रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा निकाले गए असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दी जाने वाली 10% आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में झारखंड में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दिए जाने वाले 10% आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि यह रिक्त पद 2018 का है और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का नियम वर्ष 2019 में बना है. इसलिए आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए. सरकार की ओर से बताया गया कि यह सरकार का नीतिगत मामला है. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार के जवाब पर विस्तृत सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है.
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बता दें कि याचिकाकर्ता रंजीत कुमार साह ने झारखंड के आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट इंजीनियर के लिए निकाले गए विज्ञापन में 10% आरक्षण दिए जाने को चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है. वर्ष 2018 में असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था पीटी परीक्षा ली गई है. उसका रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया गया है. अब मुख्य परीक्षा होना है.