रांची: राजधानी सहित पूरे राज्य में 16 जनवरी से ही टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है लेकिन टीकाकरण अभियान में जितने लोगों को टीका लगाने करने का लक्ष्य रखा गया था, वह पूरा नहीं हो पा रहा है.
अगर बात करें पहले दिन की तो पहले दिन भी रांची में मात्र 80 लोगों को ही टीका लगाया जा सका तो वहीं, दूसरे दिन 300 लोगों का टारगेट रखा गया था तो उसमें मात्र 185 लोग ही टीकाकृत हो पाए. पूरे राज्य के आंकड़े को देखें तो 16 जनवरी को 4800 लोगों का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें मात्र 3096 लोग ही टीकाकृत हो पाए थे. 18 जनवरी को 4876 लोगों का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 2963 लोगों को ही टीका लगाया जा सका.
टीका को लेकर डर
रांची के सिविल सर्जन ने बताया कि कई ऐसे स्वास्थ्यकर्मी हैं. जिनके मन में कोरोना के टीका को लेकर अभी भी भय बरकरार है. जिस वजह से वह टीकाकरण केंद्र पर नहीं आ पा रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि कोविन एप में जिन स्वास्थ्य कर्मियों का नाम टीकाकरण के लिए पंजीकृत किया गया है, उन्हें सही समय पर मैसेज नहीं जा पाता है, जिस वजह से भी लोग टीकाकरण केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे हैं.
टीका लगाने का लक्ष्य
टीकाकरण केंद्र पर टीका लेने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को देखते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर विजय बिहारी प्रसाद ने बताया कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार से नई गाइडलाइन जारी की गई है. उसके अनुसार अब अगर किसी कारणवश कोई स्वास्थ्यकर्मी सही समय पर टीका लेने नहीं पहुंच पाए तो ऐसे में पंजीकृत किए गए अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को उनके स्थान पर टीका लगाया जाएगा. इसलिए जो लक्ष्य रखा गया है उस लक्ष्य को पूरा किया जा सके.
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राजधानी रांची सहित पूरे राज्य के 48 टीकाकरण केंद्रों पर टीका लेने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की काफी कमी देखी जा रही है. जिस वजह से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी को देखते हुए अब नई गाइडलाइन के अनुसार कम हो रही संख्या को पूरा करने के लिए पंजीकृत किए गए स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा ताकि केंद्र सरकार के जो लक्ष्य रखे गए हैं वह पूरा हो सके.