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झारखंड में 200 करोड़ से अधिक का GST घोटाला, आरोपियों की जमीन-वाहन में हुए निवेश की होगी जांच

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Published : Sep 27, 2019, 5:46 AM IST

झारखंड में 200 करोड़ से अधिक के जीएसटी घोटाले में दर्ज 20 मामलों के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा. एडीजी ने आदेश जारी किया है कि अनुसंधानकर्ता जिला के परिवहन पदाधिकारी और संबंधित अंचल के अंचल अधिकारियों से पत्राचार करें.

सीआईडी रांची

रांची: झारखंड में 200 करोड़ से अधिक के जीएसटी घोटाले में दर्ज 20 मामलों के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा. सीआईडी के एडीजी अनुराग गुप्ता ने सभी मामलों में अनुसंधानकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मामले की समीक्षा की है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद एडीजी ने आदेश जारी किया है कि जीएसटी में गड़बड़ी कर करोड़ों का चूना लगाने वाले सभी आरोपियों की जमीन और वाहन में निवेश की जांच की जाए.

सीआईडी ने जुटाई जानकारी
जीएसटी में गड़बड़ी कर मिली राशि से जमीन, वाहन और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश की जानकारी मिली है. ऐसे में एडीजी ने आदेश जारी किया है कि अनुसंधानकर्ता जिला के परिवहन पदाधिकारी और संबंधित अंचल के अंचल अधिकारियों से पत्राचार करें. पत्राचार कर तत्काल आरोपियों की वाहन, जमीन या दूसरी परिसंपत्तियों की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि ये इसका ट्रांसफर किसी अन्य को न कर सकें.

ये भी पढ़ें- झारखंड में पुलिसकर्मियों को 12 की जगह 13 माह का मिलेगा वेतन, करीब 228 करोड़ का अतिरिक्त भार

मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर भी जांच
जीएसटी घोटाले में अनुसंधानकों ने मनी लाउंड्रिंग के पहलू पर भी जांच शुरू कर दी है. अनुसंधानकों को आदेश दिया गया है कि वह जीएसटी के मामले में मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर भी जांच कर सीआईडी एसपी को रिपोर्ट दें. सभी एफआईआर के वादी का भौतिक सत्यापन करने, कांड में प्रयोग किए गए मोबाइल का सीडीआर और टावर लोकेशन निकालने, घोटाले में जिन ई मेल का प्रयोग हुआ है, उसकी पूरी जानकारी जुटाने, कांड में प्रयोग में आए ई मेल का पता लगाकर उसके इस्तेमाल के आईपी एड्रेस का पता लगाने का आदेश भी सीआईडी एडीजी ने दिया है.

कहां-कहां कितने मामले

  • जमशेदपुर के जुगसलाई में 5.73 करोड़ और 8.75 करोड़ रुपए के आईटीसी का लाभ दूसरों को पहुंचाया गया.
  • बिष्टुपर में 37.15 करोड़ रुपए का फर्जी आईटीसी का दावा करते हुए छलपूर्वक उपयोग कर लिया गया.
  • टेलको थाना में भी एक प्राथमिकी दर्ज है, जिसके मुताबिक, आरोपियों ने 7.32 करोड़ रुपए का आईटीसी लाभ प्राप्त कर लिया, इसके बाद खुद के द्वारा दाखिल किए गए स्टेट जीएसटी के माध्यम से अन्य व्यवसायियों को कुल 8.83 करोड़ के फर्जी आईटीसी का लाभ अंकित कर दिया.
  • बोकारो स्टील सिटी में 9.16 करोड़ के राज्य कर की चोरी का मामला सामने आया, जिसमें एफआईआर दर्ज है.
  • देवघर में 24.43 करोड़, 24.46 करोड़ की हेराफेरी, रांची के चुटिया में जीएसटी के जरिए 40 करोड़ के गबन का मामला दर्ज है.
  • चाईबासा सदर में 6.77 करोड़ और 1.53 करोड़ के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज है.
  • धनबाद के गोविंदपुर में 4.79 करोड़, 1.74 करोड़ धनबाद थाना में 3.73 करोड़, बरवड्डा में 32.51 करोड़, बलियापुर में 5.38 करोड़, 4.83 करोड़, पुटकी में 2.93 करोड़ और झरिया में भी करोड़ों के गबन के दो मामले दर्ज हैं.

रांची: झारखंड में 200 करोड़ से अधिक के जीएसटी घोटाले में दर्ज 20 मामलों के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा. सीआईडी के एडीजी अनुराग गुप्ता ने सभी मामलों में अनुसंधानकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मामले की समीक्षा की है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद एडीजी ने आदेश जारी किया है कि जीएसटी में गड़बड़ी कर करोड़ों का चूना लगाने वाले सभी आरोपियों की जमीन और वाहन में निवेश की जांच की जाए.

सीआईडी ने जुटाई जानकारी
जीएसटी में गड़बड़ी कर मिली राशि से जमीन, वाहन और अन्य परिसंपत्तियों में निवेश की जानकारी मिली है. ऐसे में एडीजी ने आदेश जारी किया है कि अनुसंधानकर्ता जिला के परिवहन पदाधिकारी और संबंधित अंचल के अंचल अधिकारियों से पत्राचार करें. पत्राचार कर तत्काल आरोपियों की वाहन, जमीन या दूसरी परिसंपत्तियों की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि ये इसका ट्रांसफर किसी अन्य को न कर सकें.

ये भी पढ़ें- झारखंड में पुलिसकर्मियों को 12 की जगह 13 माह का मिलेगा वेतन, करीब 228 करोड़ का अतिरिक्त भार

मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर भी जांच
जीएसटी घोटाले में अनुसंधानकों ने मनी लाउंड्रिंग के पहलू पर भी जांच शुरू कर दी है. अनुसंधानकों को आदेश दिया गया है कि वह जीएसटी के मामले में मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर भी जांच कर सीआईडी एसपी को रिपोर्ट दें. सभी एफआईआर के वादी का भौतिक सत्यापन करने, कांड में प्रयोग किए गए मोबाइल का सीडीआर और टावर लोकेशन निकालने, घोटाले में जिन ई मेल का प्रयोग हुआ है, उसकी पूरी जानकारी जुटाने, कांड में प्रयोग में आए ई मेल का पता लगाकर उसके इस्तेमाल के आईपी एड्रेस का पता लगाने का आदेश भी सीआईडी एडीजी ने दिया है.

कहां-कहां कितने मामले

  • जमशेदपुर के जुगसलाई में 5.73 करोड़ और 8.75 करोड़ रुपए के आईटीसी का लाभ दूसरों को पहुंचाया गया.
  • बिष्टुपर में 37.15 करोड़ रुपए का फर्जी आईटीसी का दावा करते हुए छलपूर्वक उपयोग कर लिया गया.
  • टेलको थाना में भी एक प्राथमिकी दर्ज है, जिसके मुताबिक, आरोपियों ने 7.32 करोड़ रुपए का आईटीसी लाभ प्राप्त कर लिया, इसके बाद खुद के द्वारा दाखिल किए गए स्टेट जीएसटी के माध्यम से अन्य व्यवसायियों को कुल 8.83 करोड़ के फर्जी आईटीसी का लाभ अंकित कर दिया.
  • बोकारो स्टील सिटी में 9.16 करोड़ के राज्य कर की चोरी का मामला सामने आया, जिसमें एफआईआर दर्ज है.
  • देवघर में 24.43 करोड़, 24.46 करोड़ की हेराफेरी, रांची के चुटिया में जीएसटी के जरिए 40 करोड़ के गबन का मामला दर्ज है.
  • चाईबासा सदर में 6.77 करोड़ और 1.53 करोड़ के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज है.
  • धनबाद के गोविंदपुर में 4.79 करोड़, 1.74 करोड़ धनबाद थाना में 3.73 करोड़, बरवड्डा में 32.51 करोड़, बलियापुर में 5.38 करोड़, 4.83 करोड़, पुटकी में 2.93 करोड़ और झरिया में भी करोड़ों के गबन के दो मामले दर्ज हैं.
Intro:200 करोड़ का GST घोटाला- आरोपियों के जमीन- वाहन में हुए निवेश की होगी जांच ,सीओ- डीटीओ को लिखा गया पत्र

रांची।

झारखंड में 200 करोड़ से अधिक के जीएसटी घोटाले में दर्ज 20 मामलों के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसेगा। सीआईडी के एडीजी अनुराग गुप्ता ने सभी मामलों में अनुसंधानकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मामले की समीक्षा की है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद एडीजी ने आदेश जारी किया है कि जीएसटी में गड़बड़ी कर करोड़ों का चूना लगाने वाले सभी आरोपियों की जमीन और वाहन में निवेश की जांच की जाए।

सीआईडी ने जुटाई जानकारी

 जीएसटी में गड़बड़ी कर मिली राशि से जमीन, वाहन व अन्य परिसंपत्तियों में निवेश की जानकारी मिली है। ऐसे में एडीजी ने आदेश जारी किया है कि अनुसंधानकर्ता जिला के परिवहन पदाधिकारी और संबंधित अंचल के अंचल अधिकारियों से पत्राचार करें। पत्राचार कर तत्काल आरोपियों की वाहन, जमीन या दूसरी परिसंपत्तियों की खरीद- बिक्री पर तत्काल रोक लगायी जाए, ताकि ये इसका ट्रांसफर किसी अन्य को न कर सकें।

मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर भी जांच

जीएसटी घोटाले में अनुसंधानकों ने मनी लाउंड्रिंग के पहलु पर भी जांच शुरू कर दी है। अनुसंधानकों को आदेश दिया गया है कि वह जीएसटी के मामले में मनी लाउंड्रिंग के पहलुओं पर भी जांच कर सीआईडी एसपी को रिपोर्ट दें। सभी एफआईआर के वादी का भौतिक सत्यापन करने, कांड में प्रयोग किए गए मोबाइल का सीडीआर व टावर लोकेशन निकालने, घोटाले में जिन ई मेल का प्रयोग हुआ है, उसकी पूरी जानकारी जुटाने, कांड में प्रयोग में आए ई मेल का पता लगाकर उसके इस्तेमाल के आईपी एड्रेस का पता लगाने का आदेश भी सीआईडी एडीजी ने दिया है।

कहां कहां कितने मामले
- जमशेदपुर के जुगसलाई में 5.73 करोड़ और 8.75 करोड़ रूपया के आईटीसी का लाभ दूसरों को पहुंचाया गया। इसी तरह विष्टुपर में 37.15 करोड़ रूपये का फर्जी आईटीसी का दावा करते हुए छलपूर्वक उपयोग कर लिया गया। टेलको थाना में भी एक प्राथमिकी दर्ज है, जिसके मुताबिक, आरोपियों ने 7.32 करोड़ रूपये का आईटीसी लाभ प्राप्त कर लिया, इसके बाद स्वयं के द्वारा दाखिल किए गए स्टेट जीएसटी के माध्यम से अन्य व्यवसायियों को कुल 8.83 करोड़ के फर्जी आईटीसी का लाभ अंकित कर दिया।
- बोकारो स्टील सिटी में 9.16 करोड़ के राज्य कर की चोरी का मामला सामने आया, जिसमें एफआईआर दर्ज है।
- देवघर में 24.43 करोड़, 24.46 करोड़ की हेराफेरी, रांची के चुटिया में जीएसटी के जरिए 40 करोड़ के गबन का मामला दर्ज है। वहीं चाईबासा सदर में 6.77 करोड़ व 1.53 करोड़ के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज है। धनबाद के गोविंदपुर में 4.79 करोड़, 1.74 करोड़ धनबाद थाना में 3.73 करोड़, बरवड्डा में 32.51 करोड़, बलियापुर में 5.38 करोड़, 4.83 करोड़, पुटकी में 2.93 करोड़ व झरिया में भी करोड़ों के गबन के दो मामले दर्ज हैं।Body:1Conclusion:2
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