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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों की हुई उच्चस्तरीय बैठक, नहीं लिया कोई निर्णय

रांची में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों की उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस दौरान 7 सूत्री मांगों को लेकर चर्चा की गई. हालांकि उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

high level meeting of para teachers in ranchi
पारा शिक्षकों की बैठक
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Published : Feb 22, 2021, 8:17 PM IST

रांची: जिले में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस दौरान पारा शिक्षकों की मृत्यु व सेवानिवृत्ति की स्थिति में न्यूनतम 5 लाख और हर साल 10 फीसदी की वृद्धि करने की मांग रखी गई. इसके साथ ही पारा शिक्षकों के पुत्र -पुत्री की शादी के लिए न्यूनतम तीन लाख का लोन की भी मांग की.

रखी विविध मांगें

ईपीएफ के साथ पारा शिक्षकों को जोड़े जाने के साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की मांग भी रखी गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एकीकृत मोर्चा के प्रस्ताव को नोट करते हुए अगली बैठक में अंतिम निर्णय लेने का निर्देश अधिकारियों को दिया और अन्य मुद्दों पर मांग पत्र समाधान का आग्रह मुख्यमंत्री से पारा शिक्षकों ने किया है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान अन्य मुद्दों पर जल्द से जल्द बैठक बुलाने की बात कही है.

7 सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन
अपनी 7 सूत्री मांगों के तहत पारा शिक्षकों ने यह भी कहा कि सूबे के 65,000 पारा शिक्षक 17 -18 सालों से अपने सेवा के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए लगातार आंदोलित हैं. पूर्व की सरकारों ने आश्वासन के सिवाय उन्हें कुछ नहीं दिया है. इस दौरान पारा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष 7 सूत्री प्रस्ताव रखा.

राज्य के 65,000 पारा शिक्षकों के स्थायीकरण वेतनमान के निमित्त प्रस्तावित नियमावली 9 जून 2020 को हुई उच्चस्तरीय बैठक में हुए समझौते के अनुसार एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों की ओर से दिए गए सुझाव के आधार पर लागू करने की मांग की गई.

बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विकास आयुक्त, शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना निदेशक, पारा शिक्षक मोर्चा के विनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार प्रद्युम्न कुमार सिंह और मोहन मंडल भी शामिल हुए.

रांची: जिले में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस दौरान पारा शिक्षकों की मृत्यु व सेवानिवृत्ति की स्थिति में न्यूनतम 5 लाख और हर साल 10 फीसदी की वृद्धि करने की मांग रखी गई. इसके साथ ही पारा शिक्षकों के पुत्र -पुत्री की शादी के लिए न्यूनतम तीन लाख का लोन की भी मांग की.

रखी विविध मांगें

ईपीएफ के साथ पारा शिक्षकों को जोड़े जाने के साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की मांग भी रखी गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एकीकृत मोर्चा के प्रस्ताव को नोट करते हुए अगली बैठक में अंतिम निर्णय लेने का निर्देश अधिकारियों को दिया और अन्य मुद्दों पर मांग पत्र समाधान का आग्रह मुख्यमंत्री से पारा शिक्षकों ने किया है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान अन्य मुद्दों पर जल्द से जल्द बैठक बुलाने की बात कही है.

7 सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन
अपनी 7 सूत्री मांगों के तहत पारा शिक्षकों ने यह भी कहा कि सूबे के 65,000 पारा शिक्षक 17 -18 सालों से अपने सेवा के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए लगातार आंदोलित हैं. पूर्व की सरकारों ने आश्वासन के सिवाय उन्हें कुछ नहीं दिया है. इस दौरान पारा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष 7 सूत्री प्रस्ताव रखा.

राज्य के 65,000 पारा शिक्षकों के स्थायीकरण वेतनमान के निमित्त प्रस्तावित नियमावली 9 जून 2020 को हुई उच्चस्तरीय बैठक में हुए समझौते के अनुसार एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों की ओर से दिए गए सुझाव के आधार पर लागू करने की मांग की गई.

बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विकास आयुक्त, शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना निदेशक, पारा शिक्षक मोर्चा के विनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, ऋषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार प्रद्युम्न कुमार सिंह और मोहन मंडल भी शामिल हुए.

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