रांचीः 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला (34th National Games Scam) मामले में आरोपी हीरा लाल दास की मुश्किलें बढ़ गई है. विजिलेंस कोर्ट (Vigilance Court) ने हीरा लाल दास की जमानत याचिका खारिज कर दी है. हीरा लाल NGOC के सदस्य थे. उनपर करोड़ों की राशि के घोटाले का है आरोप लगा है.
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34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला के आरोपी NGOC के सदस्य रहे हीरालाल दास की अग्रिम जमानत याचिका पर रांची व्यवहार न्यायालय में सुनवाई हुई. जमानत याचिका पर एसीबी के विशेष जज प्रकाश झा की अदालत हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया. मामले में आरोपी एनजीओ के सदस्य रहे हीरालाल दास ने अदालत के समक्ष सरेंडर किया था. आत्मसमर्पण के बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. हीरालाल दास पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप है.
एसीबी ने आरोपी के खिलाफ दर्ज की थी प्राथमिकी
34वें नेशनल गेम्स में 28 करोड़ 38 लाख का घोटाला हुआ था. इस मामले में एसीबी ने पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, एसएस हाशमी, पीसी मिश्रा, आरके आनंद समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. एसीबी की जांच में आरके आनंद के खिलाफ सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. इस मामले में आरके आनंद के खिलाफ आरोप-पत्र भी दाखिल किया गया है.
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आरके आनंद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने से झारखंड हाई कोर्ट ने किया इनकार
राष्ट्रीय खेल घोटाला के मुख्य आरोपी आरके आनंद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने से झारखंड हाई कोर्ट ने 15 जुलाई को इनकार कर दिया था. झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया था. झारखंड हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने रांची सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल किया है. आरके आनंद 34वें राष्ट्रीय खेल के ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के अध्यक्ष थे. उनपर एसीपी ने पद का दुरुपयोग कर राज्य के राजस्व को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. आरके आनंद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एसीबी की विशेष अदालत ने अभियोजन पक्ष को 31 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.