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दैनिककर्मी को स्थाई करने की मांग पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, याचिका खारिज - दैनिक श्रमिकों को स्थायी करने की मांग पर सुनवाई

10 वर्षों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी कर रहे कर्मचारियों के नौकरी को स्थाई करने की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 6, 2020, 10:10 PM IST

रांची: विगत 10 वर्षों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी कर रहे कर्मचारियों के नौकरी को स्थाई करने की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को एलआईसी के पास आवेदन देने का निर्देश दिया है. साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम को 6 सप्ताह में कर्मचारी के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

देखें पूरी खबर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाईबता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में लगभग 10 वर्ष से अधिक से कार्य कर रहे कर्मचारियों की सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से मामले की सुनवाई की. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने याचिकाकर्ता को एलआईसी के पास आवेदन देने को कहा है. वहीं जीवन बीमा निगम को याचिकाकर्ता के दिए गए आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट में उमा देवी केस में दिए गए फैसले के आलोक में उनके आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- कुएं से मिला मां-बेटी का शव, ससुरालवालों पर दहेज हत्या का आरोप

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका की खारिज
भारतीय जीवन बीमा निगम के जमशेदपुर मंडल में विगत 10 वर्ष से अधिक से उदय शंकर आर्या और अन्य दैनिक वेतन भोगियों के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने हाई कोर्ट में सेवा नियमितीकरण को लेकर याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम को प्रार्थी के आवेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया है.

रांची: विगत 10 वर्षों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में नौकरी कर रहे कर्मचारियों के नौकरी को स्थाई करने की मांग वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थी को एलआईसी के पास आवेदन देने का निर्देश दिया है. साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम को 6 सप्ताह में कर्मचारी के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाईबता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में लगभग 10 वर्ष से अधिक से कार्य कर रहे कर्मचारियों की सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर दायर याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से मामले की सुनवाई की. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने याचिकाकर्ता को एलआईसी के पास आवेदन देने को कहा है. वहीं जीवन बीमा निगम को याचिकाकर्ता के दिए गए आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट में उमा देवी केस में दिए गए फैसले के आलोक में उनके आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

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अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका की खारिज
भारतीय जीवन बीमा निगम के जमशेदपुर मंडल में विगत 10 वर्ष से अधिक से उदय शंकर आर्या और अन्य दैनिक वेतन भोगियों के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने हाई कोर्ट में सेवा नियमितीकरण को लेकर याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम को प्रार्थी के आवेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया है.

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