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रिनपास की प्रभारी निदेशक डॉ जयति सिमलाई के खिलाफ FIR दर्ज, कार की चपेट में आने से हुई थी महिला की मौत

रिनपास में विक्षिप्त महिला की कार की चपेट में आने से मौत मामले में कांके थाना (Kanke Police Station) में एफआईआर दर्ज किया गया है. इस मामेल में रिनपास की प्रभारी निदेशक डॉ जयति सिमलाई (Director-in-Charge of Rinpas Dr. Jayati Simlai) को आरोपी बनाया गया.

FIR registered against Dr Jayati Simlai
FIR registered against Dr Jayati Simlai
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Published : Aug 7, 2022, 6:11 PM IST

रांची: रिनपास में विक्षिप्त महिला के कार की चपेट में आने से घायल और फिर अस्पताल में मौत मामले में कांके थाना में रिनपास के प्रभारी निदेशक डॉ जयति सिमलाई (Director-in-Charge of Rinpas Dr. Jayati Simlai) के खिलाफ 420,279,304(A) धारा आईपीसी के तहत कांके थाना (Kanke Police Station) में मामला दर्ज किया गया है. सिविल कोर्ट (Civil Court) में दायर कंप्लेन केस में सुनवाई करते हुए CJM (चीफ़ जयूडिशियल मेजिस्ट्रेट) ने कांके थाना को मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. उसी आदेश बाद डॉ जयति सिमलाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें: रिनपास निदेशक पर गैर इरादतन हत्या का केस होगा दर्ज, कोर्ट ने दिया आदेश


सिविल कोर्ट (Civil Court) में सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी बहस में अदालत से यह आग्रह किया था कि तत्काल जयती सिमलाई का RINPAS से दूसरी जगह ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाये, क्योंकि इस मामले में उनके ऊपर ही आरोप लग रहे हैं. अगर उनके रहते इस मामले की जांच होती है, तो वे अपने पद का दुरूपयोग कर जांच को प्रभावित कर सकती हैं. शिकायतकर्ता की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित करते हुए कांके थाना को CRPC की धारा 156 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.

रिनपास में हुई इस घटना के बाद निदेशक जयती सिमलाई के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. रांची CJM (चीफ़ जयूडिशियल मेजिस्ट्रेट) की कोर्ट में कम्प्लेन केस दायर किया गया. कांके के रहने वाले सोनू मुंडा ने अपने अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी के माध्यम से परिवाद वाद दायर किया. परिवाद वाद में यह तथ्य कोर्ट के समक्ष लाया गया कि किस तरह जयती शिमलई की गाड़ी के कुचलने से वहां की एक महिला मरीज की मृत्यु को गई और RINPAS प्रबंधन ने मिलीभगत से इस पूरे मामले को दूसरा रूप दे दिया. कम्प्लेन करने वाले अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी ने कहा है कि हर इंसान के जान की कीमत एक बराबर होती है.

रिनपास कैंपस में विक्षिप्त महिला कार की चपेट में आने से घायल हुई थी. जिसकी मृत्यु इलाज के दौरान हो गई. यह बात जयती सिमलई के स्पष्टीकरण से भी स्पष्ट है. लेकिन गंभीर स्थिति में जब विक्षिप्त महिला को रिम्स ले जाया गया, तब वहां झूठ बोला गया. उन्होंने कह दिया गया कि महिला करंज के पेड़ से गिर गई थी. 14 अप्रैल को विक्षिप्त महिला की मौत हो गई. इसके बाद रिम्स ओपी की पुलिस ने रिनपास की नर्सिंग स्टाफ सिस्टर मुनुरेन बारला का बयान दर्ज किया. मुनुरेन बारला ने पुलिस को बताया कि विक्षिप्त महिला पेड़ से गिर गई थी. उसे रिम्स लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मामले को लेकर कांके थाना प्रभारी ब्रज कुमार ने बताया कि एक मामले कोर्ट के आदेश के आलोक में रिनपास के निदेशक जयति सिमलाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. आईपीसी की धारा 420 279 304(A) के तहत पार्टी बनाया गया है.

रांची: रिनपास में विक्षिप्त महिला के कार की चपेट में आने से घायल और फिर अस्पताल में मौत मामले में कांके थाना में रिनपास के प्रभारी निदेशक डॉ जयति सिमलाई (Director-in-Charge of Rinpas Dr. Jayati Simlai) के खिलाफ 420,279,304(A) धारा आईपीसी के तहत कांके थाना (Kanke Police Station) में मामला दर्ज किया गया है. सिविल कोर्ट (Civil Court) में दायर कंप्लेन केस में सुनवाई करते हुए CJM (चीफ़ जयूडिशियल मेजिस्ट्रेट) ने कांके थाना को मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. उसी आदेश बाद डॉ जयति सिमलाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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सिविल कोर्ट (Civil Court) में सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी बहस में अदालत से यह आग्रह किया था कि तत्काल जयती सिमलाई का RINPAS से दूसरी जगह ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाये, क्योंकि इस मामले में उनके ऊपर ही आरोप लग रहे हैं. अगर उनके रहते इस मामले की जांच होती है, तो वे अपने पद का दुरूपयोग कर जांच को प्रभावित कर सकती हैं. शिकायतकर्ता की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित करते हुए कांके थाना को CRPC की धारा 156 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.

रिनपास में हुई इस घटना के बाद निदेशक जयती सिमलाई के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. रांची CJM (चीफ़ जयूडिशियल मेजिस्ट्रेट) की कोर्ट में कम्प्लेन केस दायर किया गया. कांके के रहने वाले सोनू मुंडा ने अपने अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी के माध्यम से परिवाद वाद दायर किया. परिवाद वाद में यह तथ्य कोर्ट के समक्ष लाया गया कि किस तरह जयती शिमलई की गाड़ी के कुचलने से वहां की एक महिला मरीज की मृत्यु को गई और RINPAS प्रबंधन ने मिलीभगत से इस पूरे मामले को दूसरा रूप दे दिया. कम्प्लेन करने वाले अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी ने कहा है कि हर इंसान के जान की कीमत एक बराबर होती है.

रिनपास कैंपस में विक्षिप्त महिला कार की चपेट में आने से घायल हुई थी. जिसकी मृत्यु इलाज के दौरान हो गई. यह बात जयती सिमलई के स्पष्टीकरण से भी स्पष्ट है. लेकिन गंभीर स्थिति में जब विक्षिप्त महिला को रिम्स ले जाया गया, तब वहां झूठ बोला गया. उन्होंने कह दिया गया कि महिला करंज के पेड़ से गिर गई थी. 14 अप्रैल को विक्षिप्त महिला की मौत हो गई. इसके बाद रिम्स ओपी की पुलिस ने रिनपास की नर्सिंग स्टाफ सिस्टर मुनुरेन बारला का बयान दर्ज किया. मुनुरेन बारला ने पुलिस को बताया कि विक्षिप्त महिला पेड़ से गिर गई थी. उसे रिम्स लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मामले को लेकर कांके थाना प्रभारी ब्रज कुमार ने बताया कि एक मामले कोर्ट के आदेश के आलोक में रिनपास के निदेशक जयति सिमलाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. आईपीसी की धारा 420 279 304(A) के तहत पार्टी बनाया गया है.

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