रांची: राज्य सरकार की ओर से गुटखा की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के बाद भी धड़ल्ले मिल रहे गुटखे की बिक्री को बंद करने की मांग की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड सरकार के विशेष सचिव ने अदालत को बताया कि गुटखा पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा हुआ है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने उनके जवाब के 5 मिनट बाद अपने कर्मियों से बाजार से गुटखा मंगाकर सचिव को दिखाया. उन्होंने कहा कि जब प्रतिबंध है, तो यह कैसे धड़ल्ले से मिल रहा है. इस पर सचिव जवाब ना दे पाए. अदालत ने उन्हें बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा है.
अदालत ने खाद्य सुरक्षा एवं आपूर्ति विभाग के विशेष सचिव चंद्रकिशोर उरांव से पूछा कि यह गुटखा या तो यहां बनता है या फिर बाहर से आता है. बाहर से अगर आता है तो उस पर रोक लगाने के लिए आपने अधिकारी को लगा रखा है, वह अधिकारी क्या कर रहा है? आपने गुटखा पर प्रतिबंध लगाने से पहले कोई कार्ययोजना बनाई थी या नहीं? बगैर किसी स्टडी का बंद कर दिया गया? गुटखा की बिक्री बंद है तो गुटखा से होने वाली बीमारी में कमी आई है या नहीं? इस पर स्टडी की गई है, सूची तैयार की गई है या नहीं की गई है? सचिव ने किसी भी प्रकार का कोई सकारात्मक उत्तर नहीं दिया. इस पर अदालत ने उन्हें गुटखा बंदी को महज कागजी नहीं कर पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा. इसके साथ ही सरकार की ओर से उठाए गए कदम से भी अदालत को अवगत कराने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.
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दरअसल, फरियाद फाउंडेशन ने याचिका दायर कर अदालत को बताया था कि सरकार की यह कैसी गुटखा पर पाबंदी है कि बंदी के बावजूद भी धड़ल्ले से बिक रहा है. इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के सचिव को आइना दिखाते हुए इसे पूर्णतया प्रतिबंध लगाकर कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.