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7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा: OMR शीट पर हाई कोर्ट का निर्देश, वेबसाइट पर अपलोड हुआ या नहीं जवाब दे जेपीएससी

7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा का ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड करने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने आयोग से जवाब तलब किया है. हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह में आयोग को इसका जवाब देने का निर्देश दिया है.

Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jan 27, 2022, 9:24 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 10:17 PM IST

रांची: सातवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने जेपीएससी से जवाब तलब किया है. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने आयोग को बताने का आदेश दिया है प्रारंभिक परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट जेपीएससी के साइट पर अपलोड किया गया है या नहीं. हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह में इसका जवाब देने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- आखिर क्यों स्थगित हो गई 7वीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा, कहां हो गई आयोग से चूक, पढ़ें रिपोर्ट

ओएमआर शीट अपलोड करना अनिवार्य: प्रार्थी प्रवीण कुमार चौधरी व अमित विद्यार्थी सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि जेपीएससी नियुक्ति नियमावली की धारा 30 के तहत आयोग को सभी अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है. लेकिन अभी तक ओएमआर शीट अपलोड नहीं किया गया है. इस कारण 7वीं से 10वीं जेपीएससी की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर देनी चाहिए.

निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में सातवीं जेपीएससी की पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी और प्रार्थी से जवाब मांगा है. अदालत ने जेपीएससी से पूछा किन परिस्थितियों में ऐसा नियम बनाया गया है कि ओएमआर शीट पर अब परीक्षा कक्ष निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है इससे जेपीएससी को क्या लाभ है.वहीं प्रार्थी को यह स्पष्ट बताना है कि ओएमआर शीट पर कक्ष निरीक्षक के हस्ताक्षर नहीं होने से वे कैसे प्रभावित हो रहे हैं.

कोर्ट में जेपीएससी का जवाब: सुनवाई के दौरान जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब ओएमआर शीट पर केंद्र के निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट की कॉर्बन कॉपी दी जा रही है. इसके साथ केंद्र की उपस्थिति पंजिका पर अभ्यर्थी और केंद्र निरीक्षक का संयुक्त रूप से हस्ताक्षर होता है. ओएमआर शीट पर बार कोड दिया गया है. इससे गड़बड़ी की संभावना नहीं है. क्योंकि बार कोड जेपीएससी की ओर से नहीं बनाया जाता है यह गोपनीय होता है. यह भी कहा गया कि प्रार्थी का प्रारंभिक परीक्षा में चयन नहीं हुआ है. लेकिन केंद्र निरीक्षक के हस्ताक्षर नहीं करने से वे कैसे प्रभावित हो रही हैं. यह याचिका में स्पष्ट नहीं हो पाया है. इस पर अदालत ने जेपीएससी से नई व्यवस्था की पूरी जानकारी देने और प्रार्थी को इस व्यवस्था से प्रभावित होने की स्पष्ट जानकारी मांगी है.

परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका: हाई कोर्ट में इस संबंध में पूर्णिमा कुमारी मिश्रा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. उनके अधिवक्ता अरुण कुमार दुबे ने अदालत को बताया कि प्रार्थी भी सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुईं थी. ओएमआर शीट पर परीक्षा केंद्र के निरीक्षक का हस्ताक्षर नहीं था. ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका है. इसलिए सातवीं जेपीएससी की पूरी प्रक्रिया का रद किया जाए.

रांची: सातवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने जेपीएससी से जवाब तलब किया है. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने आयोग को बताने का आदेश दिया है प्रारंभिक परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट जेपीएससी के साइट पर अपलोड किया गया है या नहीं. हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह में इसका जवाब देने का निर्देश दिया है.

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ओएमआर शीट अपलोड करना अनिवार्य: प्रार्थी प्रवीण कुमार चौधरी व अमित विद्यार्थी सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि जेपीएससी नियुक्ति नियमावली की धारा 30 के तहत आयोग को सभी अभ्यर्थियों का ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है. लेकिन अभी तक ओएमआर शीट अपलोड नहीं किया गया है. इस कारण 7वीं से 10वीं जेपीएससी की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर देनी चाहिए.

निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में सातवीं जेपीएससी की पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी और प्रार्थी से जवाब मांगा है. अदालत ने जेपीएससी से पूछा किन परिस्थितियों में ऐसा नियम बनाया गया है कि ओएमआर शीट पर अब परीक्षा कक्ष निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है इससे जेपीएससी को क्या लाभ है.वहीं प्रार्थी को यह स्पष्ट बताना है कि ओएमआर शीट पर कक्ष निरीक्षक के हस्ताक्षर नहीं होने से वे कैसे प्रभावित हो रहे हैं.

कोर्ट में जेपीएससी का जवाब: सुनवाई के दौरान जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब ओएमआर शीट पर केंद्र के निरीक्षक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट की कॉर्बन कॉपी दी जा रही है. इसके साथ केंद्र की उपस्थिति पंजिका पर अभ्यर्थी और केंद्र निरीक्षक का संयुक्त रूप से हस्ताक्षर होता है. ओएमआर शीट पर बार कोड दिया गया है. इससे गड़बड़ी की संभावना नहीं है. क्योंकि बार कोड जेपीएससी की ओर से नहीं बनाया जाता है यह गोपनीय होता है. यह भी कहा गया कि प्रार्थी का प्रारंभिक परीक्षा में चयन नहीं हुआ है. लेकिन केंद्र निरीक्षक के हस्ताक्षर नहीं करने से वे कैसे प्रभावित हो रही हैं. यह याचिका में स्पष्ट नहीं हो पाया है. इस पर अदालत ने जेपीएससी से नई व्यवस्था की पूरी जानकारी देने और प्रार्थी को इस व्यवस्था से प्रभावित होने की स्पष्ट जानकारी मांगी है.

परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका: हाई कोर्ट में इस संबंध में पूर्णिमा कुमारी मिश्रा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. उनके अधिवक्ता अरुण कुमार दुबे ने अदालत को बताया कि प्रार्थी भी सातवीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुईं थी. ओएमआर शीट पर परीक्षा केंद्र के निरीक्षक का हस्ताक्षर नहीं था. ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका है. इसलिए सातवीं जेपीएससी की पूरी प्रक्रिया का रद किया जाए.

Last Updated : Jan 27, 2022, 10:17 PM IST
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