पटना: बिहार के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पीएमसीएच में निधन हो गया है. हालत बिगड़ने के बाद उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर के मुताबिक महान गणितज्ञ का ब्रेन डेड होने से निधन हुआ है.
वशिष्ठ नारायण सिंह काफी दिनों से वो सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित थे. अक्टूबर महीने में भी उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. उस समय ब्लड प्रेशर लो और शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो गई थी. सेहत ठीक होने पर उन्हें वापस गांव भेज दिया गया था. लेकिन फिर से उनकी तबीयत बिगड़ने से पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. जहां उनका निधन हो गया.
प्रदेश में शोक की लहर
महान गणितज्ञ के निधन के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने शोक जताया है. उन्होंने कहा है कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से प्रदेश और देश को अपूरणीय क्षति हुई है. इसके साथ कई राजनीतिक दिग्गजों ने भी शोक जताया है.
अपने ही देश में गुम हो गये
एक वक्त था जब वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने रिसर्च और प्रतिभा से नासा और आईआईटी सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. लेकिन अचानक वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि वह अपने ही राज्य में एक गुमनाम जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए. वर्ष 1997 में उन्हें सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी ने जकड़ लिया.
आंइस्टीन को दी थी चुनौती
डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टिन के सिद्धांत (E = mc2 ) और गौस की थ्योरी, जो गणित में रेयरेस्ट जीनियस कहा जाता है, उसको चैलेंज किया था. कहा जाता है कि एक बार जब अपोलो मिशन के समय, डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह नासा में थे. तब अचानक कम्प्यूटर में खराबी आई तो उन्होंने अपनी उंगलियों से ही गिनना शुरू कर दिया और उनकी गिनती सही साबित हुई थी.