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एमएलए कैश कांडः विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई, विधायकों ने मांगा 8 सप्ताह का समय

कैश कांड में फंसे कांग्रेस के तीनों विधायकों के मामले में आज विधानसभा न्यायाधिकरण(assembly tribunal) में सुनवाई हुई. जिसमें विधायकों ने 8 सप्ताह का समय मांगा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता ने इसकी लिखित शिकायत की थी.

hearing in mla cash case
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Published : Sep 7, 2022, 11:58 AM IST

Updated : Sep 7, 2022, 1:23 PM IST

रांचीः कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम द्वारा अपने तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के खिलाफ दायर दल बदल के मामले पर आज विधानसभा न्यायाधिकरण में ऑनलाइन सुनवाई(hearing in mla cash case) हुई. तीनों आरोपी विधायकों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और वादी आलमगीर आलम की ओर से उज्ज्वल आनंद ने अपना अपना पक्ष रखा.

ये भी पढ़ेंः विधायक कैश कांडः 5 सितंबर को विधानसभा न्यायाधिकरण में होगी सुनवाई


प्रतिवादी तीनों कांग्रेसी विधायकों की ओर से उनके अधिवक्ता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा कोलकाता से बाहर नहीं जाने के आदेश का हवाला देकर दल बदल मामले में जवाब देने के लिए 8 सप्ताह के समय की मांग की गई. तीनों विधायक की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि वह मामले में जल्द से जल्द जवाब देना चाहते हैं परंतु ऐसी बाध्यता है कि वह झारखंड नहीं लौट सकते. ऐसे में उन्हें 8 सप्ताह का समय दिया जाए.

एमएलए कैश कांड में सुनवाई


प्रतिवादी की इस मांग का वादी पक्ष के अधिवक्ता उज्ज्वल आनंद ने यह कहते हुए विरोध किया कि जब ऑनलाइन तीनों विधायक उपस्थित हो सकते हैं तो जवाब देने में कहां कोई दिक्कत है. दोनों पक्ष को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए आज की सुनवाई स्थगित कर दी कि 08 सप्ताह के आग्रह पर विचार कर न्यायाधिकरण अपने मंतव्य से अवगत करा देंगे.

बता दें कि पिछली सुनवाई में स्पीकर ने विधायकों के वकील से पूछा था कि न्यायाधिकरण के समक्ष वे क्यों नहीं उपस्थित हुए. जिसके बाद सुनवाई के लिए अगली तारीख दी गई थी. पिछले दिनों आलमगीर आलम की लिखित शिकायत पर विधानसभा न्यायाधिकरण द्वारा विधायकों को नोटिस भेजा गया था. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने तीनों विधायकों पर दलबदल का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

तीनों विधायक को नोटिस जारी: स्पीकर के ट्रिब्यूनल ने तीनों विधायकों को नोटिस जारी कर दिया था. उन्हें 1 सितंबर तक पक्ष रखने को कहा गया था. जमानत मिलने के बाद तीनों विधायक कोलकाता में हैं. कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, अनूप सिंह और भूषण बाड़ा की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की गयी है. शिकायत करने वाले विधायकों के मुताबिक तीनों निलंबित विधायकों ने भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर किया गया था. इससे पहले पार्टी ने तीनों विधायकों को शोकॉज किया था.

इरफान ने पेश की सफाईः इरफान अंसारी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया था कि तीनों विधायकों को नोटिस मिला है और 1 सितंबर को ऑनलाइन अपना पक्ष रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी विधायक से कोई बात हुई ही नहीं है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है. इरफान अंसारी ने कहा कि मांडर उपचुनाव में उन्होंने एआईएमआईएम के खिलाफ जाकर शिल्पी नेहा तिर्की के लिए चुनाव प्रचार किया था और मुसलमानों को एकजुट किया था. इसके बावजूद शिल्पी नेहा तिर्की की तरफ से इस तरह का आरोप लगाया जाना बहुत दुखद है.

क्या है पूरा मामला: बता दें कि पिछले दिनों तीनों विधायक हावड़ा में पकड़े गए थे और उनके पास से 49 लाख रुपए कैश मिले थे. पूरे मामले की जांच कोलकाता सीआईडी (Kolkata CID) कर रही है. पिछले दिनों जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद इरफान अंसारी और राजेश कच्छप ने खुद को कांग्रेस का वफादार सिपाही बताते हुए साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था. कांग्रेस के इस कदम से साफ हो गया है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में तमाम विधायकों को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि पार्टी के फैसले से इतर जाने पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

रांचीः कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम द्वारा अपने तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के खिलाफ दायर दल बदल के मामले पर आज विधानसभा न्यायाधिकरण में ऑनलाइन सुनवाई(hearing in mla cash case) हुई. तीनों आरोपी विधायकों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और वादी आलमगीर आलम की ओर से उज्ज्वल आनंद ने अपना अपना पक्ष रखा.

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प्रतिवादी तीनों कांग्रेसी विधायकों की ओर से उनके अधिवक्ता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा कोलकाता से बाहर नहीं जाने के आदेश का हवाला देकर दल बदल मामले में जवाब देने के लिए 8 सप्ताह के समय की मांग की गई. तीनों विधायक की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि वह मामले में जल्द से जल्द जवाब देना चाहते हैं परंतु ऐसी बाध्यता है कि वह झारखंड नहीं लौट सकते. ऐसे में उन्हें 8 सप्ताह का समय दिया जाए.

एमएलए कैश कांड में सुनवाई


प्रतिवादी की इस मांग का वादी पक्ष के अधिवक्ता उज्ज्वल आनंद ने यह कहते हुए विरोध किया कि जब ऑनलाइन तीनों विधायक उपस्थित हो सकते हैं तो जवाब देने में कहां कोई दिक्कत है. दोनों पक्ष को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए आज की सुनवाई स्थगित कर दी कि 08 सप्ताह के आग्रह पर विचार कर न्यायाधिकरण अपने मंतव्य से अवगत करा देंगे.

बता दें कि पिछली सुनवाई में स्पीकर ने विधायकों के वकील से पूछा था कि न्यायाधिकरण के समक्ष वे क्यों नहीं उपस्थित हुए. जिसके बाद सुनवाई के लिए अगली तारीख दी गई थी. पिछले दिनों आलमगीर आलम की लिखित शिकायत पर विधानसभा न्यायाधिकरण द्वारा विधायकों को नोटिस भेजा गया था. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने तीनों विधायकों पर दलबदल का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

तीनों विधायक को नोटिस जारी: स्पीकर के ट्रिब्यूनल ने तीनों विधायकों को नोटिस जारी कर दिया था. उन्हें 1 सितंबर तक पक्ष रखने को कहा गया था. जमानत मिलने के बाद तीनों विधायक कोलकाता में हैं. कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, अनूप सिंह और भूषण बाड़ा की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की गयी है. शिकायत करने वाले विधायकों के मुताबिक तीनों निलंबित विधायकों ने भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर किया गया था. इससे पहले पार्टी ने तीनों विधायकों को शोकॉज किया था.

इरफान ने पेश की सफाईः इरफान अंसारी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया था कि तीनों विधायकों को नोटिस मिला है और 1 सितंबर को ऑनलाइन अपना पक्ष रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी विधायक से कोई बात हुई ही नहीं है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है. इरफान अंसारी ने कहा कि मांडर उपचुनाव में उन्होंने एआईएमआईएम के खिलाफ जाकर शिल्पी नेहा तिर्की के लिए चुनाव प्रचार किया था और मुसलमानों को एकजुट किया था. इसके बावजूद शिल्पी नेहा तिर्की की तरफ से इस तरह का आरोप लगाया जाना बहुत दुखद है.

क्या है पूरा मामला: बता दें कि पिछले दिनों तीनों विधायक हावड़ा में पकड़े गए थे और उनके पास से 49 लाख रुपए कैश मिले थे. पूरे मामले की जांच कोलकाता सीआईडी (Kolkata CID) कर रही है. पिछले दिनों जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद इरफान अंसारी और राजेश कच्छप ने खुद को कांग्रेस का वफादार सिपाही बताते हुए साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था. कांग्रेस के इस कदम से साफ हो गया है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में तमाम विधायकों को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि पार्टी के फैसले से इतर जाने पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

Last Updated : Sep 7, 2022, 1:23 PM IST
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