रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी को अग्रिम जमानत के लिए इंतजार करना होगा. दुष्कर्म, यौन शोषण आरोपों से घिरे सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. प्रार्थी सुनील तिवारी की ओर से कोर्ट में उनके अधिवक्ता ने बहस किया. अदालत ने सुनील तिवारी की जमानत याचिका को AJC7 की कोर्ट में हस्तांतरित कर दिया है. अब शनिवार को AJC 7 विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सुनील तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. अदालत में गुरुवार को ही अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी.
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सिविल कोर्ट में सुनवाई
सुनील तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका पर रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. आरोपी सुनील तिवारी की ओर से अदालत में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता जसविंदर मजूमदार ने जमानत के लिए बहस की, वहीं सरकार की तरफ से लोक अभियोजक अनिल सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने दायर जमानत याचिका को AJC 7 की कोर्ट में हस्तांतरित कर दिया है. अब जमानत याचिका पर 28 अगस्त को AJC 7 विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई होगी. बता दें कि लगातार बढ़ रही पुलिस की दबिश और गिरफ्तारी से बचने के लिए सुनील तिवारी ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. याचिका में सुनील तिवारी ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को गलत बताते हुए जमानत की मांग की है.
21 अगस्त को जारी हुआ था वारंट
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ बीते 21 अगस्त को ही रांची व्यवहार न्यायालय के अपर आयुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत से वारंट जारी हुआ है. इसके बाद रांची पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश बनाई हुई है. पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए ही सुनील तिवारी ने रांची व्यवहार न्यायालय में जमानत याचिका दायर की है. अब 28 अगस्त को सुनवाई होने के बाद ही ये साफ हो सकेगा कि सुनील तिवारी की मुश्किलें घटती हैं या फिर वे जेल जाएंगे.
क्या है आरोप
बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले में युवती ने 16 अगस्त को अरगोड़ा थाना में कांड संख्या 229/ 2021 दर्ज कराया है. जिसमें बेड़ो डीएसपी को केस का अनुसंधानक बनाया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का 164 का बयान भी दर्ज हो चुका है. पूरे मामले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लगातार बयानबाजी भी चल रही है.