रांची: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत गरीबों का अपना घर का होने का सपना साकार हो रहा है. काफी जद्दोजहद के बाद झारखंड में शुरू हुआ लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत लॉटरी के माध्यम से चयनित 1008 लाभुकों को रांची नगर निगम ने आवंटन देना शुरू कर दिया है. स्क्रूटनी के बाद 1302 आवेदन सही पाए गए जिनमें लॉटरी के बाद 1008 लाभुकों को आवंटन पत्र 25 जुलाई से दिया जाएगा.
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कल तक दूसरों के फ्लैट और घर देखकर मन में सपना संजोने वाले लोग भी अब फ्लैट में रह सकेंगे. छोटे मोटे कार्य कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले ऐसे बेघर लोगों के लिए पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट लाइट हाउस वरदान साबित हो रहा है. झारखंड में चल रहे विभिन्न आवास योजना का लाभ लेने के लिए प्रतीक्षा कर रहे लाखों लोगों के बीच लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत 1008 परिवारों को मिलने वाला फ्लैट गरीब परिवार के लिए बड़ी सौगात के रूप में है.
योजना के तहत लॉटरी के माध्यम से चयनित लाभुकों का मानना है कि जिस जगह पर उन्होंने बिना अपना घर के जैसे तैसे रहकर बचपन से बुढ़ापे की दहलीज पर पहुंच गए वहां अपना अब घर मिल रहा है जिसकी खुशी व्यक्त नहीं की जा सकती. लाभुक किरण देवी, राधिका देवी, धर्मेंद्र कुमार जैसे 1008 लोग अब परिवार के साथ अपने घर में रहेंगे. लाभुक धर्मेंद्र कुमार पीएम मोदी को इसके लिए आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि घर मिलेगा. लॉटरी में जैसे ही उनका नाम आया उनका सपना साकार हो गया.
राजधानी रांची के धुर्वा में बन रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट को दिसंबर में पूरा कर लिया जाएगा. इससे पहले नगर निगम ने लाभुकों का चयन लॉटरी के माध्यम से कर लिया है. अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन बताते हैं कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए 1521 आवेदन आये थे, जिसमें स्क्रूटनी के बाद 1302 आवेदन सही पाए गए. जिनके बीच लॉटरी हुआ जिसमें 1008 को आवंटन पत्र 25 जुलाई से मिलेगा. चयनित लाभुकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कम ब्याज और कम किस्त पर लोन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. संभावना है कि दिसंबर में पूर्ण रूप से तैयार होने के पश्चात लाभुकों की खुशियों की दीपावली लाइट हाउस में मनेगा.
झारखंड के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत फ्लैट निर्माण जारी है. योजना के तहत 2024 तक झारखंड सहित देश के 06 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत सात लाख घर बनाने का लक्ष्य है. दुखद पहलू यह है कि अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड पीछे चल रहा है.