रांची: चतुर्थ झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई सोमवार से शुरू होने जा रहा है. 26 जुलाई तक चलने वाले इस छोटे से सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट पास कराने के साथ-साथ अन्य संशोधन विधेयक को पास कराएगी, लेकिन ये सत्र काफी हंगामेदार होने वाली है.
हंगामेदार होगा मॉनसून सत्र
सदन के सुचारू रूप से संचालन के मद्देनजर 19 जुलाई को स्पीकर की ओर से बुलाई गई बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के रुख से साफ हो गया है कि सदन को सुचारू रूप से चलाना आसान नहीं होगा. हेमंत सोरेन ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि कार्यवाही के पहले दिन ही अनुपूरक बजट को सदन पटल पर रखना उनकी समझ से परे है.
रघुवर सरकार का अंतिम सत्र
चतुर्थ विधानसभा का यह अंतिम सत्र होगा, लिहाजा इसके सुचारू संचालन में विपक्ष की भूमिका जरूरी है. इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार, विपक्ष के सवालों का जवाब कैसे देती है. मीडिया से बातचीत के दौरान हेमंत सोरेन ने सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए. उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने क्या किया? यह सभी जान चुके हैं.
विकास सिर्फ कागजों पर
हेमंत सोरेन ने कहा कि विकास सिर्फ कागजों पर है. विकास का ढिंढोरा पीटने वाली रघुवर सरकार के राज में पानी के लिए छुराबाजी हो रही है. बिजली की स्थिति दयनीय हो गई है, राजधानी में लगातार अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं. लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो रही हैं.
सीएम पर निशाना
हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री पर भी निशाना साधा. सीएम के सड़क पर डंडा लेकर घूमने से ट्रैफिक व्यवस्था नहीं सुधर सकती. उन्होंने कहा कि क्या राजधानी जाम मुक्त हो गई है? नगर विकास एवं आवास मंत्री सीपी सिंह के बारे में हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्होंने राज्य के नगरों को नरक बना दिया है. हरमू नदी के सौंदर्यीकरण के नाम पर 80 करोड़ रुपए कहां गये, यह पूछा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान उनकी पार्टी सरकार के असली चेहरे को सामने लाएगी. हेमंत सोरेन ने कहा कि सत्र से पहले जिस नकाब को ओढ़कर सरकार सदन में पहुंचती थी अब वह नकाब फट चुका है.
मुद्दा है सस्पेंस
ईटीवी भारत की ओर से हेमंत सोरेन से पूछा गया कि उनकी पार्टी किन मुद्दों को लेकर मानसून सत्र के दौरान सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. इसके जवाब में हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी इसको सस्पेंस रहने दिया जाए. इसकी झलक सोमवार को दिखेगी.