रांची: रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने एक बार फिर मंगलवार को शहर की साफ सफाई को लेकर स्वास्थ्य शाखा के साथ समीक्षा बैठक बुलाई. जिसमे M/S Zonta Infratech Private Limited और M/s C.D.C के प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था. लेकिन एक बार फिर मेयर द्वारा आहूत बैठक में कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचा.
रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने बैठक में पदाधिकारियों के नदारद रहने पर कहा कि यह नगर निगम के लिए दुर्भाग्य की बात है कि समीक्षा बैठक के लिए बुलाया जाता है लेकिन अधिकारी नहीं आते हैं. जब-जब बैठक बुलाई जाती है तब-तब अधिकारी बहाना बनाकर नहीं आते हैं. ये कहीं ना कहीं सोची समझी साजिश हैं. उन्होंने कहा कि जब तक शहर में साफ-सफाई सुचारू रूप से नहीं होगी तब तक शहर की खूबसूरती बरकरार नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि 2014 से लेकर अब तक के उनके कार्यकाल में प्रत्येक वर्ष सफाई के क्षेत्र में बेहतर काम किया गया है. जिसकी सराहना केंद्र सरकार की ओर से भी हुई. इसके लिए लगातार समीक्षा बैठक की गई, ताकि जो समस्याएं हैं वह सामने आए और उसका समाधान हो सके. लेकिन अब अधिकारी समीक्षा बैठक से भाग रहे हैं.
आशा लकड़ा ने कहा कि पूरे शहर की साफ सफाई के लिए सीडीसी और जोंटा कंपनी को काम दिया गया है. लेकिन उनके द्वारा जहां-जहां निरीक्षण किया गया वहां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन नहीं हो रहा है. ऐसे में आम जनता कचरा कहां फेकेगी यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वायरल फीवर से भी लोगों में डर का माहौल है. ऐसे में कहीं कचरा महामारी का कारण बन सकता है. ऐसे में समय रहते साफ सफाई की समीक्षा करना जरूरी है. इसमें अधिकारी को आना चाहिए.
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रांची की मेयर ने कहा कि जोंटा कंपनी को काम दिया गया है. जिन्हें सेमी अंडर ग्राउंड डस्टबिन भी लगान था. लेकिन वह अबतक नहीं लगाया गया है. सूचना यह भी है कि कंपनी काम छोड़ कर भाग गई है और फिर भी कंपनी को 3 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है, यह बहुत दुर्भाग्य की बात है. अगर कोई काम नहीं कर रहा है तो उनके कार्यों की समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह चौथी बार है जब समीक्षा बैठक बुलाई गई है और अधिकारी नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि सीडीसी कंपनी को प्रत्येक महीने करोड़ों रुपए का भुगतान किया जा रहा है लेकिन काम नहीं लिया जा रहा है. दोनों कंपनियों का गलत तरीके से चयन हुआ है और वह सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में भुगतान नहीं करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि समीक्षा में नहीं आना और गलत तरीके से कंपनी को काम देना, इससे कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की बू आ रही है.