रांचीः विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ चुके हैं. राज्य में बड़ा सियासी उलटफेर हो चुका है. झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन ने राज्य में बड़ी वापसी करते हुए सूबे में सरकार बनाने को तैयार है. जामताड़ा में चुनावी रैली में अपने संबोधन के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के बयान से उथल पुथल मच गया था. हेमंत ने रघुवर के खिलाफ थाने में मामला दर्ज किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने केस को वापस लिया है.
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सराहनीय पहल
जामताड़ा में 18 दिसंबर को प्रचार प्रसार के आखिरी दिन रघुवर दास ने सोरेन परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. रघुवर के बिगड़े स्वर के बाद तमाम विपक्षी दलों ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया था. हेमंत सोरेन ने तत्काल इस मामले की शिकायत जामताड़ा स्थित मिहीजाम के एसटी एससी कोर्ट में भी किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद हेमंत ने मुकदमे को वापस लेकर इस विवाद का अंत कर दिया. हेमंत ने बताया कि उनका किसी से राजनीतिक द्वेष नहीं है और वह इस केस को वापस ले रहे ताकि राज्य में पक्ष और विपक्ष के बीच अच्छी भाइचारगी बनी रहे. मनोनीत मुख्यमंत्री के इस राजनीतिक भाइचारगी वाले कदम को पॉलिटीकल जगत में खुब सराहा जा रहा है. कोई इसे अच्छा संस्कार बता रहा, तो कोई इसे अच्छा पहल बता रहा. जेपीसीसी अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने इसे अच्छा संस्कार बताया और कहा कि ऐसा कर के हेमंत ने अपना कद उंचा कर लिया. वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें इस बाबत कोई जानकारी नहीं है.