करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करना ही इस बीमारी का एकमात्र बचाव है. ईटीवी भारत की टीम ने रांची के डोरंडा थाने का जायजा लिया और यह देखा कि आखिर हमारी सुरक्षा का भार अपने कंधों पर लिए पुलिसकर्मी क्या अपने सुरक्षा के लिए सजग हैं? क्या उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए थाने में कोई इंतजाम किया है?

पड़ताल में दिखे जागरूक हैं पुलिस वालें

ईटीवी भारत की टीम जब थाने पहुंची तब उसने सबसे पहले यह देखा कि थानेदार अपने कक्ष से बाहर थाना परिसर में ही बैठे हुए थे. थानेदार के कुर्सी से करीब 2 मीटर की दूरी पर एक लाल कलर का रिबन लगा हुआ था. रिबन के पास ही एक पुलिस का जवान हाथ में सेनेटाइजर की बोतल लिए हुए खड़ा था. हम जैसे ही लाल रिबन के नजदीक पहुंचे सबसे पहले वहां खड़े पुलिस के जवान जितेंद्र सिंह ने हमारा हाथ हमारी माइक आईडी को सेनेटाइज किया और उसके बाद थानेदार से मिलने जाने दिया.

बिना सेनेटाइन के प्रवेश नहीं

इस दौरान थाने में जो भी पुलिसकर्मी वापस लौट रहा था उसे भी उसने सेनेटाइज किया जा रहा था. ड्यूटी पर तैनात जवान जितेंद्र सिंह ने बताया कि थाना प्रभारी का आदेश है कि थाना परिसर के अंदर जो भी आएगा उसे सेनेटाइज किए बगैर अंदर नहीं जाने देना है और वह उसी आदेश का पालन कर रहे हैं. इसी बीच जो जवान अपनी ड्यूटी से वापस थाना लौट रहे थे उन्होंने भी बताया कि वे लोगों को समझा-बुझाकर लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करवा रहे हैं. इसके साथ ही वे अपनी भी सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रहे हैं.

ये भी पढ़ें: नक्सलियों ने हॉस्टल को विस्फोट कर उड़ाया, एक शख्स को भी मारी गोली

पीटिसन को भी किया जाता है सेनेटाइज

पूरे मामले को लेकर रांची के डोरंडा थाना प्रभारी शैलेश कुमार ने बताया कि चुंकी लॉकडाउन की स्थिति है और कोरोना जैसी महामारी फैली हुई है, लेकिन लोग थाने में आते ही रहते हैं अपनी फरियाद लेकर. इस दौरान हर पुलिसकर्मी को उनका पीटिसन भी लेना है. इसके साथ ही मामलों पर कार्रवाई भी करनी है. यही वजह है कि थाने में हर आने जाने वाले लोगों को सबसे पहले साबुन से हाथ धुलाया जाता है, फिर उन्हें सेनेटाइज कर उनके पेटीशन को भी सेनेटाइज किया जाता है और उसके बाद उन्हें थाने में आने दिया जाता है.

रांची: कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है. हमारा देश भारत भी महामारी से अछूता नहीं है यही वजह है कि 14 अप्रैल तक पूरे भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है. लॉकडाउन में कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकले इसकी जिम्मेवारी कानून के रक्षक ही निभा रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम रांची में कानून के रक्षक अपने आपको कोरोना जैसे घातक वायरस से किस तरह बचा कर रख रहे हैं, इसकी रियलिटी चेक भी की.

देखिए स्पेशल खबर

राजधानी रांची में लॉकडाउन की वजह से भले ही अपराध के आंकड़ों में भारी गिरावट हुई है, लेकिन इसके बावजूद छोटे-मोटे वारदातों से संबंधित मामले थाने में आते रहते हैं. चूंकि कोरोना वायरस एक दूसरे को छूने से फैलने वाला बीमारी है. ऐसे में हाथों को बेहतर ढंग से धोना, मास्क पहनना और सेनेटाइजर का यूज करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करना ही इस बीमारी का एकमात्र बचाव है. ईटीवी भारत की टीम ने रांची के डोरंडा थाने का जायजा लिया और यह देखा कि आखिर हमारी सुरक्षा का भार अपने कंधों पर लिए पुलिसकर्मी क्या अपने सुरक्षा के लिए सजग हैं? क्या उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए थाने में कोई इंतजाम किया है?

पड़ताल में दिखे जागरूक हैं पुलिस वालें

ईटीवी भारत की टीम जब थाने पहुंची तब उसने सबसे पहले यह देखा कि थानेदार अपने कक्ष से बाहर थाना परिसर में ही बैठे हुए थे. थानेदार के कुर्सी से करीब 2 मीटर की दूरी पर एक लाल कलर का रिबन लगा हुआ था. रिबन के पास ही एक पुलिस का जवान हाथ में सेनेटाइजर की बोतल लिए हुए खड़ा था. हम जैसे ही लाल रिबन के नजदीक पहुंचे सबसे पहले वहां खड़े पुलिस के जवान जितेंद्र सिंह ने हमारा हाथ हमारी माइक आईडी को सेनेटाइज किया और उसके बाद थानेदार से मिलने जाने दिया.

बिना सेनेटाइन के प्रवेश नहीं

इस दौरान थाने में जो भी पुलिसकर्मी वापस लौट रहा था उसे भी उसने सेनेटाइज किया जा रहा था. ड्यूटी पर तैनात जवान जितेंद्र सिंह ने बताया कि थाना प्रभारी का आदेश है कि थाना परिसर के अंदर जो भी आएगा उसे सेनेटाइज किए बगैर अंदर नहीं जाने देना है और वह उसी आदेश का पालन कर रहे हैं. इसी बीच जो जवान अपनी ड्यूटी से वापस थाना लौट रहे थे उन्होंने भी बताया कि वे लोगों को समझा-बुझाकर लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करवा रहे हैं. इसके साथ ही वे अपनी भी सुरक्षा का पूरा ख्याल रख रहे हैं.

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पीटिसन को भी किया जाता है सेनेटाइज

पूरे मामले को लेकर रांची के डोरंडा थाना प्रभारी शैलेश कुमार ने बताया कि चुंकी लॉकडाउन की स्थिति है और कोरोना जैसी महामारी फैली हुई है, लेकिन लोग थाने में आते ही रहते हैं अपनी फरियाद लेकर. इस दौरान हर पुलिसकर्मी को उनका पीटिसन भी लेना है. इसके साथ ही मामलों पर कार्रवाई भी करनी है. यही वजह है कि थाने में हर आने जाने वाले लोगों को सबसे पहले साबुन से हाथ धुलाया जाता है, फिर उन्हें सेनेटाइज कर उनके पेटीशन को भी सेनेटाइज किया जाता है और उसके बाद उन्हें थाने में आने दिया जाता है.

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