ETV Bharat / city

जमशेदपुर में कोविड मरीजों के शवों की अंतिम संस्कार मामले पर सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

जमशेदपुर के सितवनतो देवी महिला कल्याण नाम के संस्था ने कोविड19 (covid19) से संक्रमित शव की धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार करने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

hearing on funeral of covid patients dead bodies in jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट
author img

By

Published : Jun 4, 2021, 12:52 PM IST

रांची: जमशेदपुर में कोविड-19 के मरीजों की शव की अंतिम संस्कार उनके परिजन को धार्मिक रीति-रिवाज के अनुरूप में ना करने देने और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कोविड-19 के गाइडलाइन की अनदेखी को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले की जांच कर अदालत में 17 जून से पूर्व रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता

ये भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, नारी निकेतन का फंड कब तक होगा रिलीज

संक्रमितों के शव की अंतिम संस्कार को लेकर सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में जमशेदपुर में कोविड-19 के शव की अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाज और केंद्र सरकार की ओर से दिए गए गाइडलाइंस के अनुरूप नहीं किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और सरकार के अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रखा अपना पक्ष
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जमशेदपुर में कोविड-19 के शवों के अंतिम संस्कार उनके परिजनों को धार्मिक रीति-रिवाज से नहीं करने दिया जा रहा है. इसके साथ ही ना ही केंद्र सरकार की ओर से दिए गए गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है. जिस पर सरकार के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि नहीं हर एक जगह जिनके परिजन शव की अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, उन्हें दिया जा रहा है. जिस पर प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है.

अदालत ने मांगा जवाब

सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या परिवार का नाम याचिका में अंकित नहीं किया गया है. जिससे यह पता चले कि उन्हें धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने नहीं दिया जा रहा है. जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि वो लोग आहत हैं. समाज में आगे आना नहीं चाहते इसलिए उनका नाम नहीं दिया गया है और संस्था ने जनहित याचिका दायर की है. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: जमशेदपुर में कोविड-19 के मरीजों की शव की अंतिम संस्कार उनके परिजन को धार्मिक रीति-रिवाज के अनुरूप में ना करने देने और केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कोविड-19 के गाइडलाइन की अनदेखी को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले की जांच कर अदालत में 17 जून से पूर्व रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी.

जानकारी देते अधिवक्ता

ये भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, नारी निकेतन का फंड कब तक होगा रिलीज

संक्रमितों के शव की अंतिम संस्कार को लेकर सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में जमशेदपुर में कोविड-19 के शव की अंतिम संस्कार धार्मिक रीति-रिवाज और केंद्र सरकार की ओर से दिए गए गाइडलाइंस के अनुरूप नहीं किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और सरकार के अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रखा अपना पक्ष
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जमशेदपुर में कोविड-19 के शवों के अंतिम संस्कार उनके परिजनों को धार्मिक रीति-रिवाज से नहीं करने दिया जा रहा है. इसके साथ ही ना ही केंद्र सरकार की ओर से दिए गए गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है. जिस पर सरकार के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि नहीं हर एक जगह जिनके परिजन शव की अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, उन्हें दिया जा रहा है. जिस पर प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है.

अदालत ने मांगा जवाब

सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या परिवार का नाम याचिका में अंकित नहीं किया गया है. जिससे यह पता चले कि उन्हें धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने नहीं दिया जा रहा है. जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि वो लोग आहत हैं. समाज में आगे आना नहीं चाहते इसलिए उनका नाम नहीं दिया गया है और संस्था ने जनहित याचिका दायर की है. जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.