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रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत को विश्वास में नहीं लेने पर जताई नाराजगी

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Published : Jul 2, 2021, 12:14 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 7:25 PM IST

hearing on remdesivir case in jharkhand high court
जनहित याचिका पर सुनवाई

11:58 July 02

जनहित याचिका पर सुनवाई

धीरज कुमार, अधिवक्ता, हाई कोर्ट

रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय में आज एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में मुख्य न्यायमूर्ति डाॅ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने एक बार फिर नाराजगी जताई है. खंडपीठ ने ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को इस मामले में सरकारी गवाह बनाये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब इस मामले की मॉनिटरिंग उच्च न्यायालय के द्वारा की जा रही है तो अदालत को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया. खंडपीठ ने सरकार से इस पूरे मामले की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट और पूरे मामले का मूल अभिलेख मांगा है.

ग्रामीण एसपी को गवाह बनाए जाने पर कोर्ट नाराज

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के जांच के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई कि मामले में ग्रामीण एसपी को गवाह बना लिया गया है. अदालत ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से पूछा कि ग्रामीण एसपी को मामले में क्यों गवाह बनाया गया? जब मामले की मॉनिटरिंग झारखंड हाई कोर्ट कर रही है तो बिना अदालत की अनुमति के कैसे गवाह बनाया गया? इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके अलावा मामले की जांच रिपोर्ट भी अदालत में पेश करने को कहा है. एसआईटी प्रमुख अनिल पलटा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 8 जुलाई को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें: MP : रेमडेसिविर की कालाबाजारी में स्वास्थ्य अधिकारी का ड्राइवर गिरफ्तार

क्या है मामला

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में अपना पक्ष रखा. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी जमकर हुई थी. अदालत को जब जानकारी मिली तो अदालत ने मामले में स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज कर मामले की सुनवाई प्रारंभ की. रेमडेसिविर कालाबाजारी की जांच के आदेश दिए, उसी जांच में ग्रामीण एसपी को गवाह बनाए जाने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है.

रेमडेसिविर दवा की खूब हुई थी कालाबाजारी
कोरोना के दूसरी लहर में रेमडेसिविर दवा की रांची में जबरदस्त मांग थी. यह इंजेक्शन न तो अस्पताल में मिल रही थी न ही किसी दुकान में ईटीवी भारत ने जब उस दौरान रिम्स में भर्ती एक मरीज के परिजन से जानना चाहा तो उन्होंने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि वे रेमडेसिविर के लिए राजधानी सहित पूरे राज्य की दुकानों पर गए लेकिन यह दवा नहीं मिली. उन्होंने बताया कि रिम्स के वार्ड में इंचार्ज और ड्यूटी में तैनात नर्स का कहना है कि उनके पास दवा उपलब्ध नहीं है. इसे लेकर जब हमने रिम्स प्रबंधन से जानकारी लेने की कोशिश की तो रिम्स प्रबंधन ने बताया था कि अस्पताल की तरफ से सभी वार्ड में रेमडेसिविर की पर्याप्त दवा मुहैया कराई गई है. इसके बावजूद भी अगर मरीज को यह दबाव नहीं दी जा रही है तो इसका मतलब है कि वार्ड इंचार्ज और नर्स की तरफ से लापरवाही बरती जा रही है. इस तरह की कई खबरें आ रही थी कि राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में रेमडेसिविर की जबरदस्त कालाबाजारी हो रही है. इसी को देखते हुए कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए.

ये भी पढ़ें: रेमडेसिविर कालाबाजारी केस: अनिल पालटा की देखरेख में एसआईटी करेगी जांच, सरकार ने हाई कोर्ट में दी जानकारी

हाई कोर्ट में शोक सभा

झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सह लोकायुक्त डीएन उपाध्याय के निधन पर सभा का आयोजन किया गया. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शोक सभा का आयोजन किया गया. इस शोक सभा में मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे. महाधिवक्ता, केंद्र सरकार के ए.एस.जी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा, हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋतु कुमार के अलावा कई अन्य वरीय अधिवक्ता गण शोक सभा में शामिल हुए. इस दौरान सभी ने 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की.

11:58 July 02

जनहित याचिका पर सुनवाई

धीरज कुमार, अधिवक्ता, हाई कोर्ट

रांचीः झारखंड उच्च न्यायालय में आज एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में मुख्य न्यायमूर्ति डाॅ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने एक बार फिर नाराजगी जताई है. खंडपीठ ने ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को इस मामले में सरकारी गवाह बनाये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब इस मामले की मॉनिटरिंग उच्च न्यायालय के द्वारा की जा रही है तो अदालत को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया. खंडपीठ ने सरकार से इस पूरे मामले की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट और पूरे मामले का मूल अभिलेख मांगा है.

ग्रामीण एसपी को गवाह बनाए जाने पर कोर्ट नाराज

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के जांच के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत को जानकारी दी गई कि मामले में ग्रामीण एसपी को गवाह बना लिया गया है. अदालत ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से पूछा कि ग्रामीण एसपी को मामले में क्यों गवाह बनाया गया? जब मामले की मॉनिटरिंग झारखंड हाई कोर्ट कर रही है तो बिना अदालत की अनुमति के कैसे गवाह बनाया गया? इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके अलावा मामले की जांच रिपोर्ट भी अदालत में पेश करने को कहा है. एसआईटी प्रमुख अनिल पलटा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 8 जुलाई को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.

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क्या है मामला

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले में अपना पक्ष रखा. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी जमकर हुई थी. अदालत को जब जानकारी मिली तो अदालत ने मामले में स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज कर मामले की सुनवाई प्रारंभ की. रेमडेसिविर कालाबाजारी की जांच के आदेश दिए, उसी जांच में ग्रामीण एसपी को गवाह बनाए जाने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है.

रेमडेसिविर दवा की खूब हुई थी कालाबाजारी
कोरोना के दूसरी लहर में रेमडेसिविर दवा की रांची में जबरदस्त मांग थी. यह इंजेक्शन न तो अस्पताल में मिल रही थी न ही किसी दुकान में ईटीवी भारत ने जब उस दौरान रिम्स में भर्ती एक मरीज के परिजन से जानना चाहा तो उन्होंने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि वे रेमडेसिविर के लिए राजधानी सहित पूरे राज्य की दुकानों पर गए लेकिन यह दवा नहीं मिली. उन्होंने बताया कि रिम्स के वार्ड में इंचार्ज और ड्यूटी में तैनात नर्स का कहना है कि उनके पास दवा उपलब्ध नहीं है. इसे लेकर जब हमने रिम्स प्रबंधन से जानकारी लेने की कोशिश की तो रिम्स प्रबंधन ने बताया था कि अस्पताल की तरफ से सभी वार्ड में रेमडेसिविर की पर्याप्त दवा मुहैया कराई गई है. इसके बावजूद भी अगर मरीज को यह दबाव नहीं दी जा रही है तो इसका मतलब है कि वार्ड इंचार्ज और नर्स की तरफ से लापरवाही बरती जा रही है. इस तरह की कई खबरें आ रही थी कि राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में रेमडेसिविर की जबरदस्त कालाबाजारी हो रही है. इसी को देखते हुए कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए.

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हाई कोर्ट में शोक सभा

झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सह लोकायुक्त डीएन उपाध्याय के निधन पर सभा का आयोजन किया गया. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शोक सभा का आयोजन किया गया. इस शोक सभा में मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे. महाधिवक्ता, केंद्र सरकार के ए.एस.जी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा, हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋतु कुमार के अलावा कई अन्य वरीय अधिवक्ता गण शोक सभा में शामिल हुए. इस दौरान सभी ने 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की.

Last Updated : Jul 2, 2021, 7:25 PM IST
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