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झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य सचिव और उनके भाई ने किया सरेंडर, मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने ईडी के विशेष न्यायालय में सरेंडर कर दिया है.

सिविल कोर्ट
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Published : Jun 3, 2019, 2:32 PM IST

Updated : Jun 3, 2019, 3:36 PM IST

रांची: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने ईडी के विशेष न्यायालय में सरेंडर कर दिया. दोनों ने ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सरेंडर किया. अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है.

जानकारी देते वकील


पूर्व में भी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है. दोनों आरोपियों को 3 जून तक अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था. आदेश के आलोक में आज दोनों ने ईदी की विशेष अदालत में खुद को सरेंडर कर दिया है, मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी.

ये भी पढ़ें- राम मंदिर के लिए मुस्लिम समुदाय करे सहयोग, JMM मुक्त होगा संथाल: रघुवर दास

यह मामला ईडी के कांड संख्या 2/18 से जुड़ा है मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार, उनके भाई राजेंद्र प्रसाद, नंदलाल एचयूएच, श्यामल चक्रवर्ती, धर्मेंद्र कुमार धीरज, नरेश कुमार केजरीवाल आरोपी है. बता दें कि यह मामल वित्तिय वर्ष 2005-2009 से जुड़ा हुआ है. विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1 करोड़ 76 लाख रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया गया था. दवा घोटाला मामले में पूर्व में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में ईडी ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी इसमें झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार पर अपनी नाजायज कंपनी को जायज करार देने के लिए लॉन्ड्रिंग का सहारा ले रहे थे. जिसे जांच में सही पाया गया.

रांची: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने ईडी के विशेष न्यायालय में सरेंडर कर दिया. दोनों ने ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सरेंडर किया. अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है.

जानकारी देते वकील


पूर्व में भी आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है. दोनों आरोपियों को 3 जून तक अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था. आदेश के आलोक में आज दोनों ने ईदी की विशेष अदालत में खुद को सरेंडर कर दिया है, मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी.

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यह मामला ईडी के कांड संख्या 2/18 से जुड़ा है मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार, उनके भाई राजेंद्र प्रसाद, नंदलाल एचयूएच, श्यामल चक्रवर्ती, धर्मेंद्र कुमार धीरज, नरेश कुमार केजरीवाल आरोपी है. बता दें कि यह मामल वित्तिय वर्ष 2005-2009 से जुड़ा हुआ है. विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1 करोड़ 76 लाख रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया गया था. दवा घोटाला मामले में पूर्व में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में ईडी ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी इसमें झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार पर अपनी नाजायज कंपनी को जायज करार देने के लिए लॉन्ड्रिंग का सहारा ले रहे थे. जिसे जांच में सही पाया गया.

Intro:रांची
बाइट--संजय कुमार अधिवक्ता बचाव पक्ष
बाइट--एस आर दास विशेष लोक अभियोजक ईडी(कुर्शी में बैठे हुए)

मनी लॉन्ड्री के मामले में झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र प्रसाद ने रांची सिविल कोर्ट स्थित ईडी के विशेष न्यायालय में सरेंडर कर दिया है दोने ने ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सरेंडर किया। अदालत ने मनी लॉन्ड्री से जुड़े दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया है। आरोपी का पूर्व मे भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। दोनों आरोपियों को 3 जून तक अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था। आदेश के आलोक में आज दोनों ने ईदी के विशेष अदालत में खुद को सरेंडर कर दिया है मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी




Body:यह मामला ईडी के कांड संख्या 2/18 से जुड़ा है मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार,उनके भाई राजेंद्र प्रसाद, नंदलाल एचयूएच,श्यामल चक्रवर्ती,धर्मेंद्र कुमार धीरज, नरेश कुमार केजरीवाल आरोपी है आज झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रदीप कुमार और उनके भाई राजेंद्र कुमार दोनों ने अदालत में सरेंडर कर दिया है



Conclusion:आपको बता दें कि यह मामल वित्तिय वर्ष 2005-2009 से जुड़ा हुआ है विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 1करोड़ 76 लाख रुपये का मनी लॉन्ड्री किया गया था। दवा घोटाला मामले में पूर्व में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में ईडी ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी इसमें झारखंड सरकार के पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार पर अपनी नाजायज कंपनी को जायज करार देने के लिए मनी लॉन्ड्री का सहारा लेने का आरोप लगाया गया था जांच के बाद ईडी ने प्रदीप कुमार पर मनी लॉन्ड्री के सहारे अपने और भाई राजेंद्र प्रसाद के नाम पर संपत्ति खरीदने से संबंधित साक्ष्य जुटाया गया।
Last Updated : Jun 3, 2019, 3:36 PM IST
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