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बसंत सोरेन से जुड़ा खनन लीज आवंटन मामला, निर्वाचन आयोग में सुनवाई

दुमका विधायक बसंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आज सुनवाई होनी है. सबकी निगाहें निर्वाचन आयोग पर टिकी हैं.

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Published : Aug 29, 2022, 11:14 AM IST

Updated : Aug 29, 2022, 11:33 AM IST

रांचीः झारखंड में चल रहे सियासी संकट के बीच आज सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन से जुड़े खनन लीज आवंटन मामले की सुनवाई निर्वाचन आयोग में होगी. इसी मामले में सीएम हेमंत सोरेन को लेकर सुनवाई पुरी हो चुकी है. चुनाव आयोग की तरफ से पत्र राजभवन आ चुका है. जिस पर राज्यपाल की तरफ से कोई फैसला आना बाकी है.

बता दें कि दुमका विधायक बसंत सोरेन पर भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला है. इससे पहले बसंत सोरेन मामले में 22 अगस्त को सुनवाई हुई थी. जिसमें सुनवाई की अगली तारीख 29 अगस्त को मुकर्रर की गई थी. दरअसल, भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर आरोप लगाया था कि दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन मेसर्स ग्रैंड माइनिंग नामक कंपनी समेत अन्य कंपनियों से जुड़े हुए हैं. इसे लोक प्रतिनिधित्व 1951 की धारा 9A के प्रावधानों के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.

वहीं बता दें कि मुख्यमंत्री से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राजभवन की तरफ से अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. रविवार को सत्ताधारी दल के चार मंत्रियों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य करार देने की सिफारिश की है लेकिन अभी तक राज्यपाल की तरफ से उस पर अपना मंतव्य चुनाव आयोग को नहीं भेजा गया है. इस बीच पिछले 25 अगस्त से मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी दल के विधायकों की समय-समय पर बैठकें चल रही हैं. कांग्रेस के विधायकों को एकजुट रखने के लिए खुद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मोर्चा संभाल रखा है. इधर सत्ताधारी दलों के दबाव को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आज शाम तक राजभवन पूरे मामले पर अपना स्टैंड क्लियर कर सकता है.

रांचीः झारखंड में चल रहे सियासी संकट के बीच आज सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन से जुड़े खनन लीज आवंटन मामले की सुनवाई निर्वाचन आयोग में होगी. इसी मामले में सीएम हेमंत सोरेन को लेकर सुनवाई पुरी हो चुकी है. चुनाव आयोग की तरफ से पत्र राजभवन आ चुका है. जिस पर राज्यपाल की तरफ से कोई फैसला आना बाकी है.

बता दें कि दुमका विधायक बसंत सोरेन पर भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला है. इससे पहले बसंत सोरेन मामले में 22 अगस्त को सुनवाई हुई थी. जिसमें सुनवाई की अगली तारीख 29 अगस्त को मुकर्रर की गई थी. दरअसल, भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर आरोप लगाया था कि दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन मेसर्स ग्रैंड माइनिंग नामक कंपनी समेत अन्य कंपनियों से जुड़े हुए हैं. इसे लोक प्रतिनिधित्व 1951 की धारा 9A के प्रावधानों के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.

वहीं बता दें कि मुख्यमंत्री से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राजभवन की तरफ से अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने के कारण झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. रविवार को सत्ताधारी दल के चार मंत्रियों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य करार देने की सिफारिश की है लेकिन अभी तक राज्यपाल की तरफ से उस पर अपना मंतव्य चुनाव आयोग को नहीं भेजा गया है. इस बीच पिछले 25 अगस्त से मुख्यमंत्री आवास पर सत्ताधारी दल के विधायकों की समय-समय पर बैठकें चल रही हैं. कांग्रेस के विधायकों को एकजुट रखने के लिए खुद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मोर्चा संभाल रखा है. इधर सत्ताधारी दलों के दबाव को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आज शाम तक राजभवन पूरे मामले पर अपना स्टैंड क्लियर कर सकता है.

Last Updated : Aug 29, 2022, 11:33 AM IST
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