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रांची में पेट के डॉक्टरों का जुटान, कहा- जंक फूड से बढ़ रही हैं बीमारियां

रांची में पेट की बीमारियों के डॉक्टरों का जुटान हुआ. इस दो दिवसीय जुटान में प्रसिद्ध डॉक्टर नागेंद्र रेड्डी भी शामिल हुए. इस दौरान पेट की बीमारियों और उसके इलाज पर चर्चा हुई.

रांची में पेट के डॉक्टरों का जुटान
रांची में पेट के डॉक्टरों का जुटान
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Published : Jun 6, 2022, 8:20 AM IST

Updated : Jun 6, 2022, 9:13 AM IST

रांची: आज के भागम भाग की दुनिया में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो गए हैं. लोग घर के खाने को छोड़ बाहर के खानों के तरफ रुख कर रहे हैं. यह कहना है देश के प्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर नागेंद्र रेड्डी का. दरअसल झारखंड में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन बिहार झारखंड इंडियन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने किया था. जिसमें देश के प्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर नागेंद्र रेड्डी पहुंचे थे.


ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ. डी नागेंद्र रेड्डी ने बताया कि बिहार झारखंड की संयुक्त पहल से रांची में आयोजित बैठक आदि बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों का जुटान हुआ. जिसमें सभी डॉक्टरों ने अपने ज्ञान का आदान प्रदान किया. कार्यक्रम में डॉ. डी नागेंद्र रेड्डी ने झारखंड एवं बिहार के चिकित्सकों को पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज को लेकर कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए. इसके साथ ही अत्याधुनिक तरीके से एंडोस्कोपी की जानकारी भी डॉक्टरों को दी गई.

देखें पूरी खबर
डॉ. डी नागेंद्र रेड्डी ने बताया कि एक सर्वे के अनुसार देश के 30% लोग गैस की समस्या से पीड़ित है. क्योंकि आज की तारीख में देश के सभी प्रदेशों में मिलने वाले खाद्य पदार्थ में मिलावट पाया जाता है. साथ ही साथ लगातार बढ़ रही आबादी से खराब हो रहे वातावरण की वजह से भी लोगों को गैस की समस्या हो रही है. डॉक्टर रेडी ने बताया कि झारखंड में अभी भी गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट की कमी है जिस प्रकार से यहां की आबादी है उस हिसाब से यहां पर अभी भी पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अच्छे डॉक्टरों की जरूरत है.वहीं पटना से आए चिकित्सक डॉ विजय शंकर ने बताया कि आज के भागम भाग की दुनिया में लोग जो खाना खा रहे हैं उसके प्रति सजग नहीं हैं. कई बार खाने में उपयोग होने वाले केमिकल लोगों की आंत, लीवर और पेट के लिए बड़ी समस्या बन जाती है. उन्होंने बताया कि बिहार झारखंड चैप्टर इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के द्वारा आयोजित किए गए इस तरह के कार्यक्रम से डॉक्टरों और मरीजों दोनों को लाभ होता है. रांची के प्रसिद्ध गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर जयंत घोष बताते हैं कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में डॉक्टर रेड्डी ने मेटाबोलिक एंडोस्कोपी, रोबोटिक एंडोस्कोपी समेत कई विधाओं की जानकारी चिकित्सकों के साथ साझा की. वहीं मोटर डिसफजीया (भोजन घुटने में परेशानी) की बीमारी को लेकर भी कार्यक्रम में चर्चा की गई.

रांची: आज के भागम भाग की दुनिया में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो गए हैं. लोग घर के खाने को छोड़ बाहर के खानों के तरफ रुख कर रहे हैं. यह कहना है देश के प्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर नागेंद्र रेड्डी का. दरअसल झारखंड में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन बिहार झारखंड इंडियन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने किया था. जिसमें देश के प्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर नागेंद्र रेड्डी पहुंचे थे.


ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ. डी नागेंद्र रेड्डी ने बताया कि बिहार झारखंड की संयुक्त पहल से रांची में आयोजित बैठक आदि बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों का जुटान हुआ. जिसमें सभी डॉक्टरों ने अपने ज्ञान का आदान प्रदान किया. कार्यक्रम में डॉ. डी नागेंद्र रेड्डी ने झारखंड एवं बिहार के चिकित्सकों को पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज को लेकर कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए. इसके साथ ही अत्याधुनिक तरीके से एंडोस्कोपी की जानकारी भी डॉक्टरों को दी गई.

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डॉ. डी नागेंद्र रेड्डी ने बताया कि एक सर्वे के अनुसार देश के 30% लोग गैस की समस्या से पीड़ित है. क्योंकि आज की तारीख में देश के सभी प्रदेशों में मिलने वाले खाद्य पदार्थ में मिलावट पाया जाता है. साथ ही साथ लगातार बढ़ रही आबादी से खराब हो रहे वातावरण की वजह से भी लोगों को गैस की समस्या हो रही है. डॉक्टर रेडी ने बताया कि झारखंड में अभी भी गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट की कमी है जिस प्रकार से यहां की आबादी है उस हिसाब से यहां पर अभी भी पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अच्छे डॉक्टरों की जरूरत है.वहीं पटना से आए चिकित्सक डॉ विजय शंकर ने बताया कि आज के भागम भाग की दुनिया में लोग जो खाना खा रहे हैं उसके प्रति सजग नहीं हैं. कई बार खाने में उपयोग होने वाले केमिकल लोगों की आंत, लीवर और पेट के लिए बड़ी समस्या बन जाती है. उन्होंने बताया कि बिहार झारखंड चैप्टर इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के द्वारा आयोजित किए गए इस तरह के कार्यक्रम से डॉक्टरों और मरीजों दोनों को लाभ होता है. रांची के प्रसिद्ध गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर जयंत घोष बताते हैं कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में डॉक्टर रेड्डी ने मेटाबोलिक एंडोस्कोपी, रोबोटिक एंडोस्कोपी समेत कई विधाओं की जानकारी चिकित्सकों के साथ साझा की. वहीं मोटर डिसफजीया (भोजन घुटने में परेशानी) की बीमारी को लेकर भी कार्यक्रम में चर्चा की गई.
Last Updated : Jun 6, 2022, 9:13 AM IST
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