रांची: झारखंड के सिपाहियों को एसीपी और एएमसीपी के लाभ प्रशिक्षण के बाद दिए जाने के सरकार के आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. यह सुनवाई न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में की गई. अदालत ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
दिवाकर उपाध्याय ने बताया कि झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जो एसीपी और एएमसीपी के लाभ प्रशिक्षण के बाद दिए जाने के खिलाफ थी.
वहीं सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 6 जून 2019 को एक आदेश पारित किया था. जिसमें राज्य के सिपाही को एसीपी और एएमसीपी का लाभ प्रशिक्षण के बाद देने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा यह आदेश गलत है. उन्होंने इसके लिए हाइकोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया है, जिसमें बताया है कि उन्हें एसीपी और एएमसीपी का लाभ नौकरी की अवधि दस साल, 20 साल और तीस साल के बाद दिया जाना है.
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उन्होंने अदालत को बताया कि प्रशिक्षण विभाग को दिलाना है, लेकिन विभाग के द्वारा प्रशिक्षण समय पर नहीं दिलाया जाता है. जिसके कारण से उन्हें समय पर लाभ नही मिलेगा, जो गलत है. प्रशिक्षण समय पर होने के लिए सिपाही तो दोषी नहीं है. यह तो विभाग की गलती है, विभाग की गलती सिपाही को दी जा रही है.