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विधानसभा में सरयू राय के सवाल पर फंसे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मंगलवार को देंगे जवाब - निर्दलीय विधायक सरयू राय

विधानसभा में सरयू राय के एक सवाल के पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जो जवाब दिया उस पर सरयू राय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता सदन में गलत तथ्य रख रहे हैं. विधानसभा स्पीकर ने मंत्री को मंगलवार तक जवाब देने का निर्देश दिया है.

Health Minister Banna Gupta on Saryu Rai question
Health Minister Banna Gupta on Saryu Rai question
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Published : Dec 17, 2021, 4:34 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का लाभ गैर सूचीबद्ध अस्पतालों को दिए जाने का मामला सदन में उठा. निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सरकार से पूछा कि क्या फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच राज्य के कई असूचिबद्ध अस्पतालों को असूचीबद्ध बीमारियों के इलाज का लाभ दिया गया है. सरयू राय ने इस बाबत मेडिट्रीना और ब्रह्मानंद नारायणा असपताल का जिक्र किया. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि फिलहाल ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सूचीबद्ध है. लेकिन फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच जमशेदपुर के सिविल सर्जन के पत्र से पता चला है कि असूचीबद्ध अस्पतालों को असूचीबद्ध बीमारियों के इलाज का लाभ मिला है.

स्वास्थ्य मंत्री के जवाब पर सरयू राय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता सदन में गलत तथ्य रख रहे हैं. सरयू राय ने फरवरी 2020 को राज्य सरकार की तरह से जारी सूची का हवाला देते हुए कहा कि उसमें ब्रह्मानंद अस्पताल का नाम है ही नहीं. फिर मंत्री जी किस आधार पर उस अस्पताल को सूचीबद्ध बता रहे हैं. बाद में मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की जांच करा ली जाएगी. इसपर सरयू राय ने कहा कि यह मामला सिर्फ जमशेदपुर के कुछ अस्पतालों से जुड़ा नहीं है. इसकी व्यापक स्तर पर जांच होनी चाहिए. सरयू राय ने कहा कि उत्तर सही नहीं है लिहाजा विधानसभा की समिति से इसकी जांच करायी जानी चाहिए. तब स्पीकर ने मंत्री को मंगलवार तक जवाब देने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें: बीजेपी विधायक ने कहा- झारखंड में जंगल राज, गढ़वा में बालू माफियाओं ने की थी एसडीओ को कुचने की कोशिश

दूसरी तरफ सरयू राय ने 2005 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जमशेदपुर के पूर्व सिविल सर्जन को अबतक बर्खास्त नहीं किए जाने का भी मामला उठाया. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र में इसी सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि जांच में यह बात साफ हो गई है कि पूर्व सिविल सर्जन ने पद पर रहते हुए चुनाव लड़ा था. लिहाजा, उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही है. उसी मुद्दे को उठाते हुए सरयू राय ने पूछा कि जवाब आए तीन माह बीत चुके हैं लकिन अभी तक आरोपी सिविल सर्जन की बर्खास्तगी क्यों नहीं हुई.

रांची: मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना का लाभ गैर सूचीबद्ध अस्पतालों को दिए जाने का मामला सदन में उठा. निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सरकार से पूछा कि क्या फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच राज्य के कई असूचिबद्ध अस्पतालों को असूचीबद्ध बीमारियों के इलाज का लाभ दिया गया है. सरयू राय ने इस बाबत मेडिट्रीना और ब्रह्मानंद नारायणा असपताल का जिक्र किया. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि फिलहाल ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सूचीबद्ध है. लेकिन फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच जमशेदपुर के सिविल सर्जन के पत्र से पता चला है कि असूचीबद्ध अस्पतालों को असूचीबद्ध बीमारियों के इलाज का लाभ मिला है.

स्वास्थ्य मंत्री के जवाब पर सरयू राय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता सदन में गलत तथ्य रख रहे हैं. सरयू राय ने फरवरी 2020 को राज्य सरकार की तरह से जारी सूची का हवाला देते हुए कहा कि उसमें ब्रह्मानंद अस्पताल का नाम है ही नहीं. फिर मंत्री जी किस आधार पर उस अस्पताल को सूचीबद्ध बता रहे हैं. बाद में मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की जांच करा ली जाएगी. इसपर सरयू राय ने कहा कि यह मामला सिर्फ जमशेदपुर के कुछ अस्पतालों से जुड़ा नहीं है. इसकी व्यापक स्तर पर जांच होनी चाहिए. सरयू राय ने कहा कि उत्तर सही नहीं है लिहाजा विधानसभा की समिति से इसकी जांच करायी जानी चाहिए. तब स्पीकर ने मंत्री को मंगलवार तक जवाब देने का निर्देश दिया.

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दूसरी तरफ सरयू राय ने 2005 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जमशेदपुर के पूर्व सिविल सर्जन को अबतक बर्खास्त नहीं किए जाने का भी मामला उठाया. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र में इसी सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि जांच में यह बात साफ हो गई है कि पूर्व सिविल सर्जन ने पद पर रहते हुए चुनाव लड़ा था. लिहाजा, उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही है. उसी मुद्दे को उठाते हुए सरयू राय ने पूछा कि जवाब आए तीन माह बीत चुके हैं लकिन अभी तक आरोपी सिविल सर्जन की बर्खास्तगी क्यों नहीं हुई.

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