रांचीः पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के आरोपी नक्सली कुंदन पाहन की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. रांची एनआईए कोर्ट में सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित थी. न्यायिक हिरासत में 4 साल बिताने और सरकार के सरेंडर पॉलिसी के तहत सरेंडर करने का हवाला देकर कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई है.
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27 मई 2017 को झारखंड पुलिस के सामने कुंदन पाहन ने सरेंडर किया था. सरेंडर के बाद से वह न्यायिक हिरासत में है. 9 जुलाई 2008 को पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या हुई थी. आत्मसमर्पण के 4 साल बीतने के बाद सरेंडर कर चुके नक्सली कुंदन पाहन ने कोर्ट से जमानत की गुहार लगायी. कुंदन पाहन ने NIA कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की है. पूर्व मंत्री और तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या समेत कई चर्चित घटनाओं को अंजाम देने के आरोपी कुंदन पाहन फिलहाल ओपन जेल में है लेकिन अब ओपन जेल की चारदीवारी में रहते हुए बाहर आने की कोशिश में हैं. कुंदन पाहन अपने गांव लौटकर परिवार के साथ समय बिताना चाहता है. इसलिए जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. कुंदन पाहन के अधिवक्ता ईश्वर दयाल किशोर (Kundan Pahan's lawyer Ishwar Dayal Kishore) के मुताबिक, कुंदन पाहन ने अपनी कस्टडी की अवधि को जमानत का आधार बनाकर न्यायालय से उसे बेल देने की गुहार लगाई है.
2017 में किया था सरेंडर
कुंदन पाहन ने राज्य सरकार की सरेंडर नीति के तहत साल 2017 में सरेंडर किया था. उसके बाद जेल में रहकर कुंदन ने विधानसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमायी लेकिन उसे जनता का समर्थन नहीं मिला. 5 करोड़ कैश समेत 1 किलो सोने की लूट, स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के अलावा कुंदन पाहन के ऊपर कई दर्जन मुकदमे दर्ज हैं. कुंदन पर झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने 15 लाख रुपये का इनाम रखा था.