रांची: एचईसी में काम कर रहे कर्मचारियों को पिछले 6 महीने वेतन नहीं मिला है. जिससे आक्रोशित कर्मचारियों ने एचईसी के अधिकारी राणा चक्रवर्ती को एचएमटीपी प्लांट में लगभग 2 घंटे तक बंधक बना लिया. काफी समय तक कर्मचारियों को समझाने और 15 दिन के वेतन पर बनी सहमति के बाद मामला शांत हुआ और उन्होंने एचईसी के अधिकारी को छोड़ा.
इसे भी पढे़ं: Hostage to Officers: एचईसी मजदूरों ने अधिकारियों को बनाया बंधक, 6 महीने से लंबित वेतन की मांग
डायरेक्टर राणा चक्रवर्ती को मजदूरों ने बंधक बनाया, जिसके बाद प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से मजदूरों को बकाया वेतन में सिर्फ 15 दिन का वेतन देने का निर्णय लिया. जिस पर मजदूरों ने प्रबंधन के इस निर्णय का विरोध किया. मजदूरों ने कहा कि जब तक प्रबंधन की तरफ से सारा बकाया वेतन नहीं दिया जाएगा तब तक हड़ताल समाप्त नहीं किया जाएगा.
पिछले एक सप्ताह से ज्यादा वक्त से एचईसी के तीनों प्लांट बंद पड़े हैं. इसका एकमात्र यही कारण है कि एचईसी के तीनों प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण तीनों प्लांट में काम ठप है. सोमवार को एचईसी के एचएमटीपी प्लांट में निरीक्षण करने पहुंचे एचईसी के डायरेक्टर राणा चक्रवर्ती को भी मजदूरों ने 2 घंटे तक बंधक बना लिया.
एचईसी में काम बंद होने के बाद एचईसी के कर्मचारियों से प्रबंधन कि लोगों ने बात की. यहां तक की एचईसी के अस्थाई सीएमडी नलिन सिंघल भी दिल्ली से रांची पहुंचकर मजदूरों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन मजदूर अपनी जिद पर अड़े रहे और उन्होंने अपने बकाए वेतन की मांग को लेकर हड़ताल जारी रखा.
इसे भी पढ़ें- आर्थिक संकट में एचईसी के मजदूर: किसी ने खोल ली दुकान तो कोई बेच रहा सब्जी
29 नवंबर को जीएम समेत 5 अधिकारियों को बनाया गया था बंधक
29 नवंबर को भी HEC Workers ने अधिकारियों को लगभग 6 घंटे तक कमरे में बंद कर दिया था. इतना ही नहीं इस दौरान मजदूरों ने अधिकारियों को शौचालय तक जाने के लिए कमरा नहीं खोला था. कर्मचारियों ने जीएम एके बेहरा सहित सीनियर मैनेजर को घंटों तक बंधक बना कर रखा और अपने बकाए वेतन के जल्द भुगतान की मांग की. काफी वक्त बाद सीआईएसएफ के हस्तक्षेप और ढेड़ महीने का वेतन भुगतान के आश्वासन पर मजदूर शांत हुए और बंधकों को आजाद किया. कंपनी के सीनियर मैनेजर एचएमटीपी प्लांट में शॉप विजिट पर आए थे. जहां वो प्लांट का निरीक्षण कर रहे थे, तभी मजदूरों ने करीब पांच अधिकारियों को धक्का देकर कमरे में बंद कर दिया था.