रांची: एचईसी मजदूर (HEC Workers) बकाया वेतन की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय का साथ मिला है. गुरुवार को सुबोध कांत सहाय के नेतृत्व में सैकड़ों एचईसी कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. एचईसी कर्मी पिछले 28 दिनों से टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं. धरना प्रदर्शन कर रहे मजदूरों की मांग है कि प्रबंधन जल्द से जल्द उनका सात महीने का बकाए वेतन दे जिसके बाद ही वे अपना टूल डाउन हड़ताल वापस लेंगे.
अपनी वेतन की मांग को लेकर एचईसी मजदूर (HEC Workers) पिछले 28 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. पिछले 7 महीनों ने इन्हें वेतन नहीं मिला है. सैलरी देने के मामले में केंद्र सरकार से लेकर एचईसी प्रबंधन तक ने हाथ खड़े कर दिए हैं जिसके बाद मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. प्रबंधन और केंद्र सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिलने के बाद एचईसी के मजदूर पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय का साथ मिला है इसके आलावा वाम दल के नेता और राष्ट्रीय जनता दल ने भी मजदूरों को अपना समर्थन दिया है.
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एचईसी के मजदूरों और कर्मचारियों ने ही चंद्रयान का लॉन्चिंग पैड बनाया था. इसके अलावा भी इसरो (ISRO), भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) जैसी संस्थानों के लिए एचईसी ने अहम योगदान दिया है. इसके बावजूद भी आज एचईसी के कर्मी अपनी सैलरी के लिए आंदोलन कर रहे हैं. पिछली बार
मजदूरों के साथ HEC प्रबंधन की वार्ता विफल हो गई थी जिसके बाद एचईसी प्रबंधन ने सफाई देते हुए कहा था कि अभी सप्लायर को भी पेमेंट करना है क्योंकि सप्लायर को पेमेंट किए बिना वर्क आर्डर पूरा नहीं हो पाएगा. ऐसे में यदि सारा पैसा मजदूरों के बकाए वेतन के रूप में भुगतान कर दिया जाएगा तो फिर कारखाना को चलाना भी मुश्किल हो जाएगा. बता दें कि गौरतलब है कि वर्तमान समय में एचईसी में लगभग चार हज़ार कर्मचारी काम कर रहे हैं. जिसके लिए प्रतिमाह 6 से 7 करोड़ रुपए सिर्फ वेतन के रूप में भुगतान करना पड़ता है.लेकिन एचईसी की लगातार गिरती आर्थिक हालात की वजह से मजदूरों को 7 माह से वेतन नहीं मिला है जिसके विरोध में मजदूर पिछले 28 दिनों से टूल डाउन कर हड़ताल पर है.