रांचीः झारखंड में पहली बार किसी गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है. इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रहे झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को 04 और भाकपा माले को 02 सीटों पर जीत मिली है. 28 नवंबर को हेमंत सोरेन चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
दूसरी तरफ एक्जिट पोल के सर्वे से गदगद एनडीए के नेता हार के सदमे से अभी तक उबर नहीं पाए हैं. लेकिन एनडीए के नेता अब मानने लगे हैं कि हार की वजहों में से एक बड़ी वजह जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा बनी है. क्योंकि एनडीए की 12 सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों से हार के अंतर से ज्यादा वोट जेएलकेएम के प्रत्याशियों को मिला है. इनमें आजसू की सिल्ली, ईचागढ़ और रामगढ़, जदयू की तमाड़ जबकि भाजपा की बोकारो, कांके, छतरपुर, गिरिडीह, खरसावां, टुंडी, सिंदरी और निरसा सीट शामिल है.
जबकि चंदनक्यारी सीट पर झामुमो के उमाकांत रजक का मुकाबला जेएलकेएम के अर्जुन रजवार से हुआ. यहां भाजपा के अमर कुमार बाउरी तीसरे स्थान पर चले गये. यहां हार-जीत का अंतर 33,733 वोट था. वहीं गोमिया में झामुमो के योगेंद्र प्रसाद विजयी रहे. उनका सामना जेएलकेएम की प्रत्याशी पूजा कुमारी से हुआ. जबकि आजसू के लंबोदर महतो 54,508 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे.
क्या भाजपा ने जेएलकेएम को कम आंकने की भूल की
जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने 71 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. जयराम महतो खुद दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे. डुमरी सीट पर जीते जबकि बेरमो सीट पर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं किसी भी दूसरी सीट पर उनकी पार्टी का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया. इससे साफ है कि जयराम की पार्टी वोट कटवा की भूमिका में थी.
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा का कहना है कि जयराम की पार्टी ने वोट कटवा की भूमिका को सफलता के साथ निभाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जयराम की पार्टी को राज्य सरकार की ओर खुलेतौर पर शह मिल रहा था. निशाने पर भाजपा और आजसू थी. इसका खामियाजा उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि हार से जुड़े हर विषयों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मंथन करेंगे.
बता दें कि डुमरी सीट पर 94,496 वोट लाकर खुद जयराम महतो ने झामुमो की मंत्री बेबी देवी को 10,945 वोट के अंतर से हरा दिया. यहां आजसू की प्रत्याशी यशोदा देवी 35,890 वोट के साथ तीसरे स्थान पर चलीं गई.
जेएलकेएम ने किन सीटों पर बदल दिया समीकरण
- बोकारो सीट पर कांग्रेस की श्वेता सिंह जीत दर्ज की. दूसरे स्थान पर भाजपा के बिरंची नारायण रहे. तीसरे स्थान पर जेएलकेएम की सरोज कुमारी रहीं. उनको 39,621 वोट मिले. यहां हार-जीत का महज 7,207 वोट था.
- ईचागढ़ में झामुमो की सबिता महतो 26,523 वोट के अंतर से जीती. दूसरे स्थान पर आजसू के हरिलाल महतो रहे. तीसरे स्थान पर जेएलकेएम के तरुण महतो ने 41,138 वोट बटोर लिए.
- कांके सीट को कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा ने महज 968 वोट के अंतर से भाजपा के जीतू चरण राम को हराया. यहां जेएलकेएम के फुलेश्वर बैठा 25,965 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे.
- खरसांवा सीट पर झामुमो के दशरथ गगराई ने भाजपा के सोनाराम बोदरा को 32,615 वोट से हराया . यहां जेएलकेएम के पांडुराम हायबुरु 33,841 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे.
- निरसा में भाकपा माले के अरुप चटर्जी ने भाजपी की अपर्णा सेन गुप्ता को 1,808 वोट से हराया. यहां जेएलकेएम के प्रत्याशी अशोक कुमार मंडल को 16,316 वोट मिले.
- रामगढ़ में कांग्रेस की ममता देवी ने आजसू की सुनीता चौधरी को 6,790 वोट से हराया. यहां जेएलकेएम के पनेश्वर कुमार को 70,979 वोट मिले.
- सिल्ली में झामुमो के अमित कुमार ने आजसू के सुदेश कुमार महतो को 23,867 वोट से हराया. यहां जेएलकेएम के देवेंद्र नाथ महतो को 41,725 वोट मिले.
- सिंदरी में भाकपा माले के चंद्रदेव महतो ने भाजपा की तारा देवी को 3,448 वोट से हराया. यहां जेएलकेएम की उषा देवी को 42,664 वोट मिले.
- टुंडी सीट पर झामुमो के मथुरा महतो ने भाजपा के विकास कुमार महतो को 25,603 वोट से हराया. यहां जेएलकेएम के मोतीलाल महतो को 44,464 वोट मिले.
- छतरपुर में कांग्रेस के राधाकृष्ण किशोर ने भाजपा की पुष्पा देवी को 736 वोट के अंतर से हराया. यहां जेएलकेएम के प्रत्याशी प्रीति राज 1,065 वोट लाकर 10वें स्थान पर रहीं.
- तमाड़ में झामुमो के विकास कुमार मुंडा ने जदयू के राजा पीटर को 24,246 वोट के अंतर से हराय. यहां जेएलकेएम की दमयंती मुंडा को 26,562 वोट मिले.
- गिरिडीह में झामुमो के सुदिव्य कुमार सोनू ने भाजपा के निर्भय कुमार शाहाबादी को 3,838 वोट से हराया. यहां जेएलकेएम के नवीन आनंद को 10,787 वोट मिले.
इस आंकड़े में गौर करने वाली ये है कि इन 12 सीटों में से तमाड़, गिरिडीह, टुंडी, खरसावां और ईचागढ़ सीट पर 2019 में महागठबंधन की जीत हुई थी. लेकिन इन सीटों पर जेएलकेएम के प्रत्याशियों ने सीधे तौर पर एनडीए के प्रत्याशियों को प्रभावित किया.
सीटें जहां जेएलकेएम तीसरे स्थान पर रहा
बेशक, भाजपा की नजर में जेएलकेएम ने वोट कटवा की भूमिका निभाई हो लेकिन सही मायनों में देखे तो यह पार्टी एक नये विकल्प के रुप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही है. इसमें कोई शक नहीं कि जेएलकेएम की वजह से ज्यादा नुकसान एनडीए को उठाना पड़ा है. लेकिन यह भी साफ है कि इसी पार्टी के चीफ जयराम महतो ने डुमरी में झामुमो की मंत्री बेबी देवी को हराया है.
एक और गौर करने वाली बात यह है कि जेएलकेएम ने चंदनकियारी, गोमिया और बेरमो में दूसरा जबकि 19 सीटों पर तीसरा स्थान हासिल किया है. इनमें धनबाद, घाटशिला, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, जामताड़ा, जमुआ, झरिया, जुगसलाई, खिजरी, खूंटी, लातेहार, महगामा, मांडू, मनोहरपुर, पोटका, सरायकेला, सिमरिया, तमाड़ और तोरपा में तीसरा स्थान हासिल कर राजनीति के गलियारे में खलबली मचा दी है.
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