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झारखंड विधानसभा से 'बेघर' रघुवर को चाहिए राजधानी में ठौर, किया सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को राजधानी रांची में घर चाहिए. इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि फॉर्मर सीएम होने के नाते उन्हें सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

Former Chief Minister Raghubar Das
रघुवर दास
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Published : Jan 14, 2020, 5:49 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अब राजधानी में ठौर तलाश रहे हैं. इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि फॉर्मर सीएम होने के नाते उन्हें सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

देखिए पूरी खबर

दरअसल, दास जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा इलाके से पांच बार विधायक रहे. इस नाते राजधानी रांची के एचईसी कैंपस में उन्हें एक आवास आवंटित किया गया था. वहीं, 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हो गए, लेकिन 2000-19 में हुए राजनीतिक यू-टर्न के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके हाथ से गई. वहीं, दूसरी तरफ विधायक के रुप में आवंटित एचईसी का क्वार्टर भी हाथ से चला जा सकता है. ऐसे में राजधानी में ठौर के लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते सरकारी आवास के लिए राज्य सरकार को लिखा है.

ये भी पढ़ें: महागठबंधन के निशाने पर BJP, कांग्रेस ने कहा- मुद्दा विहीन पॉलिटिक्स कर रही है पार्टी

बीजेपी और जेएमएम की राय
इस बाबत बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मुहैया कराए गए हैं. दरअसल, इसके पीछे वजह सुरक्षा कारण है चूंकि झारखंड में उग्रवाद प्रभावित इलाके हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री को राजधानी में सरकारी आवास दिया जाना चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार नियम सम्मत कार्रवाई करेगी. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि नियम सबके लिए बराबर होंगे चाहे वह मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हो या पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास हो.

क्यों फंस रहा है पेंच
दरअसल, हाल में ही उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधा पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी और उनसे वह सुविधा वापस लेने का निर्देश भी दिया था. उसी के आलोक में अन्य राज्यों ने भी इसे आधार बनाया. हालांकि, झारखंड में अभी तक किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री को इस सुविधा से वंचित नहीं किया गया. वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार के पास ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है जिसके आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किया जाए. सेक्रेटेरिएट सूत्रों की मानें तो इसके लिए बाकायदा राज्य सरकार को कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर कोई नियम बनाना होगा.

राजधानी में झारखंड में पिछले 19 वर्षों में सत्ता का नेतृत्व चार चेहरों के इर्द-गिर्द घूमती रही. उन पूर्व मुख्यमंत्रियों में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन और मधु कोड़ा के नाम प्रमुख हैं और अब रघुवर दास का नया नाम जुड़ गया है. शिबू सोरेन को आंदोलनकारी होने के नाते राज्य सरकार ने सम्मान के हिसाब से मोरहाबादी में आवास दिया है. वहीं, दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मोरहाबादी के स्टेट गेस्ट के बगल में रहते हैं.

ये भी पढ़ें: पाकुड़ में गर्म झरने का अनोखा कुंड, जहां नहाने से दूर होता है चर्म रोग!

केंद्र में मंत्री अर्जुन मुंडा जेल चौक के पास सरकारी आवास में रहते हैं, जबकि पूर्व सीएम मधु कोड़ा दीनदयाल नगर में अपनी पत्नी का नाम से आवंटित आवास में रहते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को विधायक के नाते आवास दिया गया था, लेकिन अब वह सांसद हैं. वहीं, मुंडा भी खूंटी से सांसद और केंद्र में मंत्री हैं, जबकि बाबूलाल मरांडी अब धनवार से विधायक हैं. झामुमो सुप्रीमो सोरेन अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अब राजधानी में ठौर तलाश रहे हैं. इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि फॉर्मर सीएम होने के नाते उन्हें सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

देखिए पूरी खबर

दरअसल, दास जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा इलाके से पांच बार विधायक रहे. इस नाते राजधानी रांची के एचईसी कैंपस में उन्हें एक आवास आवंटित किया गया था. वहीं, 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हो गए, लेकिन 2000-19 में हुए राजनीतिक यू-टर्न के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके हाथ से गई. वहीं, दूसरी तरफ विधायक के रुप में आवंटित एचईसी का क्वार्टर भी हाथ से चला जा सकता है. ऐसे में राजधानी में ठौर के लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते सरकारी आवास के लिए राज्य सरकार को लिखा है.

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बीजेपी और जेएमएम की राय
इस बाबत बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मुहैया कराए गए हैं. दरअसल, इसके पीछे वजह सुरक्षा कारण है चूंकि झारखंड में उग्रवाद प्रभावित इलाके हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री को राजधानी में सरकारी आवास दिया जाना चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार नियम सम्मत कार्रवाई करेगी. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि नियम सबके लिए बराबर होंगे चाहे वह मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हो या पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास हो.

क्यों फंस रहा है पेंच
दरअसल, हाल में ही उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधा पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी और उनसे वह सुविधा वापस लेने का निर्देश भी दिया था. उसी के आलोक में अन्य राज्यों ने भी इसे आधार बनाया. हालांकि, झारखंड में अभी तक किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री को इस सुविधा से वंचित नहीं किया गया. वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार के पास ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है जिसके आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किया जाए. सेक्रेटेरिएट सूत्रों की मानें तो इसके लिए बाकायदा राज्य सरकार को कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर कोई नियम बनाना होगा.

राजधानी में झारखंड में पिछले 19 वर्षों में सत्ता का नेतृत्व चार चेहरों के इर्द-गिर्द घूमती रही. उन पूर्व मुख्यमंत्रियों में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन और मधु कोड़ा के नाम प्रमुख हैं और अब रघुवर दास का नया नाम जुड़ गया है. शिबू सोरेन को आंदोलनकारी होने के नाते राज्य सरकार ने सम्मान के हिसाब से मोरहाबादी में आवास दिया है. वहीं, दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मोरहाबादी के स्टेट गेस्ट के बगल में रहते हैं.

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केंद्र में मंत्री अर्जुन मुंडा जेल चौक के पास सरकारी आवास में रहते हैं, जबकि पूर्व सीएम मधु कोड़ा दीनदयाल नगर में अपनी पत्नी का नाम से आवंटित आवास में रहते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को विधायक के नाते आवास दिया गया था, लेकिन अब वह सांसद हैं. वहीं, मुंडा भी खूंटी से सांसद और केंद्र में मंत्री हैं, जबकि बाबूलाल मरांडी अब धनवार से विधायक हैं. झामुमो सुप्रीमो सोरेन अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.

Intro:रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में हुई हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अब राजधानी में ठौर तलाश रहे हैं। इस बाबत उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि फॉर्मर सीएम होने के नाते उन्हें सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। दरअसल दास जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा इलाके से पांच बार विधायक रहे। इस नाते राजधानी रांची के एचईसी कैंपस में उन्हें एक आवास आवंटित किया गया। वहीं 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हो गए लेकिन 2000-19 में हुए राजनीतिक यू-टर्न के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके हाथ से गई वहीं दूसरी तरफ विधायक के रुप में आवंटित एचईसी का क्वार्टर भी हाथ से चला जा सकता है। ऐसे में राजधानी में ठौर के लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते सरकारी आवास के लिए राज्य सरकार को लिखा है।


Body:क्या मानना है बीजेपी और झामुमो का
इस बाबत बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास मुहैया कराए गए हैं। दरअसल इसके पीछे वजह सुरक्षा कारण है चूंकि झारखंड में भी उग्रवाद प्रभावित इलाके हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री को राजधानी में सरकारी आवास दिया जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार नियम सम्मत कार्रवाई करेगी। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि नियम सबके लिए बराबर होंगे चाहे वह मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हो या पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास हों।

क्यों फंस रहा है पेंच
दरअसल हाल में ही उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधा पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी और उनसे वह सुविधा वापस लेने का निर्देश भी दिया था। उसी के आलोक में अन्य राज्यों ने भी इसे आधार बनाया। हालांकि झारखंड में अभी तक किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री को इस सुविधा से वंचित नहीं किया गया। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के पास ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है जिसके आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किया जाए। सेक्रेटेरिएट सूत्रों की मानें तो इसके लिए बाकायदा राज्य सरकार को कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर कोई नियम बनाना होगा।


Conclusion:फिलहाल झारखंड के यह पूर्व मुख्यमंत्री रह रहे हैं राजधानी में झारखंड में पिछले 19 वर्षों में सत्ता का नेतृत्व चार चेहरों के इर्द-गिर्द घूमती रही। उन पूर्व मुख्यमंत्रियों में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन और मधु कोड़ा के नाम प्रमुख है और अब रघुवर दास का नया नाम जुड़ गया है। शिबू सोरेन को आंदोलनकारी होने के नाते राज्य सरकार ने सम्मान के हिसाब से मोरहाबादी में आवास दिया है। वहीं दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मोरहाबादी के स्टेट गेस्ट के बगल में रहते हैं। वहीं केंद्र में मंत्री अर्जुन मुंडा जेल चौक के पास सरकारी आवास में रहते हैं। जबकि पूर्व सीएम मधु कोड़ा दीनदयाल नगर में अपनी पत्नी का नाम से आवंटित आवास में रहते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को विधायक के नाते आवास दिया गया था लेकिन अब वह सांसद हैं। वहीं मुंडा भी खूंटी से सांसद और केंद्र में मंत्री हैं। जबकि बाबूलाल मरांडी अब धनवार से विधायक हैं वहीं झामुमो सुप्रीमो सोरेन अभी किसी सदन के सदस्य नहीं है।
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