रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जानबूझकर राज्य सरकार बाधित कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संबंध में चिट्ठी लिखकर बाबूलाल मरांडी ने नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार और राज्य के प्रशासनिक पदाधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि ऐसा महसूस किया जा रहा है कि अपने राज्य में केंद्र सरकार से प्राप्त लोक कल्याणकारी और जनोपयोगी योजनाओं के निर्माण और उन्हें ससमय कार्यान्वित कराने के मामले में राज्य सरकार के कुछ अधिकारी या तो शिथिलता बरतते हैं या उन्हें जानबूझकर अज्ञात कारणों से लटकाए रखना चाहते हैं.
प्रशासनिक दांव-पेंच में देवघर AIIMS-Airport
देवघर में बन रहा एम्स (AIIMS) और एयरपोर्ट (Airport) ऐसी ही योजनाओं में शामिल है. जिन्हें वहां प्रशासनिक दांव-पेंच में फंसा कर ससमय चालू ना होने देने के प्रयास की बात सामने आ रही है. देवघर में एम्स और एयरपोर्ट ऐसी अति महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना है. जिनके चालू होने से ना सिर्फ झारखंड बल्कि सीमावर्ती बिहार-बंगाल की बड़ी आबादी को भी इसका लाभ मिलेगा. साथ ही देवघर और झारखड का नाम देश और दुनिया के पटल पर आएगा और झारखंड को एक नई पहचान मिलेगी.
उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्री जी, जनकल्याणकारी योजना लोगों के कल्याण के लिए होता है, राजनीतिक नफा-नुकसान की गरज से ऐसे जनोपयोगी योजनाओं को लटकाने का प्रयास ना तो हमसबों के हित में हैं और ना ही राज्य और राज्य की जनता के हित में है.'
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जमीन अधिग्रहित ना कराने का आरोप
उन्होंने कहा कि अब पता चल रहा है कि देवघर मधुपुर पीडब्ल्यूडी पथ से निर्माणाधीन देवघर-एयरपोर्ट तक पहुंच पथ के लिए महज 320 मीटर लंबी भूमि, जिसकी अनुमानित कीमत 11 लाख रुपये होगी, उसके अधिग्रहण मामले में सुस्ती बरती जा रही है. बाबूलाल ने कहा कि आपको सत्ता में आए हुए 18 महीने हो गए हैं, अगर आप 18 महीने में इतनी छोटी जमीन के टुकड़े का अधिग्रहण नहीं करवा पा रहे हैं तो इसे क्या कहा जाए? क्या ये नहीं समझा जाएगा कि आप केंद्र सरकार की ओर से प्रदत्त राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की जनकल्याणकारी योजना को जनहित के नजरिए से नहीं बल्कि राजनीतिक चश्में से देख रहे हैं.
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पहले एम्स और अब एयरपोर्ट चालू कराने के मामले में देवघर प्रशासन के कार्यकलाप से भी यह प्रतीत होता है कि ये कल्याणकारी योजनाओं के प्रति गंभीर ना होकर राज्य में सत्तासीन राजनीतिक पार्टी के टूल की तरह काम कर रहे हैं. उनकी प्रतिबद्धता लोक कल्याणकारी कामों में कम और राजनीतिक आकाओं को खुश रखने में ज्यादा है. बिहार के दरभंगा और झारखंड के देवघर में एयरपोर्ट एक साथ शुरू होनेवाला था.
दरभंगा में एयरपोर्ट महीनों पहले चालू हो चुका है, कई प्रमुख शहरों से हवाई सेवा का लाभ वहां के लोग उठा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हमलोग एप्रोच रोड के लिए कुछ मीटर जमीन अधिग्रहण का रोना रो रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि आपसे विशेष अनुरोध है कि देवघर एयरपोर्ट और एम्स जैसी महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजना को संज्ञान में लेकर अपनी निगरानी में कार्यान्वित कराएं, जिससे ससमय एयरपोर्ट और एम्स चालू हो सके.