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आचार संहिता उल्लंघन का मामला, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने याचिका दाखिल कर सशरीर उपस्थिति से मांगी छूट

आचार संहिता उल्लंघन से मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए हैं. एमपी एमएलए की विशेष अदालत में मुख्यमंत्री की ओर से सीआरपीसी 205 के तहत आवेदन दे कर सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थिति से छूट देने की मांग की गई.

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Published : Jun 7, 2022, 8:55 AM IST

Updated : Jun 7, 2022, 1:50 PM IST

Hearing in code of conduct violation case
Hearing in code of conduct violation case

रांचीः आचार संहिता उल्लंघन मामले में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना था. मामले को लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से उपस्थिति से छूट देने से संबंधित याचिका दाखिल गई है. एमपी एमएलए की विशेष अदालत में सीआरपीसी 205 के तहत यह याचिका दाखिल की गई है.

साल 2019 से जुड़े आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने आज एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट में सीआरपीसी 205 के तहत उपस्थिति में छूट से सबंधित याचिका दायर की गई. जिसमें अदालत से मुख्यमंत्री के कोर्ट में उपस्थित होने से छूट देने की मांग की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा कोर्ट में उपस्थिति से छूट की अर्जी खिलाफ अभियोजन पक्ष के द्वारा रिजॉइंडर फाइल किया जाना है. जिसके लिए अदालत से 10 दिनों का समय मांगा गया है.

देखें पूरी खबर
दरअसल यह मामला साल 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. जब लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित संत फ्रांसिस स्कूल के मतदान केंद्र पर पहुंचे थे. मतदान करने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री के कंधे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का सिंबॉलिक पट्टा था. जिसे लेकर अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी और आचार संहिता उल्लंघन के इस मामले पर एमएलए एमपी की विशेष कोर्ट में केस पेंडिंग है. अरगोड़ा थाना कांड संख्या 149/19 दर्ज है.

क्या है धारा 205ः बता दें कि सीआरपीसी की धारा 205 में यह निहित है कि जब कोई मजिस्ट्रेट समन जारी करते हैं तो वह ऐसा करने के कारणों को देखते हुए अभियुक्त को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे सकते हैं. मजिस्ट्रेट अभियुक्त को अपने वकील के जरिए पेश होने की अनुमति दे सकते हैं. धारा में यह भी निहित है कि मजिस्ट्रेट अपने विवेक से इस पर फैसला ले सकते हैं.

रांचीः आचार संहिता उल्लंघन मामले में आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना था. मामले को लेकर मुख्यमंत्री की तरफ से उपस्थिति से छूट देने से संबंधित याचिका दाखिल गई है. एमपी एमएलए की विशेष अदालत में सीआरपीसी 205 के तहत यह याचिका दाखिल की गई है.

साल 2019 से जुड़े आचार संहिता उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने आज एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट में सीआरपीसी 205 के तहत उपस्थिति में छूट से सबंधित याचिका दायर की गई. जिसमें अदालत से मुख्यमंत्री के कोर्ट में उपस्थित होने से छूट देने की मांग की गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा कोर्ट में उपस्थिति से छूट की अर्जी खिलाफ अभियोजन पक्ष के द्वारा रिजॉइंडर फाइल किया जाना है. जिसके लिए अदालत से 10 दिनों का समय मांगा गया है.

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दरअसल यह मामला साल 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. जब लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित संत फ्रांसिस स्कूल के मतदान केंद्र पर पहुंचे थे. मतदान करने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री के कंधे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का सिंबॉलिक पट्टा था. जिसे लेकर अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी और आचार संहिता उल्लंघन के इस मामले पर एमएलए एमपी की विशेष कोर्ट में केस पेंडिंग है. अरगोड़ा थाना कांड संख्या 149/19 दर्ज है.

क्या है धारा 205ः बता दें कि सीआरपीसी की धारा 205 में यह निहित है कि जब कोई मजिस्ट्रेट समन जारी करते हैं तो वह ऐसा करने के कारणों को देखते हुए अभियुक्त को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे सकते हैं. मजिस्ट्रेट अभियुक्त को अपने वकील के जरिए पेश होने की अनुमति दे सकते हैं. धारा में यह भी निहित है कि मजिस्ट्रेट अपने विवेक से इस पर फैसला ले सकते हैं.

Last Updated : Jun 7, 2022, 1:50 PM IST
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