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14 साल पहले शुरू किया था जंगल संरक्षण के लिए अभियान, सांसद संजय सेठ ने की सराहना

बनलोटवा गांव झारखंड का नशा मुक्त गांव के रूप में जाना जाता है. इस गांव के लोगों ने 14 साल पहले जंगल संरक्षण अभियान भी शूरू किया था जो अब कारगर साबित हो रहा है.

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Published : Jan 14, 2020, 2:28 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 8:03 PM IST

forest conservation campaign
जल संरक्षण अभियान

रांची: ओरमांझी स्थित बनलोटवा गांव के लोगों द्वारा जंगल संरक्षण के लिए 14 साल पहले शुरू किया गया अभियान बेहद कारगर साबित हो रहा है. 14 साल पहले 14 जनवरी को इसी गांव के लोगों ने 365 एकड़ में फैले जंगल में एक अभियान शुरू किया था. महिलाओं ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर वन के सरक्षण का संकल्प लिया था. यह परंपरा तब से चली आ रही है.

संजय सेठ ने की सराहना
रांची के सांसद संजय सेठ भी बनलोटवा गांव पहुंचे और ग्रामीणों की इस पहल की दिल से सराहना की. उन्होंने कहा कि जंगल है तो वायु है और वायु है तो आयु है. साथ ही कहा कि जिस तरीके जंगलों और पहाड़ों की कटाई हो रही है, वैसे में वह दिन दूर नहीं जब लोगों को कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर ढोना पड़ेगा.
वीडियो में पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- आज होगी 'रायसीना डायलॉग' की शुरुआत, सात देशों के राष्ट्र प्रमुख होंगे शामिल

बनलोटवा गांव के वन संरक्षक शंकर महतो ने कहा कि उनके गांव से शुरू हुआ यह अभियान आस-पास के कई गांव में फैल चुका है. खास बात यह है कि रांची के बनलोटवा गांव पूर्ण रूप से नशामुक्त गांव भी बन गया है.

रांची: ओरमांझी स्थित बनलोटवा गांव के लोगों द्वारा जंगल संरक्षण के लिए 14 साल पहले शुरू किया गया अभियान बेहद कारगर साबित हो रहा है. 14 साल पहले 14 जनवरी को इसी गांव के लोगों ने 365 एकड़ में फैले जंगल में एक अभियान शुरू किया था. महिलाओं ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर वन के सरक्षण का संकल्प लिया था. यह परंपरा तब से चली आ रही है.

संजय सेठ ने की सराहना
रांची के सांसद संजय सेठ भी बनलोटवा गांव पहुंचे और ग्रामीणों की इस पहल की दिल से सराहना की. उन्होंने कहा कि जंगल है तो वायु है और वायु है तो आयु है. साथ ही कहा कि जिस तरीके जंगलों और पहाड़ों की कटाई हो रही है, वैसे में वह दिन दूर नहीं जब लोगों को कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर ढोना पड़ेगा.
वीडियो में पूरी रिपोर्ट

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बनलोटवा गांव के वन संरक्षक शंकर महतो ने कहा कि उनके गांव से शुरू हुआ यह अभियान आस-पास के कई गांव में फैल चुका है. खास बात यह है कि रांची के बनलोटवा गांव पूर्ण रूप से नशामुक्त गांव भी बन गया है.

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बनलोटवा गांव झारखंड का नशा मुक्त गांव के रुप में जाना जाता है. इस गांव के लोगों ने 14 साल पहले जंगल संरक्षण अभियान भी शूरू किया था जो अब कारगर साबित हो रहा है.



रांची: ओरमांझी स्थित बनलोटवा गांव के लोगों द्वारा जंगल संरक्षण के लिए 14 साल पहले शुरू किया गया अभियान बेहद कारगर साबित हो रहा है. 14 साल पहले 14 जनवरी को इसी गांव के लोगों ने 365 एकड़ में फैले जंगल में एक अभियान शुरू किया था. महिलाओं ने वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर वन के सरक्षण का संकल्प लिया था. यह परंपरा तब से चली आ रही है.

रांची के सांसद संजय सेठ भी बनलोटवा गांव पहुंचे और ग्रामीणों की इस पहल की दिल से सराहना की. उन्होंने कहा कि जंगल है तो वायु है और वायु है तो आयु है. साथ ही कहा कि जिस तरीके जंगलों और पहाड़ों की कटाई हो रही है, वैसे में वह दिन दूर नहीं जब लोगों को कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर ढोना पड़ेगा.

बनलोटवा गांव के वन संरक्षक शंकर महतो ने कहा कि उनके गांव से शुरू हुआ यह अभियान आस-पास के कई गांव में फैल चुका है. खास बात यह है कि रांची के बनलोटवा गांव पूर्ण रूप से नशामुक्त गांव भी बन गया है.


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Last Updated : Jan 14, 2020, 8:03 PM IST
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