ETV Bharat / city

राज्यपाल रमेश बैस ने की स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक, दिए गए कई निर्देश

राज्य में शिक्षा की हालत को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में उन्होंने सूबे में ड्रॉपआउट की समस्या पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. इसके अलावा उन्होंने पदाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए.

Governor held an meetin officials of School Education Literacy Departmentg with
Governor held an meetin officials of School Education Literacy Departmentg with
author img

By

Published : Oct 6, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 8:40 PM IST

रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के साथ बुधवार को राजभवन में बैठक की. इस बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव शैलेश कुमार सिंह, स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा और विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.


बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि राज्य के मध्य और उच्च विद्यालय को बेहतर बनाने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे बच्चों को उच्च विद्यालय में नामांकन के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है. माध्यमिक विद्यालय से उच्च विद्यालय की दूरी बहुत अधिक है. ऐसे में हर पंचायत में कम दूरी में उच्च विद्यालय स्थापित करना आवश्यक है. उन्होंने राज्य में ड्रॉपआउट की समस्या पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे कम करने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली.

देखें वीडियो
राज्य के विद्यालयों को बनाएं मॉडलराज्यपाल ने राज्य के विभिन्न विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि जिस बच्चे के अभिभावक शिक्षित नहीं हैं, वे अपने स्कूल का होमवर्क कैसे करें. राज्य में ऐसे शिक्षण संस्थान स्थापित करने की जरूरत है जहां बच्चों को शिक्षकों के साथ अनुकूलतम वातावरण उपलब्ध हो. राज्यपाल ने कहा कि राज्य में स्थापित नेतरहाट आवासीय विद्यालय का कभी पूरे देश में विशिष्ट पहचान थी, लेकिन आज इसकी स्थिति अच्छी नहीं है. हमें अवलोकन कर उन कारणों को जानना होगा और उनका स्थाई समाधान जल्द ही करना होगा ताकि यह पूर्व जैसे गौरव को फिर से प्राप्त कर सके.

ये भी पढ़ें: राजभवन में हाईलेवल मीटिंग, विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण पद अविलंब भरें, कुलाधिपति ने दिए कई निर्देश

विद्यालयों के स्तर सुधारने की जरूरत
राज्यपाल ने राज्य के शिक्षण संस्थानों में सुधार की अत्यन्त आवश्यकता बताते हुए कहा कि विद्यालयों के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए. राज्यपाल ने कहा कि उनके सुझाव पर विद्यालयों के प्राचार्यों के मध्य प्रतियोगात्मक भावना विकसित करने से छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में काफी सुधार देखा गया है. इससे विद्यालयों के प्राचार्यो और शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ता है और विद्यालय में गुणात्मक शिक्षा का विकास होता है. इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन झारखंड राज्य में भी आयोजित करने का निर्देश उन्होंने विभागीय अधिकारीयों को दिया है. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निरंतर विद्यालयों का भ्रमण और अनुश्रवण कर बच्चों को प्रेरित करना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण व उन्हें प्रेरित करने के लिए कभी भी कोई विद्यालय जा सकते है.


मैट्रिक इंटर बोर्ड परीक्षा परिणाम को लेकर चर्चा
मौके पर बोर्ड के परिणाम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बालिका बेहतर कर रही हैं तो वहां वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को हटाने संबंधी बातें नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सभी विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल सुलभता के साथ नल के माध्यम से शौचालय में पानी की आपूर्ति करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अगर शौचालय में पानी की सुविधा नहीं होगी तो वह पूर्ण क्रियाशील नहीं कहलाएगा. उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के संदर्भ में भी विभागीय पदाधिकारियों के साथ चर्चा की.

रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के साथ बुधवार को राजभवन में बैठक की. इस बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव शैलेश कुमार सिंह, स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा और विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.


बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि राज्य के मध्य और उच्च विद्यालय को बेहतर बनाने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे बच्चों को उच्च विद्यालय में नामांकन के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है. माध्यमिक विद्यालय से उच्च विद्यालय की दूरी बहुत अधिक है. ऐसे में हर पंचायत में कम दूरी में उच्च विद्यालय स्थापित करना आवश्यक है. उन्होंने राज्य में ड्रॉपआउट की समस्या पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे कम करने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली.

देखें वीडियो
राज्य के विद्यालयों को बनाएं मॉडलराज्यपाल ने राज्य के विभिन्न विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि जिस बच्चे के अभिभावक शिक्षित नहीं हैं, वे अपने स्कूल का होमवर्क कैसे करें. राज्य में ऐसे शिक्षण संस्थान स्थापित करने की जरूरत है जहां बच्चों को शिक्षकों के साथ अनुकूलतम वातावरण उपलब्ध हो. राज्यपाल ने कहा कि राज्य में स्थापित नेतरहाट आवासीय विद्यालय का कभी पूरे देश में विशिष्ट पहचान थी, लेकिन आज इसकी स्थिति अच्छी नहीं है. हमें अवलोकन कर उन कारणों को जानना होगा और उनका स्थाई समाधान जल्द ही करना होगा ताकि यह पूर्व जैसे गौरव को फिर से प्राप्त कर सके.

ये भी पढ़ें: राजभवन में हाईलेवल मीटिंग, विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण पद अविलंब भरें, कुलाधिपति ने दिए कई निर्देश

विद्यालयों के स्तर सुधारने की जरूरत
राज्यपाल ने राज्य के शिक्षण संस्थानों में सुधार की अत्यन्त आवश्यकता बताते हुए कहा कि विद्यालयों के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए. राज्यपाल ने कहा कि उनके सुझाव पर विद्यालयों के प्राचार्यों के मध्य प्रतियोगात्मक भावना विकसित करने से छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में काफी सुधार देखा गया है. इससे विद्यालयों के प्राचार्यो और शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ता है और विद्यालय में गुणात्मक शिक्षा का विकास होता है. इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन झारखंड राज्य में भी आयोजित करने का निर्देश उन्होंने विभागीय अधिकारीयों को दिया है. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निरंतर विद्यालयों का भ्रमण और अनुश्रवण कर बच्चों को प्रेरित करना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण व उन्हें प्रेरित करने के लिए कभी भी कोई विद्यालय जा सकते है.


मैट्रिक इंटर बोर्ड परीक्षा परिणाम को लेकर चर्चा
मौके पर बोर्ड के परिणाम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बालिका बेहतर कर रही हैं तो वहां वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को हटाने संबंधी बातें नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सभी विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल सुलभता के साथ नल के माध्यम से शौचालय में पानी की आपूर्ति करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अगर शौचालय में पानी की सुविधा नहीं होगी तो वह पूर्ण क्रियाशील नहीं कहलाएगा. उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के संदर्भ में भी विभागीय पदाधिकारियों के साथ चर्चा की.

Last Updated : Oct 6, 2021, 8:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.