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एक ही गांव से निकली पांच होनहारों की अर्थी, चीत्कार से दहला गांव

रोजगार की तलाश में घर-परिवार को छोड़कर दूसरे राज्य में मजदूरी करने झारखंड के 9 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई. पांच होनहार का शव एक साथ गांव से निकाला गया. ऐसे में मौके पर मौजूद हर आम और खास की आंखों में आंसू नजर आ रहे थे.

पांच होनहारों की अर्थी
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Published : Jul 20, 2019, 10:58 PM IST

चतरा: सदर थाना क्षेत्र के ऊंटा और मंगरदाहा गांव के अलावे टंडवा थाना क्षेत्र में स्थित सिसई गांव के नौ मजदूरों की मौत हो गई. मजदूरों की मौत दो दिन पहले ही चेन्नई के नेलूपुरम इलाके में दर्दनाक सड़क हादसे में हो गई थी, जबकि इस घटना में चतरा के ही दो अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

देखें पूरी खबर


ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
इस मामले की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों में मातम छा गया. पूरे गांव के लोग अपने बच्चों के शव को सुरक्षित चेन्नई से वापस लाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे गए थे. मृतकों के परिजनों का यह हाल था कि कभी उन्हें चिकित्सक पानी चढ़ा रहे थे तो कभी अन्य उपचार कर रहे थे.


एंबुलेंस पर उमड़ी भीड़
ऐसे में सांसद सुनील कुमार सिंह और जिला प्रशासन के सकारात्मक पहल के बाद चेन्नई के अस्पताल में पड़े मजदूरों के शव को हवाई मार्ग से रांची लाया गया. जहां से दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने एंबुलेंस के सहयोग से सुरक्षित पैतृक गांव पहुंचाया गया. गांव पहुंचते ही गांव के लोगों की भीड़ एंबुलेंस के पास उमड़ गई और लोग वहीं फुट-फुटकर रोने लगे. सुरक्षाबलों और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को ढांढस बंधाते हुए शांत कराया. तब जाकर शव को एंबुलेंस से बाहर निकाला गया.

ये भी देखें- चेन्नई से रांची पहुंचा मृत मजदूरों का शव, दंडाधिकारी लाएंगे चतरा


करीब आधे घंटे शव को घर में रखने के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा निकाली. इस दौरान श्मशान घाट जाने वाली सड़क पर ग्रामीणों का रेला लगा हुआ था. सभी रूंधी आवाज में दुनिया को अलविदा कहने वाले गांव के बच्चों को याद कर रहे थे. बताया कि ऊंटा के पांच, मंगरदाहा के दो व टंडवा थाना क्षेत्र के सिसई गांव के दो मजदूरों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है.

चतरा: सदर थाना क्षेत्र के ऊंटा और मंगरदाहा गांव के अलावे टंडवा थाना क्षेत्र में स्थित सिसई गांव के नौ मजदूरों की मौत हो गई. मजदूरों की मौत दो दिन पहले ही चेन्नई के नेलूपुरम इलाके में दर्दनाक सड़क हादसे में हो गई थी, जबकि इस घटना में चतरा के ही दो अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

देखें पूरी खबर


ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
इस मामले की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों में मातम छा गया. पूरे गांव के लोग अपने बच्चों के शव को सुरक्षित चेन्नई से वापस लाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे गए थे. मृतकों के परिजनों का यह हाल था कि कभी उन्हें चिकित्सक पानी चढ़ा रहे थे तो कभी अन्य उपचार कर रहे थे.


एंबुलेंस पर उमड़ी भीड़
ऐसे में सांसद सुनील कुमार सिंह और जिला प्रशासन के सकारात्मक पहल के बाद चेन्नई के अस्पताल में पड़े मजदूरों के शव को हवाई मार्ग से रांची लाया गया. जहां से दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने एंबुलेंस के सहयोग से सुरक्षित पैतृक गांव पहुंचाया गया. गांव पहुंचते ही गांव के लोगों की भीड़ एंबुलेंस के पास उमड़ गई और लोग वहीं फुट-फुटकर रोने लगे. सुरक्षाबलों और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को ढांढस बंधाते हुए शांत कराया. तब जाकर शव को एंबुलेंस से बाहर निकाला गया.

ये भी देखें- चेन्नई से रांची पहुंचा मृत मजदूरों का शव, दंडाधिकारी लाएंगे चतरा


करीब आधे घंटे शव को घर में रखने के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा निकाली. इस दौरान श्मशान घाट जाने वाली सड़क पर ग्रामीणों का रेला लगा हुआ था. सभी रूंधी आवाज में दुनिया को अलविदा कहने वाले गांव के बच्चों को याद कर रहे थे. बताया कि ऊंटा के पांच, मंगरदाहा के दो व टंडवा थाना क्षेत्र के सिसई गांव के दो मजदूरों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है.

Intro:चतरा : रोटी की तलाश में घर-परिवार छोड़कर दूसरे राज्य में रोजगार की तलाश में गए पांच होनहार का शव एक साथ गांव से निकला। इस हृदय विदारक मौके पर क्या बच्चे क्या बूढ़े सब अपनो को खोने के गम में दहाड़ मार रहे थे। बेटा, भाई व पति को खोने वाली महिलाओं का तो हाल बेहाल था। कभी चीत्कार के बाद वे बेहोश हो रही थी तो कभी बेशुद्ध होकर दुनिया को अलविदा कहने वाले बच्चों को वापस बुला रही थी। ऐसे में मौके पर मौजूद हर आम और खास की आंखों में आंसू नजर आ रहे थे। सबसे भयावह स्थिति तो शव को लेकर आए एम्बुलेंसों के गांव में पहुंचने के बाद उत्पन्न हुई थी। घटना के बाद दो दिनों से अपनो का अंतिम दर्शन को तड़प रहे ग्रामीण वाहन को घेरकर दहाड़ मारने लगे। ऐसे में मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों व जनप्रतिनिधियों ने लोगों को ढांढस बंधाते हुए शांत कराया। तब जाकर शव को एम्बुलेंस से बाहर निकाला गया।

बाईट : अशोक दास - मृतक के परिजन।


Body:सदर थाना क्षेत्र के ऊंटा और मंगरदाहा गांव के अलावे टंडवा थाना क्षेत्र के सिसई गांव के नौ मजदूरों की मौत दो दिन पूर्व चेन्नई के नेलूपुरम इलाके में दर्दनाक सड़क हादसे में हो गई थी। जबकि चतरा के ही दो अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना की सूचना मिलने के बाद से गांव में मातम पसरा था। स्थिति यह थी कि अपनों के अंतिम दर्शन की प्रत्याशा में ग्रामीण और परिजन बिलख रहे थे। ना तो यहां दो दिनों से किसी के घर में चूल्हा जला था और ना ही दुकानें खुली थी। पूरे गांव के लोग अपने बच्चों के शव को सुरक्षित चेन्नई से वापस लाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे थे। मृतकों के परिजनों का यह हाल था कि कभी उन्हें चिकित्सक पानी चढ़ा रहे थे तो कभी अन्य उपचार। ऐसे में सांसद सुनील कुमार सिंह और जिला प्रशासन के सकारात्मक पहल के बाद चेन्नई के अस्पताल में पड़े मजदूरों के शव को हवाई मार्ग से रांची लाया गया। जहां से दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने एंबुलेंस के सहयोग से सुरक्षित पैतृक गांव पहुंचाया। गांव पहुंचते ही गांव के लोगों की भीड़ एंबुलेंस के पास उमड़ गई और लोग वहीं फुट-फुटकर रोने लगे। इस दौरान लोगों को शांत कराने में मौके पर मौजूद जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के पसीने छूट गए।


Conclusion:करीब आधे घंटे शव को घर में रखने के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा निकाली। इस दौरान श्मशान घाट जाने वाली सड़क पर ग्रामीणों का रेला लगा हुआ था। सभी रूंधी आवाज में दुनिया को अलविदा कहने वाले गांव के बच्चों को याद कर रहे थे। क्योंकि मृतकों में सभी मजदूर 20 से 25 वर्ष के थे। बताते चलें कि ऊंटा के पांच, मंगरदाहा के दो व टंडवा थाना क्षेत्र के सिसई गांव के दो मजदूरों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है।
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