रांची: मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में लेवी वसूली रोकने और उसकी मॉनिटरिंग के लिए हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है. चतरा में चल रही दोनों कोल परियोजनाओं में स्थानीय पुलिस प्रशासन, सीसीएल अधिकारियों और टीपीसी उग्रवादियों के द्वारा सांठगांठ कर लेवी वसूली की जांच सीबीआई से कराने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
हाईकोर्ट ने इस मामले में हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी के गठन का आदेश दिया था. जिसके बाद डीजीपी ने इसके गठन का आदेश सीआईडी एडीजी को दिया था. सीआईडी एडीजी ने डीजीपी के आदेश पर इस संबंध में हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है.
कमेटी में कौन-कौन, क्या होगा काम
हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी का नेतृत्व सीआईडी के आईजी संगठित अपराध रंजीत प्रसाद करेंगे. इस टीम में सीआईडी के डीआईजी और एसपी प्रथम को रखा गया है. प्रत्येक 15 दिन में यह कमेटी चतरा की दोनों कोल परियोजना में लेवी वसूली के मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
चतरा में कोल परियोजनाओं से जुड़े 11 मामलों की हो रही जांच
चतरा में कोल परियोजनाओं से टीपीसी अपराधियों के द्वारा लेवी वसूलने, छह अलग-अलग कमेटी बनाकर पैसे वसूलने के मामले में टंडवा, पिपरवार, लावालौंग, सदर थाने में कुल 11 मामले दर्ज हैं. इन मामलों की ही जांच सीबीआई से कराने के लिए हाईकोर्ट में रिट पीटिशन फाइल हुआ था.
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ट्रांसपोर्टरों पर भी शिकंजा
हालांकि बाद में एनआईए ने टंडवा थाने में दर्ज कांड समेत टीपीसी समेत अन्य उग्रवादी संगठनों के द्वारा टेरर फंडिंग से जुड़े कांड में एफआईआर दर्ज की थी. एनआईए ने कोल परियोजना में लेवी के मामले में चार्जशीट भी फाइल की है. एनआईए को इस मामले में टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू, आक्रमण समेत कइयों की तलाश है. एनआईए ने कई ट्रांसपोर्टरों पर भी शिकंजा कसा है.