रांची: गर्भवती महिलाओं की जांच नहीं होने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपा गया. सरकार ने अपनी जांच रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि उन्हें डोरंडा अस्पताल में भी डॉक्टर देखा था. जिसके बाद उसे रिम्स रेफर किया गया था. वह रिम्स ना जाकर वह निजी क्लिनिक में चली गई. मीडिया में जो बातें आए वह सत्य नहीं है.
अदालत ने सरकार को चिकित्सा व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है. इस बीच जो डेवलपमेंट हो रही है, उसकी जानकारी देने को कहा है. गर्भवती महिला कि समय पर जांच नहीं होने और गर्भ में ही बच्चे की मौत होने के समाचार की रिपोर्टिंग पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए मामले में सरकार से जवाब मांगा था. उसी आदेश के आलोक में जवाब पेश किया गया.
बता दें कि कुछ दिन पहले रांची के एक पत्रकार की गर्भवती पत्नी की इलाज के अभाव में गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई थी. जिसके बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग की काफी किरकिरी हुई थी. इसके बाद विभाग की तरफ से टीम का भी गठन किया गया था और इस तरह के मामले देखने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया था. मामले पर हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया और सरकार से जवाब मांगा.