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झारखंड में शराब की हर बोतल पर रहेगी सरकार की नजर, जीपीएस से किया जाएगा ट्रैक

झारखंड में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए सरकार शराब की बोतलों को ट्रैक करेगी. प्रत्येक बोतल पर जीपीएस सिस्टम से युक्त होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाया जायेगा. इस कदम से सरकार को राजस्व में वृद्धि के साथ अवैध बिक्री और वितरण पर रोक लगने की उम्मीद है.

Government eye on liquor in Jharkhand
झारखंड में शराब पर सरकार की नजर
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Published : Mar 31, 2022, 1:18 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 4:25 PM IST

रांची: राज्य में पहली बार अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब शराब की बोतलों का ट्रेकिंग कर इसपर नजर रखी जायेगी. राज्य सरकार के फैसले के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा जल्द ही इसकी शुरुआत की जायेगी. यदि यह शुरू हो जाता है तो झारखंड सरकार का यह कदम वाकई में शराब तस्करों की नींद उड़ाने वाली साबित होगी.

ये भी पढे़ं- झारखंड में शराब बेचेगी सरकार! जानिए क्या है नई उत्पाद नीति

शराब की बोतल पर जीपीएस: विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे के अनुसार नई उत्पाद नीति के तहत राज्य में देसी और विदेशी शराब की तस्करी और चोरी रोकने के लिए सरकार शराब की हर बोतल को ट्रैक करेगी. जिसके लिए प्रत्येक बोतल पर जीपीएस सिस्टम से युक्त होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाया जायेगा. जिससे कोई भी ग्राहक अपने मोबाइल से स्कैन कर पता कर सकता है कि इसका मैन्युफैक्चरिंग डेट, मूल्य और डिस्ट्रीब्यूशन कहां से हुआ है. आम तौर पर ग्राहकों की शिकायत रहती थी कि रेट चार्ट नहीं होने से लोगों को निर्धारित मूल्य से अधिक देना पड़ता है. सरकार इसको लेकर भी गंभीर है और कड़े कानून बनाकर शराब की होनेवाली तश्करी को भी रोका जायेगा.

देखें पूरी खबर



ऐसे होगी शराब की बोतलों की ट्रैकिंग: उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अनुसार शराब की बोतलों और केन पर सिक्योरिटी होलोग्राम लगाने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है. सिक्योरिटी होलोग्राम लगने से यह पता चल जायेगा कि इसका उत्पादन किस कंपनी ने किया है और सप्लाई और बिक्री कहां से हुई है. इससे नकली शराब की बिक्री और सप्लाई पर रोकथाम लगेगी. विभाग ने यह कदम बड़े पैमाने पर सीमावर्ती राज्यों में झारखंड से शराब की सप्लाई होने की खबर के बाद उठाया है.


ये भी पढे़ं- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कैबिनेट की बैठक, नई उत्पाद नीति समेत 72 प्रस्तावों पर लगी मुहर

ठंडे बस्ते में थी ये स्कीम: सरकार के द्वारा उठाये गये इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड राज्य खुदरा शराब विक्रेता संघ के महासचिव सुबोध जायसवाल ने कहा है कि इससे नकली शराब की बिक्री और सप्लाई पर रोकथाम कितना लगेगा वो तो वक्त ही बतायेगा. उन्होंने सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा है कि यह पहले भी पॉलिसी बनी थी मगर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.अब छत्तीसगढ़ की कंपनी यहां काम कर रही है तो देखना होगा कि यह कितना कारगर होता है.
शराब से सरकार को राजस्व: शराब ही ऐसा सेक्टर है जहां से राज्य सरकार को भारी भरकम राशि हर वर्ष राजस्व के रुप में प्राप्त होता है. झारखंड में शराब पर 75 फीसदी टैक्स है जो सरकार के खाते में जमा होता है.इस तरह से सरकार को भी हर वर्ष अच्छी खासी कमाई टैक्स के रुप में प्राप्त होती रही है.अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना लॉकडाउन के बाबजूद 2020-21 में उत्पाद विभाग ने शराब बेचकर करीब 1800 करोड़ की कमाई किया था. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि नई उत्पाद नीति से जहां राजस्व 3000 करोड़ तक आयेगा वहीं शराब की अवैध बिक्री और वितरण पर रोक लगेगी.

रांची: राज्य में पहली बार अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब शराब की बोतलों का ट्रेकिंग कर इसपर नजर रखी जायेगी. राज्य सरकार के फैसले के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा जल्द ही इसकी शुरुआत की जायेगी. यदि यह शुरू हो जाता है तो झारखंड सरकार का यह कदम वाकई में शराब तस्करों की नींद उड़ाने वाली साबित होगी.

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शराब की बोतल पर जीपीएस: विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे के अनुसार नई उत्पाद नीति के तहत राज्य में देसी और विदेशी शराब की तस्करी और चोरी रोकने के लिए सरकार शराब की हर बोतल को ट्रैक करेगी. जिसके लिए प्रत्येक बोतल पर जीपीएस सिस्टम से युक्त होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाया जायेगा. जिससे कोई भी ग्राहक अपने मोबाइल से स्कैन कर पता कर सकता है कि इसका मैन्युफैक्चरिंग डेट, मूल्य और डिस्ट्रीब्यूशन कहां से हुआ है. आम तौर पर ग्राहकों की शिकायत रहती थी कि रेट चार्ट नहीं होने से लोगों को निर्धारित मूल्य से अधिक देना पड़ता है. सरकार इसको लेकर भी गंभीर है और कड़े कानून बनाकर शराब की होनेवाली तश्करी को भी रोका जायेगा.

देखें पूरी खबर



ऐसे होगी शराब की बोतलों की ट्रैकिंग: उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अनुसार शराब की बोतलों और केन पर सिक्योरिटी होलोग्राम लगाने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है. सिक्योरिटी होलोग्राम लगने से यह पता चल जायेगा कि इसका उत्पादन किस कंपनी ने किया है और सप्लाई और बिक्री कहां से हुई है. इससे नकली शराब की बिक्री और सप्लाई पर रोकथाम लगेगी. विभाग ने यह कदम बड़े पैमाने पर सीमावर्ती राज्यों में झारखंड से शराब की सप्लाई होने की खबर के बाद उठाया है.


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ठंडे बस्ते में थी ये स्कीम: सरकार के द्वारा उठाये गये इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड राज्य खुदरा शराब विक्रेता संघ के महासचिव सुबोध जायसवाल ने कहा है कि इससे नकली शराब की बिक्री और सप्लाई पर रोकथाम कितना लगेगा वो तो वक्त ही बतायेगा. उन्होंने सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा है कि यह पहले भी पॉलिसी बनी थी मगर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.अब छत्तीसगढ़ की कंपनी यहां काम कर रही है तो देखना होगा कि यह कितना कारगर होता है.
शराब से सरकार को राजस्व: शराब ही ऐसा सेक्टर है जहां से राज्य सरकार को भारी भरकम राशि हर वर्ष राजस्व के रुप में प्राप्त होता है. झारखंड में शराब पर 75 फीसदी टैक्स है जो सरकार के खाते में जमा होता है.इस तरह से सरकार को भी हर वर्ष अच्छी खासी कमाई टैक्स के रुप में प्राप्त होती रही है.अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना लॉकडाउन के बाबजूद 2020-21 में उत्पाद विभाग ने शराब बेचकर करीब 1800 करोड़ की कमाई किया था. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि नई उत्पाद नीति से जहां राजस्व 3000 करोड़ तक आयेगा वहीं शराब की अवैध बिक्री और वितरण पर रोक लगेगी.

Last Updated : Mar 31, 2022, 4:25 PM IST
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