रांची: पश्चिमी सिंहभूम में ग्रामीणों की तरफ से दर्ज कराए गए एफआईआर में पुलिस की तरफ किए गए बदलाव को सुधार करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने का आदेश दिया है. सरकार के जवाब आने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी.
हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में चाईबासा में ग्रामीणों और सीआरपीएफ के बीच हुई मारपीट में ग्रामीणों के द्वारा दर्ज एफआईआर में बदलाव की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल और सरकार के अधिवक्ता अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को मामले में शपथ पत्र के माध्यम से अपना जवाब पेश करने को कहा है.
ये भी पढ़ें- JMM ने बोला बीजेपी पर हमला, लगाए भ्रष्टाचार के कई आरोप
चाईबासा में ग्रामीणों और सीआरपीएफ के बीच हुए मारपीट के मामले में दर्ज एफआईआर में सुधार करने की मांग को लेकर याचिकाकर्ता बमियां सुरीन की ओर से अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने बताया कि चाईबासा के गोइलकेरा थाना अंतर्गत, अंजीर गांव के ग्रामीणों के साथ सीआरपीएफ ने मारपीट की थी. उसके खिलाफ ग्रामीण थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराया था लेकिन थाने में एफआईआर में सीआरपीएफ के बदले नक्सली ने पिटाई की है, यह बात लिख दी गई. उसे ही सुधार करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.