रांचीः हजारीबाग में वन भूमि अतिक्रमण करने के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए आरोपी बैजू महतो की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में हजारीबाग में वन भूमि का अतिक्रमण करने और वन काटने के आरोपी बैजू महतो की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता रवि प्रकाश ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से जमानत देने की मांग की. सरकार के अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह के आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है.
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बता दें कि हजारीबाग में बैजू महतो वन भूमि का अतिक्रमण कर रहा था. जेसीबी के माध्यम से पेड़ काटकर उसे साफ कर उसकी घेराबंदी कर रहा था. उसी मामले में हजारीबाग जिला वन कार्यालय में उन पर मामला दर्ज किया गया है. मामले में उन्होंने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. उसी मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दी है.