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झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति, पढ़ें रिपोर्ट

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Published : Jan 7, 2021, 12:17 AM IST

Updated : Jan 7, 2021, 6:45 AM IST

अनारक्षित उम्मीदवारों की संख्या तय कट ऑफ मार्क्स के तहत 15 गुना नहीं पहुंचती है तो कट ऑफ मार्क्स कम किए जाएंगे. इस आधार पर एसटी-एससी और ओबीसी छात्रों के लिए कट ऑफ मार्क्स 8 फीसदी तक कम किए जा सकते हैं.

hemant Cabinet approves Jharkhand Combined Civil Services Manual
झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति

रांची: हेमंत कैबिनेट ने झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज नियमावली 2020-21 को स्वीकृति दे दी है. जेपीएससी की अगली परीक्षा से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. अब प्रिलिमनरी टेस्ट यानी पीटी के आधार पर मेंस के लिए 15 गुना कैंडिडेट का चयन मेंस के लिए होगा.

नई नियमावली के मुताबिक, अनारक्षित उम्मीदवारों की संख्या तय कट ऑफ मार्क्स के तहत 15 गुना नहीं पहुंचती है तो कट ऑफ मार्क्स कम किए जाएंगे. इस आधार पर एसटी-एससी और ओबीसी छात्रों के लिए कट ऑफ मार्क्स 8 फीसदी तक कम किए जा सकते हैं.

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री

ये भी पढ़ें- बिजली बकाए की वसूली के लिए त्रिपक्षीय समझौते से राज्य सरकार ने खुद को किया अलग, कैबिनेट की मुहर

अभी तक 1951 के नियम के आधार पर जेपीएससी परीक्षा ले रही थी. इसकी वजह से जीपीएससी की परीक्षाएं लगातार विवादों में रही थीं. विवादों के निपटारे के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ था. कमेटी की अनुशंसा के आधार पर यह नियमावली बनाई गई है. कमेटी में वित्त और कार्मिक सचिव वित्त शामिल थे.

अब झारखंड लोक सेवा आयोग हर साल प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगी. सर्विस एलोकेशन के लिए पीटी, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी. अब अगर रिजर्वड कैंडिडेट क्वालीफाई कर जाते हैं, तो उन्हें भी अनारक्षित श्रेणी में रखा जाएगा.

रांची: हेमंत कैबिनेट ने झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेज नियमावली 2020-21 को स्वीकृति दे दी है. जेपीएससी की अगली परीक्षा से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. अब प्रिलिमनरी टेस्ट यानी पीटी के आधार पर मेंस के लिए 15 गुना कैंडिडेट का चयन मेंस के लिए होगा.

नई नियमावली के मुताबिक, अनारक्षित उम्मीदवारों की संख्या तय कट ऑफ मार्क्स के तहत 15 गुना नहीं पहुंचती है तो कट ऑफ मार्क्स कम किए जाएंगे. इस आधार पर एसटी-एससी और ओबीसी छात्रों के लिए कट ऑफ मार्क्स 8 फीसदी तक कम किए जा सकते हैं.

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री

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अभी तक 1951 के नियम के आधार पर जेपीएससी परीक्षा ले रही थी. इसकी वजह से जीपीएससी की परीक्षाएं लगातार विवादों में रही थीं. विवादों के निपटारे के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ था. कमेटी की अनुशंसा के आधार पर यह नियमावली बनाई गई है. कमेटी में वित्त और कार्मिक सचिव वित्त शामिल थे.

अब झारखंड लोक सेवा आयोग हर साल प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगी. सर्विस एलोकेशन के लिए पीटी, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी. अब अगर रिजर्वड कैंडिडेट क्वालीफाई कर जाते हैं, तो उन्हें भी अनारक्षित श्रेणी में रखा जाएगा.

Last Updated : Jan 7, 2021, 6:45 AM IST
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