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रांची-टाटा NH निर्माण मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई

झारखंड की महत्वपूर्ण सड़कों में से एक रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच बनने के बाद उसके किनारे में कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. इस पर एनएचआई की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि सड़क के किनारे निर्माण को लेकर एनएचएआई से अनुमति लेकर ही इस तरह के निर्माण कराने का प्रस्ताव है.

रांची-टाटा NH मामले पर सुनवाई
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Published : May 9, 2019, 10:00 PM IST

रांची: झारखंड की महत्वपूर्ण सड़क में से एक रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच बनने के बाद उसके किनारे में कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. इस संदर्भ में एनएचएआई का कोई नियम है या नहीं यह बताने को कहा गया है.

रांची-टाटा NH मामले पर सुनवाई

रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच के निर्माण के बाद सड़क के किनारे कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. कैसे बिजली के पोल लग जाते हैं. रोड ब्रेकर बना दिया जाते हैं, इस संबंध में कोई नियम एनएचआई के पास है या नहीं.

अदालत में जवाब पेश करने का आदेश
वहीं, एनएचआई की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि सड़क के किनारे निर्माण को लेकर एनएचएआई से अनुमति लेकर ही इस तरह के निर्माण कराने का प्रस्ताव है. जिस पर अदालत ने एनएचएआई को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई कि आचार संहिता लागू होने के कारण सड़क के किनारे दो अवैध निर्माण से बने घर को नहीं हटाया जा सका और आचार संहिता समाप्त होते ही उसे हटा लिया जाएगा. वहीं सरकार की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि सड़क के किनारे जो पेड़ कटाई या शिफ्टिंग से संबंधित मामले हैं उसे हाई लेवल कमेटी देखती है.

ये भी पढ़ें- MCI की टीम पहुंची हजारीबाग, इसी वर्ष मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने को लेकर कवायद तेज

11 जुलाई को अगली सुनवाई
बता दें कि टाटा एनएच निर्माण में दोनों तरफ पेड़ काटे जाने को लेकर स्थानीय मीडिया में खबर आने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर उसे जनहित में बदल कर सुनवाई करने का आदेश दिया था. उसी स्वता संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है.

रांची: झारखंड की महत्वपूर्ण सड़क में से एक रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच बनने के बाद उसके किनारे में कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. इस संदर्भ में एनएचएआई का कोई नियम है या नहीं यह बताने को कहा गया है.

रांची-टाटा NH मामले पर सुनवाई

रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में रांची-टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच के निर्माण के बाद सड़क के किनारे कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं. कैसे बिजली के पोल लग जाते हैं. रोड ब्रेकर बना दिया जाते हैं, इस संबंध में कोई नियम एनएचआई के पास है या नहीं.

अदालत में जवाब पेश करने का आदेश
वहीं, एनएचआई की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि सड़क के किनारे निर्माण को लेकर एनएचएआई से अनुमति लेकर ही इस तरह के निर्माण कराने का प्रस्ताव है. जिस पर अदालत ने एनएचएआई को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई कि आचार संहिता लागू होने के कारण सड़क के किनारे दो अवैध निर्माण से बने घर को नहीं हटाया जा सका और आचार संहिता समाप्त होते ही उसे हटा लिया जाएगा. वहीं सरकार की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि सड़क के किनारे जो पेड़ कटाई या शिफ्टिंग से संबंधित मामले हैं उसे हाई लेवल कमेटी देखती है.

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11 जुलाई को अगली सुनवाई
बता दें कि टाटा एनएच निर्माण में दोनों तरफ पेड़ काटे जाने को लेकर स्थानीय मीडिया में खबर आने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर उसे जनहित में बदल कर सुनवाई करने का आदेश दिया था. उसी स्वता संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है.

Intro:रांची
बाइट--- जयप्रकाश केसरी अपर महाधिवक्ता(बैंक)
बाइट--- मनोज टंडन अपर महाधिवक्ता(कला कोट)

झारखंड के महत्वपूर्ण सड़क में से एक रांची टाटा एनएच निर्माण मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने एनएचएआई से पूछा कि एनएच बनने के बाद उसके किनारे में कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं इस संदर्भ में एनएचएआई का कोई नियम है या नहीं यह बताने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में रांची टाटा एनएच निर्माण मामले पर सुनवाई हुई।सुनवाई के दौरान अदालत ने एनएचआई से पूछा कि एनएच के निर्माण के बाद सड़क के किनारे कच्चे मकान कैसे बन जाते हैं कैसे बिजली के पोल लग जाते हैं रोड ब्रेकर बना दिया जाते हैं इस संबंध में कोई नियम एनएचआई के पास है या नहीं एनएचआई की ओर से मौखिक रूप से कहा गया कि सड़क के किनारे निर्माण को लेकर एनएचआई से अनुमति लेकर ही इस तरह के निर्माण कराने का प्रस्ताव है जिस पर अदालत ने एनएचआई को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने का आदेश दिया है


Body:वहीं सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई कि आचार संहिता लागू होने के कारण सड़क के किनारे दो अवैध निर्माण से बने घर को नहीं हटाया जा सका और आचार संहिता समाप्त होते ही उसे हटा लिया जाएगा वहीं सरकार की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि सड़क के किनारे जो पेड़ कटाई या शिफ्टिंग से संबंधित मामले है उसे हाई लेवल कमिटी देखती है और उन्हीं के अनुमति के आधार पर पेड़ की कटाई की शिफ्टिंग की जाती है। एनएचएआई की ओर से कहा गया कि पेड़ कटाई का कार्य वन विभाग करें।एनएचएआई की ओर से राशि मुहैया करा दी जाएगी अदालत ने दोनों पक्षों को लिखित रूप से शपथ पत्र पेश करने को कहा है। पूर्व के कंपनी और केनरा बैंक के द्वारा किए गए निर्माण से संबंधित राशि को लेकर पूर्व में जो अदालत ने एनएचआई को आपस में मिलकर वन टाइम सेटेलमेंट पर बात करने को कहा था वहीं आपसी सहमति से वन टाइम सेटेलमेंट नहीं हो पाई एनएचआई की ओर से बताया गया कि इधर वन टाइम सेटेलमेंट मामले पर कंसिलेंस कमेटी अपना काम करती रहेगी इसका प्रभाव सड़क निर्माण पर असर नहीं पड़ेगा। फंड दुरुपयोग की जांच कर रही सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि सीबीआई ने मामले की जांच में ऑडिट का काम जो बैंक से करवाना था वह स्वतंत्र एजेंसी से कराएगी और स्वयं भी करेगी। सीबीआई के जवाब पर अदालत ने अपनी संतुष्टि जताते हुए उन्हें जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया है


Conclusion:आपको बता दें कि टाटा एनएच निर्माण में दोनों तरफ पेड़ काटे जाने को लेकर स्थानीय मीडिया में खबर आने पर हाईकोर्ट ने स्वतःसंज्ञान लेकर उसे जनहित में बदल कर सुनवाई करने का आदेश दिया था उसी स्वता संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है साथ ही मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई की है
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