चतरा: सदर थाना क्षेत्र के ऊंटा और मंगरदाहा गांव के अलावे टंडवा थाना क्षेत्र में स्थित सिसई गांव के नौ मजदूरों की मौत हो गई. मजदूरों की मौत दो दिन पहले ही चेन्नई के नेलूपुरम इलाके में दर्दनाक सड़क हादसे में हो गई थी, जबकि इस घटना में चतरा के ही दो अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
इस मामले की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों में मातम छा गया. पूरे गांव के लोग अपने बच्चों के शव को सुरक्षित चेन्नई से वापस लाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे गए थे. मृतकों के परिजनों का यह हाल था कि कभी उन्हें चिकित्सक पानी चढ़ा रहे थे तो कभी अन्य उपचार कर रहे थे.
एंबुलेंस पर उमड़ी भीड़
ऐसे में सांसद सुनील कुमार सिंह और जिला प्रशासन के सकारात्मक पहल के बाद चेन्नई के अस्पताल में पड़े मजदूरों के शव को हवाई मार्ग से रांची लाया गया. जहां से दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने एंबुलेंस के सहयोग से सुरक्षित पैतृक गांव पहुंचाया गया. गांव पहुंचते ही गांव के लोगों की भीड़ एंबुलेंस के पास उमड़ गई और लोग वहीं फुट-फुटकर रोने लगे. सुरक्षाबलों और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को ढांढस बंधाते हुए शांत कराया. तब जाकर शव को एंबुलेंस से बाहर निकाला गया.
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करीब आधे घंटे शव को घर में रखने के बाद ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा निकाली. इस दौरान श्मशान घाट जाने वाली सड़क पर ग्रामीणों का रेला लगा हुआ था. सभी रूंधी आवाज में दुनिया को अलविदा कहने वाले गांव के बच्चों को याद कर रहे थे. बताया कि ऊंटा के पांच, मंगरदाहा के दो व टंडवा थाना क्षेत्र के सिसई गांव के दो मजदूरों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है.