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छठ गाइडलाइन पर चौतरफा घिरी सरकार, विपक्षी से लेकर अपनों ने भी साधा निशाना - Jharkhand Disaster Department

झारखंड में छठ को लेकर सरकार की गाइडलाइन पर जेएमएम विधायक ने तंज कसा है. इसके बाद से विपक्षी पार्टी बीजेपी भी सरकार पर लगातार हमला कर रही है.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
हेमंत सोरेन
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Published : Nov 16, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Nov 16, 2020, 7:22 PM IST

रांची: छठ को लेकर झारखंड सरकार की जारी गाइडलाइन पर अब राज्य में राजनीति शुरू हो चुकी है. एक तरफ विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर है तो वहीं, सत्ताधारी दल के नेता, विधायक भी अपने ही सरकार से नाराजगी जता रहे हैं. इसको लेकर अब बयान बाजी का दौर शुरू हो चुका है.

जेएमएम के विधायक सुदिव्य कुमार ने आपदा विभाग पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा है कि 'आपदा प्रबंधन विभाग ही हमारे राज्य की सबसे बड़ी “आपदा” है' बता दें कि आपदा विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता हैं जो कि कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं. जेएमएम विधायक के इस बयान को लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी भी सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं, इसे लेकर गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार ने सीएम हेंमत सोरेन को मांग पत्र सौंपा है. विधायक ने अपने मांग पत्र में कहा है कि कोविड 19 के उच्चतम संक्रमण काल में भी झारखंड राज्य अप्रत्याशित प्रसार को मात देता रहा. सरकार के निर्देशानुसार जनता ने भी संयम का परिचय देते हुए कोविड को सीमित करते हुए सरकार की इच्छा शक्ति को बल दिया है.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

वहीं, इस मामले पर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी ट्वीट कर सीएम हेमंत सोरेन से पनर्विचार करने की मांग की है. सरयू राय ने लिखा है 'मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM से अपील- छठ पर्व के कोरोना गाइडलाइन को संशोधित करें. कम से कम बिहार सरकार की तर्ज़ पर नई गाइडलाइन घोषित करें. आस्था के पर्व की गंभीरता एवं पवित्रता पर ध्यान दें एवं इसका समादर करें.'

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

ये भी पढ़ें: छठ महापर्व पर सरकार के गाइडलाइन का बीजेपी ने किया विरोध, बताया तुगलकी फरमान

सरकार के गाइडलाइन पर बीजेपी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की इतनी चिंता थी तो चुनावी रैलियों में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया? आपदा प्रबंधन विभाग ने सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने झामुमो विधायक कुमार सुदिव्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ही राज्य में असल आपदा है. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि हेमंत सरकार ने कांग्रेस के इशारे पर हिंदू त्योहारों और लोकआस्था पर पाबंदी लगाई है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने भी सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि 'मा.मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी #छठ महापर्व जन भावनाओं से जुड़ा हुआ है. उपचुनाव में चुनावी सभा हो या दीपावली धनतेरस के दौरान बाजारों में भीड़ जनजीवन सुचारू रूप से दिख रहे थे. अब छठ पर्व पर नदी तालाब पर रोक तुगलकी फरमान के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. कृपया इसमें छूट दी जाए'.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

वहीं, मंत्री जोबा माझी ने भी ट्वीट कर लिखा है 'माननीय मुख्यमंत्री जी, लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर आपदा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों से आमजन रुष्ट नजर आ रहे हैं. इसे कहीं न कहीं सरकार के खिलाफ में भी प्रचार किया जा रहा है. अनुरोध है कि नियमों में शिथिलता बरतते हुये राज्यवासियों को सहुलियत देने की कृपा करेंगे.'

रांची: छठ को लेकर झारखंड सरकार की जारी गाइडलाइन पर अब राज्य में राजनीति शुरू हो चुकी है. एक तरफ विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर है तो वहीं, सत्ताधारी दल के नेता, विधायक भी अपने ही सरकार से नाराजगी जता रहे हैं. इसको लेकर अब बयान बाजी का दौर शुरू हो चुका है.

जेएमएम के विधायक सुदिव्य कुमार ने आपदा विभाग पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा है कि 'आपदा प्रबंधन विभाग ही हमारे राज्य की सबसे बड़ी “आपदा” है' बता दें कि आपदा विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता हैं जो कि कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं. जेएमएम विधायक के इस बयान को लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी भी सरकार पर हमलावर हो गई है. वहीं, इसे लेकर गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार ने सीएम हेंमत सोरेन को मांग पत्र सौंपा है. विधायक ने अपने मांग पत्र में कहा है कि कोविड 19 के उच्चतम संक्रमण काल में भी झारखंड राज्य अप्रत्याशित प्रसार को मात देता रहा. सरकार के निर्देशानुसार जनता ने भी संयम का परिचय देते हुए कोविड को सीमित करते हुए सरकार की इच्छा शक्ति को बल दिया है.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

वहीं, इस मामले पर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी ट्वीट कर सीएम हेमंत सोरेन से पनर्विचार करने की मांग की है. सरयू राय ने लिखा है 'मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM से अपील- छठ पर्व के कोरोना गाइडलाइन को संशोधित करें. कम से कम बिहार सरकार की तर्ज़ पर नई गाइडलाइन घोषित करें. आस्था के पर्व की गंभीरता एवं पवित्रता पर ध्यान दें एवं इसका समादर करें.'

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

ये भी पढ़ें: छठ महापर्व पर सरकार के गाइडलाइन का बीजेपी ने किया विरोध, बताया तुगलकी फरमान

सरकार के गाइडलाइन पर बीजेपी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की इतनी चिंता थी तो चुनावी रैलियों में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया? आपदा प्रबंधन विभाग ने सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने झामुमो विधायक कुमार सुदिव्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ही राज्य में असल आपदा है. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि हेमंत सरकार ने कांग्रेस के इशारे पर हिंदू त्योहारों और लोकआस्था पर पाबंदी लगाई है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने भी सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि 'मा.मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी #छठ महापर्व जन भावनाओं से जुड़ा हुआ है. उपचुनाव में चुनावी सभा हो या दीपावली धनतेरस के दौरान बाजारों में भीड़ जनजीवन सुचारू रूप से दिख रहे थे. अब छठ पर्व पर नदी तालाब पर रोक तुगलकी फरमान के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. कृपया इसमें छूट दी जाए'.

Government under pressure regarding Chhath Guideline
साभार ट्विटर

वहीं, मंत्री जोबा माझी ने भी ट्वीट कर लिखा है 'माननीय मुख्यमंत्री जी, लोकआस्था के महापर्व छठ को लेकर आपदा प्रबंधन के दिशा-निर्देशों से आमजन रुष्ट नजर आ रहे हैं. इसे कहीं न कहीं सरकार के खिलाफ में भी प्रचार किया जा रहा है. अनुरोध है कि नियमों में शिथिलता बरतते हुये राज्यवासियों को सहुलियत देने की कृपा करेंगे.'

Last Updated : Nov 16, 2020, 7:22 PM IST
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