रांची: राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों की आर्थिक सहयोग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी. स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राम सुभाग सिंह ने जनहित याचिका दायर कर 50 करोड़ रुपए की पैकेज वकीलों की आर्थिक मदद को लेकर देने की मांग की है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की बेंच में सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध किया गया है.
कोरोना कि इस वैश्विक महामारी के दौरान राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं के समक्ष उत्पन्न आर्थिक संकट को दूर करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार यानी 22 अप्रैल को सुनवाई होगी. झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की बेंच में याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राम सुभाग सिंह ने आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों और अधिवक्ता के लिपिक की आर्थिक मदद को लेकर जनहित याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया है कि कोरोना वायरस के इस विभीषिका में आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ता और उनके लिपिक के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है. इसे दूर करने के लिए उनकी आर्थिक सहयोग करना उचित है. इसको लेकर उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जो पत्र दिया है. उसका भी हवाला उन्होंने अपने याचिका में दिया है.
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उन्होंने याचिका के माध्यम से बताया है कि उनके द्वारा पत्र लिखे जाने के बावजूद भी सरकार के द्वारा किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की गई है. उसके बाद उन्होंने जनहित याचिका दायर की है. स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राम सुभाग सिंह ने आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों की आर्थिक मदद को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है.उन्होंने मेल के माध्यम से जनहित याचिका दायर किया है जनहित याचिका बारे में रजिस्टार जनरल अंबुज नाथ ने मुख्य न्यायाधीश को जानकारी दी. उनके आदेश के बाद याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.