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केआईटी की अंदरूनी लड़ाई से छात्रों का भविष्य पर संकट, छात्र लगा रहे न्याय की गुहार - KIT CONTROVERSY OF GIRIDIH

गिरिडीह के केआईटी संस्थान के विवाद के बीच संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है.

KIT CONTROVERSY IN GIRIDIH
डीसी को सौंपा ज्ञापन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 19, 2025, 12:50 PM IST

गिरिडीह: जिले का केआईटी शैक्षणिक संस्थान का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में इस संस्थान में पढ़ने वाले बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. जिले के बेंगाबाद अंचल में स्थित खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) के अंदर की लड़ाई पिछले 8-10 वर्ष से चल रही है. यहां संस्थान पर अपना वर्चस्व कायम करने को लेकर खेमेबाजी चल रही है.

संस्थान का मामला प्रशासन से लेकर न्यायालय तक है. इन सब के बीच संस्थान में पढ़ रहे छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. बच्चे अब न्याय की गुहार लगाने गिरिडीह के जिलाधिकारी के पास भी पहुंच रहे हैं. यहां पर पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि उनकी कक्षाएं पिछले दो माह से बंद पड़ी हुई है. बच्चे कहते हैं कि संस्थान के अरविंद कुमार और आशुतोष कुमार पांडेय के बीच चल रही लड़ाई के कारण उनकी पढ़ाई बाधित है. बच्चों ने यह भी बताया कि यहां के शिक्षकों को कई माह से वेतन नहीं मिला है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

संंस्थान को लेकर जिन दो लोगों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, उनमें से एक अरविंद कुमार उर्फ अरविंद कुमार मंडल का कहना है कि मामले को लेकर हाईकोर्ट ने आवश्यक आदेश दे दिया है. उनका कहना है कि एसडीएम कोर्ट के आदेश पर केआईटी की चल-अचल संपत्ति अटैच हुआ था. जो कि उसका चैलेन्ज उन्होंने उच्च न्यायालय में किया था. उन्होंने कहा कि चार्ज वापस मिलते ही स्थिति सामान्य हो जायेगी.

वहीं आशुतोष कुमार पांडेय का कहना है कि न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि आशुतोष पांडेय और अरविन्द कुमार मंडल कॉलेज नहीं जा सकते हैं. प्रशासन का आर्डर सेट ए साइट हो गया है. लेकिन ट्रस्ट के नाम से जमीन है ऐसे में ट्रस्ट को प्रशासन एकाउन्ट हेंडओवर करें. खाता हेंडओवर करने के बाद सब कुछ सुचारू हो जाएगा. खाता का जिम्मा मिलते ही चार महीने से जिन शिक्षकों का पेमेंट रूका है, उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा तो पढ़ाई सुचारू रूप से होने लगेगी.

वहीं संस्थान के सचिन कुमार सिंह का कहना है कि 10 अक्टूबर को आदेश आने के बाद यह बताया गया है कि अरविन्द कुमार, आशुतोष पांडेय और लक्ष्मीकांत भारती संस्थान में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं कर सकते हैं. ट्रस्ट कॉलेज को हेंडओवर ले चुका है और संचालन भी कर रहा है. साथ ही साथ हमलोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि खाता को ट्रस्ट को सौंपा जाए. ताकि आगे का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे. इसके अलावा 13 सौ स्टूडेंट का सर्टिफिकेट गलत तरीके से प्रिंसिपल ने अपने पास रखा है, उसे रिलीज करने का प्रशासन से अनुरोध किया गया है.

क्या है मामला

बता दें कि बेंगाबाद के दिघरिया में स्थित केआईटी में विवाद की शुरुआत वर्ष 2015-16 में ही हो गई थी. धीरे-धीरे मामला बढ़ता गया. गबन-मारपीट के अलावा कई चीजें सामने आती गई. बाद में प्रशासन ने हस्तक्षेप किया. फिर मामला झारखंड हाई कोर्ट तक भी पहुंचा. इस बीच सुलह का हरेक प्रयास विफल रहा है.

ये भी पढ़ें- केआईटी के अध्यक्ष पर लगा हत्या की साजिश का आरोप, पूर्व सचिव ने दर्ज कराया मामला

गिरिडीह: इंजीनियरिंग छात्र की मौत मामले में सचिव पर हत्या का आरोप, डायरेक्टर ने मामला दर्ज करवाया

गिरिडीह: जिले का केआईटी शैक्षणिक संस्थान का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में इस संस्थान में पढ़ने वाले बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. जिले के बेंगाबाद अंचल में स्थित खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) के अंदर की लड़ाई पिछले 8-10 वर्ष से चल रही है. यहां संस्थान पर अपना वर्चस्व कायम करने को लेकर खेमेबाजी चल रही है.

संस्थान का मामला प्रशासन से लेकर न्यायालय तक है. इन सब के बीच संस्थान में पढ़ रहे छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. बच्चे अब न्याय की गुहार लगाने गिरिडीह के जिलाधिकारी के पास भी पहुंच रहे हैं. यहां पर पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि उनकी कक्षाएं पिछले दो माह से बंद पड़ी हुई है. बच्चे कहते हैं कि संस्थान के अरविंद कुमार और आशुतोष कुमार पांडेय के बीच चल रही लड़ाई के कारण उनकी पढ़ाई बाधित है. बच्चों ने यह भी बताया कि यहां के शिक्षकों को कई माह से वेतन नहीं मिला है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

संंस्थान को लेकर जिन दो लोगों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, उनमें से एक अरविंद कुमार उर्फ अरविंद कुमार मंडल का कहना है कि मामले को लेकर हाईकोर्ट ने आवश्यक आदेश दे दिया है. उनका कहना है कि एसडीएम कोर्ट के आदेश पर केआईटी की चल-अचल संपत्ति अटैच हुआ था. जो कि उसका चैलेन्ज उन्होंने उच्च न्यायालय में किया था. उन्होंने कहा कि चार्ज वापस मिलते ही स्थिति सामान्य हो जायेगी.

वहीं आशुतोष कुमार पांडेय का कहना है कि न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है कि आशुतोष पांडेय और अरविन्द कुमार मंडल कॉलेज नहीं जा सकते हैं. प्रशासन का आर्डर सेट ए साइट हो गया है. लेकिन ट्रस्ट के नाम से जमीन है ऐसे में ट्रस्ट को प्रशासन एकाउन्ट हेंडओवर करें. खाता हेंडओवर करने के बाद सब कुछ सुचारू हो जाएगा. खाता का जिम्मा मिलते ही चार महीने से जिन शिक्षकों का पेमेंट रूका है, उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा तो पढ़ाई सुचारू रूप से होने लगेगी.

वहीं संस्थान के सचिन कुमार सिंह का कहना है कि 10 अक्टूबर को आदेश आने के बाद यह बताया गया है कि अरविन्द कुमार, आशुतोष पांडेय और लक्ष्मीकांत भारती संस्थान में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं कर सकते हैं. ट्रस्ट कॉलेज को हेंडओवर ले चुका है और संचालन भी कर रहा है. साथ ही साथ हमलोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि खाता को ट्रस्ट को सौंपा जाए. ताकि आगे का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे. इसके अलावा 13 सौ स्टूडेंट का सर्टिफिकेट गलत तरीके से प्रिंसिपल ने अपने पास रखा है, उसे रिलीज करने का प्रशासन से अनुरोध किया गया है.

क्या है मामला

बता दें कि बेंगाबाद के दिघरिया में स्थित केआईटी में विवाद की शुरुआत वर्ष 2015-16 में ही हो गई थी. धीरे-धीरे मामला बढ़ता गया. गबन-मारपीट के अलावा कई चीजें सामने आती गई. बाद में प्रशासन ने हस्तक्षेप किया. फिर मामला झारखंड हाई कोर्ट तक भी पहुंचा. इस बीच सुलह का हरेक प्रयास विफल रहा है.

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