रांची: हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर मंत्री रामेश्वर उरांव मंत्री बन्ना गुप्ता और मंत्री बादल पत्रलेख ने संयुक्त बैठक की. बैठक के बाद मीडिया ने सवाल उठाया कि आखिर जब देश में लॉकडाउन था और गाड़ियों के अंतर जिला मूवमेंट पर रोक थी. इसके बावजूद मंत्री आलमगीर आलम ने कैसे अलग-अलग जिलों के मजदूरों को 4 गाड़ियों से भेजने की व्यवस्था 29 मार्च को करवायी.
यह भी पूछा गया कि आखिर किस नियम के तहत रांची के डीसी ने चार बसों को जाने की छूट दी. सवाल यह भी पूछा गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर आखिर रांची के डीसी को क्यों शो-कॉज किया गया. इन सवालों का जवाब देने के लिए मंत्री आलमगीर आलम ने मंत्री बादल पत्रलेख को अधिकृत किया था. उन्होंने अपने जवाब में कहा कि रांची के डीसी ने दूसरे जिलों में 4 बसों को भेजने के लिए नियम संगत मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि 29 मार्च की रात केंद्रीय कैबिनेट सचिव का बयान आया था कि अब किसी भी हालत में अंतर जिला स्तर पर बसों का संचालन नहीं होने देना है.
मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कई लोगों ने मंत्री आलमगीर आलम से अपने-अपने घर भेजने के लिए संपर्क किया था. तब केंद्र का यह आदेश लागू नहीं हुआ था. इसी वजह से डीसी के जरिए बसों को भेजने की अनुमति भी मिली. यह पूछे जाने पर कि जब मंत्री के पहल पर डीसी ने अनुमति दी थी तो फिर उन्हीं के सरकार के मुखिया के निर्देश पर डीसी को शो-कॉज क्यों किया गया. क्या सरकार के इस आदेश से कांग्रेस को आघात पहुंचा है. इसके जवाब में मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है. डीसी से सिर्फ सवाल पूछा गया है और वह इसका जवाब दे देंगे और इसके साथ ही बात खत्म हो जाएगी.
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धार्मिक स्थलों में लोगों को ठहराना गलत
मंत्री रामेश्वर उरांव से यह पूछा गया कि हिंदपीढ़ी के एक मस्जिद में बाहरी लोगों को क्यों ठहराया गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि इससे कानून का उल्लंघन हुआ है और इस पर अब नजर रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि जो लोग भी मस्जिद में ठहरे थे उन सभी लोगों को कोरोनटाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी किसी भी धार्मिक स्थल में नहीं रुकेगा. मंत्री रामेश्वर उरांव ने माना की धार्मिक स्थल में बाहर से आए लोगों को ठहराना एक बड़ी चूक है.