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जैवलिन थ्रो की पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी मारिया गोरती खोलखो की हालत गंभीर, रिम्स में चल रहा इलाज

जैवलिन थ्रो की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी मारिया गोरती खलखो की हालत गंभीर है. उनका इलाज रिम्स में चल रहा है. बताया जा रहा है कि मारिया की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

Former Javelin Throw player Maria Gorti Kholkho
जैवलिन थ्रो की पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी मारिया गोरती खोलखो की हालत गंभीर
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Published : Apr 16, 2022, 11:05 PM IST

रांचीः जैवलिन थ्रो की राष्ट्रीय खिलाड़ी रही और एथलेटिक्स कोच मारिया गोरती खलखो बीमार हैं. पिछले तीन से चार महीनों से मारिया रिम्स में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. साल 2019 में मारिया बीमार हुई थी, तब भी रिम्स में इलाज चला. इस दौरान ही पता चला कि उनका एक लंग्स खराब हो चुका है. खेल विभाग के प्रयास से उनका इलाज कराया गया. एक महीने तक इलाज चला और स्वस्थ्य होकर नामकुम स्थित घर लौट गई थी. लेकिन फिर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई है.

यह भी पढ़ेंःExclusive: आर्थिक तंगी की मार झेल रही अंतरराष्ट्रीय जेवलिन थ्रोअर रही मारिया, सरकार से लगाई मदद की गुहार

1974 में जब मारिया आठवीं क्लास के विद्यार्थी थी. उसी दौरान जौवलिन मीट में फर्स्ट लाकर गोल्ड मेडल हासिल की थी. मरिया ने ऑल इंडिया रूरल समिट में भी जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल की. साल 1975 में स्कूल नेशनल मणिपुर में गोल्ड मेडल हासिल की. इसके बाद 1975 -76 में जालंधर में अंतरराष्ट्रीय जैवलिन मीट प्रतियोगिता में फर्स्ट लाकर नया रिकॉर्ड बनाया. मारिया ने 1976-77 में बनारस में जैवलिन में गोल्ड मेडल हासिल की. इसके बाद 30 साल कोचिंग का सफर रहा. 1980 से 2018 तक अपना समय प्रशिक्षक के रूप में व्यतित की.

रांचीः जैवलिन थ्रो की राष्ट्रीय खिलाड़ी रही और एथलेटिक्स कोच मारिया गोरती खलखो बीमार हैं. पिछले तीन से चार महीनों से मारिया रिम्स में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. साल 2019 में मारिया बीमार हुई थी, तब भी रिम्स में इलाज चला. इस दौरान ही पता चला कि उनका एक लंग्स खराब हो चुका है. खेल विभाग के प्रयास से उनका इलाज कराया गया. एक महीने तक इलाज चला और स्वस्थ्य होकर नामकुम स्थित घर लौट गई थी. लेकिन फिर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई है.

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1974 में जब मारिया आठवीं क्लास के विद्यार्थी थी. उसी दौरान जौवलिन मीट में फर्स्ट लाकर गोल्ड मेडल हासिल की थी. मरिया ने ऑल इंडिया रूरल समिट में भी जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल की. साल 1975 में स्कूल नेशनल मणिपुर में गोल्ड मेडल हासिल की. इसके बाद 1975 -76 में जालंधर में अंतरराष्ट्रीय जैवलिन मीट प्रतियोगिता में फर्स्ट लाकर नया रिकॉर्ड बनाया. मारिया ने 1976-77 में बनारस में जैवलिन में गोल्ड मेडल हासिल की. इसके बाद 30 साल कोचिंग का सफर रहा. 1980 से 2018 तक अपना समय प्रशिक्षक के रूप में व्यतित की.

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