दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट झारखंड सरकार और हेमंत सोरेन की याचिकाओं को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत हो गई है, जिसमें खनन पट्टों में हेमंत सोरेन की अनियमितताओं की जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर झारखंड HC के आदेश को चुनौती दी गई है. जब मामला पहले एससी के सामने आया था, तो एससी ने एचसी को फैसला करने के लिए कहा था.
ये भी पढे़ं:- खनन पट्टा-शेल कंपनी मामले के सुनवाई के दौरान HC नाराज, कहा- SC में समय लेते हैं और यहां आर्ग्युमेंट करते नहीं हैं
क्या है पूरा मामला: आपको बता दें कि मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े पीआईएल पर सुनवाई के दौरान ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा पेश किया था. ईडी की दलील थी कि उसके पास शैल कंपनी से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. लिहाजा, सीएम से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को भी एक साथ सुना जाना चाहिए. ईडी के स्टैंड को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस के मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया था.