रांची: राज्य के प्राथमिक स्कूलों के साथ-साथ उच्च शिक्षा मुहैया कराने वाले विश्व विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है. वहीं, झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में कुलपति को छोड़ कर सभी पद रिक्त हैं. ऐसे में विद्यार्थियों के साथ-साथ यूनिवर्सिटी प्रशासन को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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शिक्षकों की कमी
राज्य के प्राथमिक स्कूलों में जहां शिक्षकों की भारी कमी है तो वहीं विश्वविद्यालयों के साथ-साथ झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भी शिक्षक है ही नहीं. शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना लगातार करना पड़ रहा है. दरअसल, झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में 92 स्वीकृत पद के विरुद्ध 91 पद रिक्त हैं. इस विश्वविद्यालय में कुलपति को छोड़कर सभी पद अब तक रिक्त पड़े हैं. पॉलिटेक्निक कॉलेज और विभिन्न शिक्षकों और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्त करा कर किसी तरह काम चलाया जा रहा है.
उच्च शिक्षा विभाग ने दी जानकारी
मामले को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जानकारी मिल रही है कि उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से इन पदों की स्वीकृति दे दी गई है. आरक्षण रोस्टर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है. झारखंड लोक सेवा आयोग से नियुक्ति के लिए नियम परिनियम पर सहमति ली जा रही है. इसके बाद रोस्टर क्लियर का नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
2011 में हुई थी विश्वविद्यालय की स्थापना
इस विश्वविद्यालय की स्थापना 2011 में हुई थी, लेकिन उस दौरान कुलपति छोड़कर शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति हुई ही नहीं थी. कुलपति की नियुक्ति भी यूजीसी की गाइडलाइन के आधार पर की गई है. इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत सरकारी निजी पीपीपी मोड पर 17 इंजीनियरिंग कॉलेज, 42 पॉलिटेक्निक कॉलेज और दो फार्मेसी कॉलेज संचालित है. इसके बावजूद अधिकारी और शिक्षकों का ना होना यह झारखंड के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. मामले को लेकर जल्द से जल्द राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी का गठन करने का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकेगा.