रांची: झारखंड में अशोक खदान से निकले कोयले से गैस तैयार किया जाएगा. देश की घरेलू और औद्योगिक ईंधन की जरूरत पूरी करने के लिए और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए मोदी सरकार कोयले से गैस तैयार करने की परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रही है. सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की झारखंड स्थित अशोक कोयला खदान से निकले कोयले से गैस तैयार करने की परियोजना शीघ्र स्थापित हो सकती है.
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कोयला गैसीकरण परियोजना
सीसीएल के अशोक कोयला खदान के कोयले पर आधारित कोयला गैसीकरण परियोजना की स्थापना के लिए प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की गई है. दूसरी तरफ भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड यानी भेल और कॉर्पोरेट आरएंडडी ने सितम्बर 2021 में हैदराबाद में प्रायोगिक स्तर के कोयले से मेथनॉल संयंत्र को चालू किया है. राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने यह जानकारी दी.
2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल
कोयला मंत्री ने बताया कि सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल के 20% मिश्रण को प्राप्त करने की दिशा में भी अनेक कदम उठाये हैं. जिसमें गन्ने के उपयोग, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न और मक्का को इथेनॉल में बदलने की अनुमति शामिल है. उन्होंने बताया कि कोयला आयात प्रतिस्थापन के उद्देश्य से दिनांक 29.05.2020 को कोयला मंत्रालय में एक अंतर मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है. आईएमसी के निर्देश पर कोयला मंत्रालय द्वारा एक आयात डाटा प्रणाली विकसित की गयी है ताकि मंत्रालय कोयले के आयात को ट्रैक कर सके. कोयले की अधिक घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास भी किए गए हैं.