रांची: झारखंड की महत्वपूर्ण सड़क में से एक रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच बनने के बाद उसके किनारे में कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. इस संदर्भ में एनएचएआई का कोई नियम है या नहीं यह बताने को कहा गया है.
रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच के निर्माण के बाद सड़क के किनारे कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. कैसे बिजली के पोल लग जाते हैं. रोड ब्रेकर बना दिया जाते हैं, इस संबंध में कोई नियम एनएचआई के पास है या नहीं.
अदालत में जवाब पेश करने का आदेश
वहीं, एनएचआई की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि सड़क के किनारे निर्माण को लेकर एनएचएआई से अनुमति लेकर ही इस तरह के निर्माण कराने का प्रस्ताव है. जिस पर अदालत ने एनएचएआई को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई कि आचार संहिता लागू होने के कारण सड़क के किनारे दो अवैध निर्माण से बने घर को नहीं हटाया जा सका और आचार संहिता समाप्त होते ही उसे हटा लिया जाएगा. वहीं सरकार की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि सड़क के किनारे जो पेड़ कटाई या शिफ्टिंग से संबंधित मामले हैं उसे हाई लेवल कमेटी देखती है.
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11 जुलाई को अगली सुनवाई
बता दें कि टाटा एनएच निर्माण में दोनों तरफ पेड़ काटे जाने को लेकर स्थानीय मीडिया में खबर आने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर उसे जनहित में बदल कर सुनवाई करने का आदेश दिया था. उसी स्वता संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है.