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एमएलए कैश कांडः विधायकों ने दलबदल से किया इनकार, फिजिकल सुनवाई की मांग

कैश कांड में फंसे तीनों कांग्रेस विधायकों के मामले में आज विधानसभा न्यायाधिकरण (assembly tribunal) में सुनवाई हुई. विधायकों ने फिजिकल सुनवाई की मांग की है. कांग्रेस विधायक दल के नेता ने इसकी लिखित शिकायत की थी.

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Published : Sep 22, 2022, 9:57 AM IST

Updated : Sep 22, 2022, 3:25 PM IST

रांचीः कैश कांड में फंसे कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के मामले में आज सुनवाई हुई(hearing in mla cash case). झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई के दौरान विधायकों की तरफ से जवाब दाखिल किया गया. मामले की सुनवाई कर रहे स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने अगली सुनवाई तक के लिए न्यायाधिकरण की कार्रवाई स्थगित कर दी.

ये भी पढे़ंः एमएलए कैश कांडः विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई, विधायकों ने मांगा 8 सप्ताह का समय

विधायकों की तरफ से वर्चुअल के बजाय फिजिकल सुनवाई की मांग की गई है. विधायकों की ओर से कोई दलबदल नहीं होने की बात कही गई है. तीनों विधायक राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी के अधिवक्ता रवि कुमार ने जानकारी दी है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी आलमगीर आलम के वकील की ओर से तीनों आरोपी विधायक की ओर से दाखिल जवाब का रिज्वांइडर फाइल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया. आरोपी विधायकों की ओर से रुल्स की कॉपी मुहैया कराने की मांग की गई.

देखें वीडियो

बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान प्रतिवादी तीनों कांग्रेसी विधायकों की ओर से उनके अधिवक्ता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा कोलकाता से बाहर नहीं जाने के आदेश का हवाला देकर दल बदल मामले में जवाब देने के लिए 8 सप्ताह के समय की मांग की थी. तीनों विधायकों की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि वह मामले में जल्द से जल्द जवाब देना चाहते हैं परंतु ऐसी बाध्यता है कि वह झारखंड नहीं लौट सकते. ऐसे में उन्हें 8 सप्ताह का समय दिया जाए.

प्रतिवादी की इस मांग का वादी पक्ष के अधिवक्ता ने यह कहते हुए विरोध किया कि जब ऑनलाइन तीनों विधायक उपस्थित हो सकते हैं तो जवाब देने में कहां कोई दिक्कत है. दोनों पक्ष को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी कि 08 सप्ताह के आग्रह पर विचार कर न्यायाधिकरण अपने मंतव्य से अवगत करा देंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में स्पीकर ने विधायकों के वकील से पूछा था कि न्यायाधिकरण के समक्ष वे क्यों नहीं उपस्थित हुए. जिसके बाद सुनवाई के लिए अगली तारीख दी गई थी. पिछले दिनों आलमगीर आलम की लिखित शिकायत पर विधानसभा न्यायाधिकरण द्वारा विधायकों को नोटिस भेजा गया था. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने तीनों विधायकों पर दलबदल का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

तीनों विधायक को नोटिस जारी: स्पीकर के ट्रिब्यूनल ने तीनों विधायकों को नोटिस जारी कर दिया था. उन्हें 1 सितंबर तक पक्ष रखने को कहा गया था. जमानत मिलने के बाद तीनों विधायक कोलकाता में हैं. कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, अनूप सिंह और भूषण बाड़ा की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की गयी है. शिकायत करने वाले विधायकों के मुताबिक तीनों निलंबित विधायकों ने भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर किया गया था. इससे पहले पार्टी ने तीनों विधायकों को शोकॉज किया था.

इरफान ने पेश की सफाईः इरफान अंसारी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया था कि तीनों विधायकों को नोटिस मिला है और 1 सितंबर को ऑनलाइन अपना पक्ष रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी विधायक से कोई बात हुई ही नहीं है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है. इरफान अंसारी ने कहा कि मांडर उपचुनाव में उन्होंने एआईएमआईएम के खिलाफ जाकर शिल्पी नेहा तिर्की के लिए चुनाव प्रचार किया था और मुसलमानों को एकजुट किया था. इसके बावजूद शिल्पी नेहा तिर्की की तरफ से इस तरह का आरोप लगाया जाना बहुत दुखद है.

क्या है पूरा मामला: बता दें कि पिछले दिनों तीनों विधायक हावड़ा में पकड़े गए थे और उनके पास से 49 लाख रुपए कैश मिले थे. पूरे मामले की जांच कोलकाता सीआईडी कर रही है. पिछले दिनों जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद इरफान अंसारी और राजेश कच्छप ने खुद को कांग्रेस का वफादार सिपाही बताते हुए साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था. कांग्रेस के इस कदम से साफ हो गया है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में तमाम विधायकों को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि पार्टी के फैसले से इतर जाने पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

रांचीः कैश कांड में फंसे कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के मामले में आज सुनवाई हुई(hearing in mla cash case). झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण में सुनवाई के दौरान विधायकों की तरफ से जवाब दाखिल किया गया. मामले की सुनवाई कर रहे स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने अगली सुनवाई तक के लिए न्यायाधिकरण की कार्रवाई स्थगित कर दी.

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विधायकों की तरफ से वर्चुअल के बजाय फिजिकल सुनवाई की मांग की गई है. विधायकों की ओर से कोई दलबदल नहीं होने की बात कही गई है. तीनों विधायक राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी के अधिवक्ता रवि कुमार ने जानकारी दी है. सुनवाई के दौरान प्रार्थी आलमगीर आलम के वकील की ओर से तीनों आरोपी विधायक की ओर से दाखिल जवाब का रिज्वांइडर फाइल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया. आरोपी विधायकों की ओर से रुल्स की कॉपी मुहैया कराने की मांग की गई.

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बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान प्रतिवादी तीनों कांग्रेसी विधायकों की ओर से उनके अधिवक्ता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा कोलकाता से बाहर नहीं जाने के आदेश का हवाला देकर दल बदल मामले में जवाब देने के लिए 8 सप्ताह के समय की मांग की थी. तीनों विधायकों की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि वह मामले में जल्द से जल्द जवाब देना चाहते हैं परंतु ऐसी बाध्यता है कि वह झारखंड नहीं लौट सकते. ऐसे में उन्हें 8 सप्ताह का समय दिया जाए.

प्रतिवादी की इस मांग का वादी पक्ष के अधिवक्ता ने यह कहते हुए विरोध किया कि जब ऑनलाइन तीनों विधायक उपस्थित हो सकते हैं तो जवाब देने में कहां कोई दिक्कत है. दोनों पक्ष को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी कि 08 सप्ताह के आग्रह पर विचार कर न्यायाधिकरण अपने मंतव्य से अवगत करा देंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में स्पीकर ने विधायकों के वकील से पूछा था कि न्यायाधिकरण के समक्ष वे क्यों नहीं उपस्थित हुए. जिसके बाद सुनवाई के लिए अगली तारीख दी गई थी. पिछले दिनों आलमगीर आलम की लिखित शिकायत पर विधानसभा न्यायाधिकरण द्वारा विधायकों को नोटिस भेजा गया था. कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने तीनों विधायकों पर दलबदल का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

तीनों विधायक को नोटिस जारी: स्पीकर के ट्रिब्यूनल ने तीनों विधायकों को नोटिस जारी कर दिया था. उन्हें 1 सितंबर तक पक्ष रखने को कहा गया था. जमानत मिलने के बाद तीनों विधायक कोलकाता में हैं. कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, अनूप सिंह और भूषण बाड़ा की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की गयी है. शिकायत करने वाले विधायकों के मुताबिक तीनों निलंबित विधायकों ने भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर किया गया था. इससे पहले पार्टी ने तीनों विधायकों को शोकॉज किया था.

इरफान ने पेश की सफाईः इरफान अंसारी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया था कि तीनों विधायकों को नोटिस मिला है और 1 सितंबर को ऑनलाइन अपना पक्ष रखने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि उनकी किसी भी विधायक से कोई बात हुई ही नहीं है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है. इरफान अंसारी ने कहा कि मांडर उपचुनाव में उन्होंने एआईएमआईएम के खिलाफ जाकर शिल्पी नेहा तिर्की के लिए चुनाव प्रचार किया था और मुसलमानों को एकजुट किया था. इसके बावजूद शिल्पी नेहा तिर्की की तरफ से इस तरह का आरोप लगाया जाना बहुत दुखद है.

क्या है पूरा मामला: बता दें कि पिछले दिनों तीनों विधायक हावड़ा में पकड़े गए थे और उनके पास से 49 लाख रुपए कैश मिले थे. पूरे मामले की जांच कोलकाता सीआईडी कर रही है. पिछले दिनों जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद इरफान अंसारी और राजेश कच्छप ने खुद को कांग्रेस का वफादार सिपाही बताते हुए साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था. कांग्रेस के इस कदम से साफ हो गया है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में तमाम विधायकों को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि पार्टी के फैसले से इतर जाने पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

Last Updated : Sep 22, 2022, 3:25 PM IST
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